आपराधिक षडयंत्र करने वाले आरोपी की न्यायालय ने की अग्रिम जमानत निरस्त
विदिशा। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम श्री आत्माराम टांक ने भादवि की धारा 120बी, 419, 420, 465, 468, 471 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1)डी सहपठित धारा 13(2) एवं धारा 7सी संशोधित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 में, आरोपी बृजेन्द्र सिंह वर्मा द्वारा प्रस्तुत अग्रिम जमानत आवेदन को निरस्त कर दिया। उक्त आवेदन पर विशेष लोक अभियोजक श्री नरेश कुमार गुप्ता ने विरोध किया तथा तर्क दिए कि आवेदक/आरोपी द्वारा अन्य दो आरोपीगण के साथ षडयंत्र किया गया है तथा आरोपी के द्वारा तथ्यो को छुपाया गया है फिंगरप्रिंट रिपोर्ट मे भी यह पाया गया है कि आवेदक द्वारा स्वयं को चंदन सिंह जाटव के रूप में प्रतिरूपित कर उसके हस्ताक्षर कूटरचित कर निविदा में भाग लिया गया तथा कार्यादेश प्राप्त कर धोखाधड़ी की है जो कि एक गंभीर अपराध है। आरापी फरार है, उक्त आधारों पर आवेदन पत्र निरस्त किए जाने का न्यायालय से निवेदन किया।
घटना संक्षिप्त में इस प्रकार है कि आवेदक शुभेन्द्र कुमार द्वारा आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को एक आवेदन दिनांक 20.08.2014 को प्रस्तुत कर शिकायत की गई थी, कि श्री आर.के. कार्तिकेय तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी जिला विदिशा द्वारा आरोपी विजेन्द्र वर्मा से मिलकर 33 के.वी. हाईटेंशन लाईन की सिफ्टिंग कार्य में विद्युत विभाग की एजेंसी होने के बावजूद रजिस्टर्ड ठेकेदार फर्म और इलेक्ट्रिकल्स के प्रोपराइटर श्री चंदन जाटव के नाम से निविदा के संज्ञान में लाए बिना चंदन जाटव के फर्जी हस्ताक्षर कर निविदा प्राप्त की गई तथा निविदा के आधार पर अवैध रूप से कृष्णा काॅलोनी विदिशा में कार्यादेश प्राप्त कर अपराध कारित किया आरोपी बृजेन्द्र सिंह वर्मा द्वारा स्वयं को चंदनसिंह जाटव के रूप में प्रतिरूपित कर उसके हस्ताक्षर कर निविदा फार्म प्राप्त किया था। उक्त निविदा के आधार पर अवैध रूप से कृष्णा काॅलोनी विदिशा से गुजरने वाली 33 के.वी हाईटेंशन लाईन शिफ्टिंग का कार्य जारी होने के तथ्य प्रकाश में आने के बाद भी उक्त अवैध कार्य के संबंध में आरोपी चंदन ने अपनी मौन स्वीकृति दी है तथा अवैध कार्य को रोकने की कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं की। आरोपीगण बृजेन्द्र सिंह वर्मा, चंदन सिंह जाटव तथा आर.के. कार्तिकेय के विरूद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा अपराध क्रमांक 13/2018 भादवि की धारा 120बी, 419, 420, 465, 468, 471 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1)डी सहपठित धारा 13(2) एवं धारा 7सी संशोधित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 के अंतर्गत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
उक्त प्रकरण में शासन की ओर से अग्रिम जमानत आवेदन का विरोध विशेष लोक अभियोजक श्री नरेश कुमार गुप्ता के द्वारा किया गया
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