मेला आयोजन पर हुआ मंथन

खरगोन। गुरूवार को स्वामी विवेकानंद सभागृह में जिला स्तरीय संकट प्रबंधन समुह की बैठक संपन्न हुई। बैठक में संकट प्रबंधन समुह के सदस्यों ने नवग्रह मेले के आयोजन कों लेकर अपने-अपने पक्ष रखें। सभी सदस्यों का मत है कि जिस तरह प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में मेले आयोजित हो रहे है, उसी तरह नवग्रह मेला भी कोविड की गाईडलाईन के अनुसार आयोजित किया जा सकता है। वहीं सदस्यों ने नवग्रह मेले की तिथि को लेकर कहा कि प्रशासन जब भी निर्धारित करें, मेला आयोजित किया जाएगा। मेला आयोजन को लेकर कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी ने कहा कि 31 जनवरी तक जिले में धारा-144 लागू है। इस अवधि में मेला आयोजित करना संभव नहीं है। हालांकि पूर्व परंपरा के अनुसार 14 जनवरी मकर संक्रांति के अवसर पर मेले के लिए भूमिपूजन कर सकते है। इसके अतिरिक्त बैठक में कोविड-19 के बारे में विस्तार से पीपीटी के माध्यम से सीएमएचओ डॉ. रजनी डावर ने जानकारी प्रस्तुत की। साथ ही उन्होंने कहा कि शुक्रवार को टीकाकरण को लेकर ड्राय रन किया जाएगा। इसके लिए जिला चिकित्सालय यूपीएससी सुखपुरी और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरूड़ को चुना गया है।

मेले में सांस्कृतिक आयोजन नहीं होंगे

संकट प्रबंधन समुह की बैठक में समुद के सदस्यों ने अपनी-अपनी ओर से कोविड की गाईडलाईन का पालन करते हुए दुकानें लगाने की बात कहीं। विधायक श्री रवि जोशी ने यह भी कहा कि सांस्कृतिक आयोजन इस वर्ष नहीं किए जाएंगे। साथ ही अन्य सदस्यों ने मेले में गुरूवार व रविवार को ज्यादा भीड़ को लेकर भी अलग-अलग विचार रखें। नगर पालिका सीएमओ श्रीमती प्रियंका पटेल ने कहा कि समिति और जिला प्रशासन का जो निर्णय होगा, उसी के अनुसार कोविड का पालन कराते हुए मेला आयोजित किया जा सकता है। मेला आयोजित करने के संबंध में कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह ने कहा कि 2-3 तीन दिनों बाद शासन व इंदौर कमिश्नर से इस मामले पर विचार करने के बाद मेला आयोजन के लिए कोविड गाईडलाईन निर्धारित करने के बाद ही मेला आयोजित किया जाएगा। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री शैलेंद्रसिंह चौहान, अपर कलेक्टर बीएस सोलंकी व एमएल कनेल, एसडीएम सत्येंद्रसिंह सहित समुह के सदस्य उपस्थित रहे।

कलेक्टर ने दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र की चार स्कूलें ली गोद

जिले की 337 स्कूलों को जिले के अधिकारी रखेंगे निगरानी

खरगोन। सीएम राईज स्कूलों पर अब अधिकारियों की प्रत्यक्ष रूप से नजरे रहेगी। मप्र शासन ने निर्धारित किया है कि सीएम राईज स्कूलों को संबंधित जिले के अधिकारी गोद ले और शिक्षा गुणवत्ता पर ध्यान दें। इसी के तहत सीएम राईज स्कूलों की निगरानी के लिए कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी ने आदेश जारी कर दिए है। इसके पश्चात इन स्कूलों को गोद लिए जाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी केके डोंगरे ने विभिन्न अधिकारियों को सुपुर्द भी किया है। शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी ने जिले के सबसे दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों की 4 स्कूलों को गोद लिया है। कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह ने भगवानपुरा जनपद में जूना बिलवा की प्राथमिक शाला, झिरन्या के पलोना, खारवा और गाडग्याआम की माध्यमिक शाला को गोद लिया है। वहीं अपर कलेक्टर एमएल कनेल ने झिरन्या विकासखंड में धुपा बुजुर्ग की प्राथमिक व रूफाटा की माध्यमिक शाला तथा अपर कलेक्टर बीएस सोलंकी ने झिरन्या विकासखंड की मनीकेरा व पीढ़ी जामली की माध्यमिक शालाओं को गोद लिया। इसी तरह जिले के विभिन्न अधिकारियों को ऐसी स्कूले गोद लेने के निर्देश है। इसी के आधार पर एसडीएम, तहसीलदार, जनपद सीईओ सहित अन्य विभागों के अधिकारियों ने भी स्कूले गोद ली है।

शिक्षा गुणवत्ता रहेगी प्राथमिकता

जिला शिक्षा अधिकारी डोंगरे ने बताया कि जिले की 337 सीएम राईज स्कूलों को गोद लेने के लिए आदेश जारी कर दिए गए है। इन स्कूलों में अधिकारी प्राथमिक तौर पर शिक्षा गुणवत्ता परखने का प्राथमिकता देंगे। इन स्कूलों पर सतत निगरानी रखकर यहां की गतिविधियों को सुधार में लाने के प्रयास करेंगे। इसके अलावा अधोसंरचना की कमी होने पर जन सहयोग से ऐसी स्कूलों में आवश्यक सुधार करने के भी प्रयास करेंगे। अधोसंरचना में अप्रोच रोड़, खेल मैदान, बाउंड्रीवॉल पेयजल और बिजली जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं को सुधारने के लिए ग्रामीणजनों से जन सहयोग प्राप्त करने के भी प्रयास कर स्कूल विकसित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने किचन शेड एवं पोषण वाटिकाओं का किया वर्चुअल लोकार्पण

खरगोन। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने गुरूवार को भोपाल के मिंटो हॉल से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आयोजित हुए वर्चुअल कार्यक्रम में 7 हजार से अधिक पोषण वाटिकाओं एवं 2 हजार 500 से अधिक किचनशेड निर्माण कार्याे का लोकार्पण किया। विभाग के मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम योजना के तहत् किचनशेड एवं पोषण वाटिकाओं का निर्माण कराया गया है। इसी के अंतर्गत जिले में 76 किचनशेड एवं 184 पोषण वाटिकाओं का लोकार्पण कराया गया। वर्चुअल कार्यक्रम का प्रसारण समस्त विकासखंडों एवं ग्राम पंचायतों में किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा इस आयोजन के दौरान कुछ जिलों के मध्यान्ह भोजन के रसोईयों, स्वसहायता समूहों की महिला सदस्यों एवं शाला प्रबंधन समिति के सदस्यों एवं उपस्थिति जनप्रतिनिधियों, व्यक्तियों से वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से सीधे चर्चा की गई। जिला स्तर पर स्वामी विवेकानंद सभागृह में मुख्यमंत्री श्री चौहान के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण वीडियों कांफ्रेसिंग के देखा व सुना गया। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ श्री गौरव बेनल, टॉस्क मैनेजर-एमडीएम सुश्री निर्मला कुशवाह, तकनीकी सहायक नीरज अमझरे एवं स्वसहायता समूह की महिलाएं तथा रसोईयन उपस्थित रहीं।

हरी ताजी शुद्ध आर्गेनिक सब्जियां उपलब्ध कराने के लिए तैयार की पोषण वाटिकाएं

जिला पंचायत कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत् सभी छात्र-छात्राओं को मध्यान्ह भोजन दिया जाता है। स्वसहायता समूहों द्वारा मध्यान्ह भोजन शालाओं मे ही तैयार कर छात्रों को वितरित कराया जाता है। विद्यालयों में किचनशेड न होने के कारण खुले में भोजन पकाने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है, किचनशेड बनने से भोजन पकाने में सुविधा होगी। छात्रों को स्वच्छ एवं पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए शासकीय विद्यालयों में व्यवस्थित किचनशेड बनाने के साथ-साथ हरी ताजी शुद्ध आर्गेनिक सब्जियां उपलब्ध कराने के लिए पोषण वाटिकाओं तैयार कराई गई है। इन पोषण वाटिकाओं अलग-अलग पोषण से भरपूर, विभिन्न प्रकार की सब्जिया उगाई जा रही है। छात्रों में पोषणपूर्ति को ध्यान में रखते हुए संतुलित आहार के रूप में इन्हीं सब्जियों में से प्रतिदिन अलग-अलग तरह की सब्जियों को पकाकार छात्रों को परोसा जाएगा। इन वाटिकाओं में केवल जैविक खाद एवं जैविक कीट नाशकों का ही उपयोग किया जाता है, जिससे केवल शुद्ध आर्गेनिक सब्जियां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो रही है तथा इन्हें खाने से विद्यार्थियों की सेहत ठीक रहती हैं।

महिला बाल विकास विभाग की योजनाओं की जानकारी अब ऑन डिमांड रेडियों एप्प पर

खरगोन। मप्र जैसे भौगोलिक रुप से विशाल एवं खाद्य विविधता वाले राज्य में सामाजिक एवं व्यवहार परिवर्तन एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। ऐसे में स्थानीय भाषा/बोली में संदेशों का आदान-प्रदान हितग्राहियों, आमजनों के व्यवहार परिवर्तन में सहयोगी हो सकता है। कोविड-19 की वजह से वर्ष 2020 हम सबके लिए चुनौतीपूर्ण रहा है। इस चुनौती ने हम सबको आत्मनिर्भर बनने और संवाद के नए साधनों को विकसित करने का मौका भी दिया है। इसी के दृष्टिगत और वोकल फ़ॉर लोकल की संकल्पना को ध्यान में रखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग, विभागीय योजनाओं, संदेशों के प्रचार-प्रसार तथा व्यवहार परिवर्तन के लिए एंड्रायड एप्प anganwadi.radio तैयार किया गया है। यह ऑन-डिमांड रेडियों एप प्ले स्टोर पर anganwadi.radio के नाम से उपलब्ध है। जहां से इसे मोबाईल में डॉउनलोड किया जा सकता है। संभवतः मध्यप्रदेश, देश का पहला राज्य है जहां किसी शासकीय विभाग द्वारा विभागीय योजनाओं, संदेशों के प्रचार-प्रसार तथा व्यवहार-परिवर्तन के लिए इस तरह की नवीन टेक्नॉलाजी का उपयोग करते हुए ऑन-डिमांड रेडियों एप्प तैयार किया गया है। आंगनवाड़ी रेडियो का मुख्य उद्देश्य हितग्राही किशोरी बालिकाओं, महिलाओं के साथ ही आमजनों तक स्वास्थ्य, पोषण, विभागीय कार्यक्रमों, गतिविधियों व योजनाओं की जानकारियां और संदेश ऑडियों फॉरमेट में पहुंचाना है। यह हिंदी भाषा के साथ ही स्थानीय बोलियों (भीली, गोंडी, कोरकू, बुंदेलखंडी आदि) में भी रहेगी। स्थानीय बोलियों में संदेशों का आदान-प्रदान करने से आंगनवाड़ी रेडियों व्यवहार परिवर्तन में सहयोगी माध्यम साबित होगा।

उपयोगकर्ता इन जानकारियों को क्षेत्रवार भी सुन सकते है

आंगनवाड़ी रेडियों के माध्यम से संदेश, जिंगल, नाटक, कहानी, प्रश्नोत्तरी आदि ऑडियों केटेगरी के अंतर्गत पोषण शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, विकास, महिला सशक्तिकरण, बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं आदि विषयों को सुन सकते हैं। इसके अलावा उपयोगकर्ता इन जानकारियों को क्षेत्रवार भी सुन सकते हैं। बच्चे रोचक एवं शिक्षाप्रद कहानियां भी सुन सकेंगे। विभाग आंगनवाड़ी रेडियों पर दिन में 6 से 8 घंटे लाईव प्रसारण भी करेगा। इसमें राज्य एवं जिला स्तर से संदेश आदि प्रसारित किए जा सकेंगे। आमजन के अलावा आंगनवाड़ी रेडियों एप्प में प्रदेश की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए अपने संदेश रिकार्ड कर अपलोड करने के लिए डैशबोर्ड भी दिया गया है। इसके माध्यम से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता स्थानीय बोली में स्वास्थ्य, पोषण आदि पर केंद्रित लोक गीत, संदेश, सफलता की कहानी अपलोड कर सकेंगी जिसे सभी जगह सुना जा सकेगा। विभाग ने प्रारंभिक चरण में सभी से सुझाव भी मांगे हैं, ताकि उसके आधार पर इस एप्प को ज्यादा उपयोगी एवं सहभागी युक्त बनाया जा सके। विभाग की सहयोगिनी मातृ समिति की महिलाओं, किशोरी बालिकाओं के समूह शोर्य दल आदि को भी आंगनवाड़ी रेडियों एप्प के माध्यम से संदेश देने एवं उनकी उपलब्धियों आदि को प्रसारित करने का प्रावधान किया गया है। स्थानीय स्तर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं जनप्रतिनिधियों के संदेश सुझाव आदि भी रिकार्ड कर एप्प में अपलोड कर प्रसारित किया जाएगा।

जिले में कोरोना महामारी से हुई 98वीं मौत

खरगोन। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय द्वारा गुरूवार को हेल्थ बुलेटिन जारी किया गया। जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार पिछले 24 घंटे में 12 व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हुए है तथा 19 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे है। जबकि ग्राम डेडगांव तहसील कसरावद निवासी 65 वर्षीय पुरूष की खरगोन के जिला अस्पताल में उपचार के दौरान 5 जनवरी को मृत्यू हो गई। इन्हें 2 जनवरी को उपचार के लिए अस्पताल में रेफर किया गया था और इसी दिन इनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इस तरह जिले में कोरोना से संक्रमित कुल 5201 मरीज है। इनमें 4963 मरीज स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज हो चुके है। 98 की मृत्यू एवं 148 मरीज स्थिर है। पिछले 24 घंटे में 465 सैंपलों की नेगेटिव रिपोर्ट प्राप्त हुई है तथा 440 नए सैंपल जांच के लिए भेजे गए है। जिले में कुल 96 कंटेनमेंट एरिया है।

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