विधि विरूद्ध जमाव कर हत्या करने वाले आरोपीगण को न्यायालय ने दिया आजीवन कारावास

(विशेष न्यायाधीश श्रीमति माया विश्वलाल ने सनसनीखेज/ जघन्य मामले में सुनाई सजा)

विदिषा। विशेष सत्र न्यायालय अनु.जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) विशेष न्यायाधीश श्रीमति माया विश्वलाल ने आरोपीगण पंकज बघेल पुत्र महेन्द्र बघेल उम्र 32 साल, संजीव उर्फ संजू बघेल पुत्र महेन्द्र बघेल उम्र 25 वर्ष, अर्जुन बघेल पुत्र महेन्द्र बघेल उम्र 21 वर्ष, सचिन उर्फ कल्लू बघेल पुत्र महेन्द्र बघेल उम्र 20 वर्ष और महेन्द्र सिंह बघेल पुत्र कमलसिंह बघेल उम्र 50 वर्ष निवासीगण ग्राम करैया जागीर आरक्षी केन्द्र बासौदा शहर जिला को भादवि की धारा 302/149 एवं एवं 3(2)(v) अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के अंतर्गत आजीवन कारावास व 1000-1000 रूपए जुर्माना व 341/149 भादवि व 3(2)(va) अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के अंतर्गत 01 माह कारावास व 500-500 रूपए जुर्माना की सजा से दंडित किया। उक्त सनसनीखेज /जघन्य ने मामले में डीडीपी/विशेष लोक अभियोजक आई.पी. मिश्रा द्वारा मामले को संदेह से परे प्रमाणित किया गया।

घटना दिनांक 06.07.2018 को सुबह 8 बजे कंछेदी साईकिल से बावड़ी तरफ जा रहा था, नहर पुलिया के पास बावड़ी रास्ते पर गांव के पंकज, संजू, कल्लू, अर्जुन एवं महेन्द्र सिंह बघेल हाथों में कुल्हाड़ी, डण्डा, फर्सा लिये मिले, जिन्होंने जमीन रंजिश पर से रास्ता रोककर कंछेदी के साथ मारपीट की जिससे उसे गंभीर चोट आई, जिससे वह घटना स्थल पर ही जुगराज सिंह से बातचीत कर थोड़ी देर बाद खत्म हो गया। जुगराज ने डायल 100 को फोन किया और कंछेदी को अस्पताल लाये। अस्पताल से उक्त घटना के संबंध में आरक्षी केन्द्र गंजबासौदा को रिपोर्ट प्रेषित की गई थी, जिस पर थाना गंजबासौदा में धारा 174 दप्रसं. के अंतर्गत मर्ग इंटीमेशन लेखबद्ध की गई थी। मर्ग इंटीमेशन के जांच उपरांत थाने में देहाती नालसी लेखबद्ध की गई थी। देहाती नालसी के आधार पर थाने के अपराध क्रमांक 345/2018 आरोपीगण के विरूद्ध भादवि की धारा 147, 148, 149, 302, 341 तथा एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(v) पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था।

प्रकरण में पैरवी शासन की ओर से विषेष लोक अभियोजक/उपसंचालक (अभियोजन) आई.पी. मिश्रा ने की थी। साक्षियों को समय-समय पर समंस जारी कर साक्षियों की समय पर उपस्थिति सुनिष्चित कराने में कोर्ट मोहर्रिर रमाकांत शुक्ला का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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