किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं के पंजीयन के लिए कृषकों को प्रोत्साहित करेंगे-मंत्री

सहकारिता विभाग द्वारा किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं के गठन हेतु दिशा-निर्देश जारी

खरगोन। सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा है कि भारत सरकार के कृषि एवं सहकारिता मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा किसान उत्पादक सहकारी संस्था (एफपीओ) के राज्य के सहकारिता अधिनियमों में पंजीयन हेतु निर्देश प्रदान कर विस्तृत कार्य योजना जारी की गई है। उन्होंने कहा कि किसान उत्पादक सहकारी संस्था के गठन हेतु मध्यप्रदेश सहकारिता अधिनियम 1960 के सुसंगत प्रावधानों के अनुरूप मॉडल बायलॉज का निर्माण किया गया है तथा सभी संयुक्त आयुक्त, उप आयुक्त व सहायक आयुक्त को निर्देशित किया गया है कि वे मैदानी स्तर पर कृषक संगोष्ठी आयोजित कर कृषकों को किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं के पंजीयन के लिये प्रोत्साहित करें। मंत्री डॉ. भदौरिया ने कहा कि मध्यप्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है तथा कृषकों के सामाजिक आर्थिक विकास में सहकारिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कृषकों को आत्मनिर्भर बनाने व संगठित रूप से कृषि सेवाओं की उपलब्धता, विपणन व नई तकनीकों के अंगीकार करने में सहकारिता में गठित किसान उत्पादक संगठन अपनी सार्थक भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता अन्तर्गत मॉडल बायलॉज के अनुसार किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं के गठन हेतु सहकारिता विभाग ने विस्तृत दिशा-निर्देश तैयार किये हैं।

सदस्यों की संख्या कम से कम 21 होगी

आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएँ डॉ. एम.के. अग्रवाल ने बताया कि किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं के गठन के लिये मॉडल बायलॉज में सदस्य संख्या, सदस्यों की पात्रता, कार्यक्षेत्र, अंशपूंजी के साथ ही कार्य योजना व अन्य प्रक्रियाएँ निर्धारित की गई हैं। मॉडल वायलॉज के अनुसार किसान उत्पादक सहकारी संस्था का पंजीयन सहकारिता अधिनियम 1960 के प्रावधान अनुसार हो तथा सदस्यों की संख्या कम से कम 21 हो, जो भिन्न-भिन्न परिवारों के हों। यह सदस्य सहकारी संस्था की सदस्यता की पात्रता रखते हों किन्तु भारत सरकार की योजना से लाभ प्राप्ति के लिये न्यूनतम 300 सदस्य की मापदंड की पूर्ति तथा दिशा-निर्देशों का पालन करने पर ही पात्रता आयेगी।

कार्यक्षेत्र चयनित ग्रामों तक सीमित होगा

आयुक्त सहकारिता डॉ. अग्रवाल ने बताया कि किसान उत्पादक सहकारी संस्था का कार्यक्षेत्र प्रारंभिक स्तर पर कुछ चयनित ग्रामों तक सीमित रखा जाए तथा एक समान संस्था के कार्यक्षेत्र में अन्य उत्पादक सहकारी संस्था का पंजीयन न किया जाए किन्तु भारत सरकार की योजना में सम्मिलित होने पर भारत सरकार के निर्देश भी लागू होंगे। किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं के लिये प्रत्येक सदस्य से निर्धारित अंशपूंजी एकत्रित कर सकेंगे। अंश का न्यूनतम मूल्य 100 रूपये तथा प्रवेश शुल्क 10 रूपये होगा किन्तु अंश मूल्य में वृद्धि प्रवर्तक सदस्य आपसी सहमति से कर सकेंगे।

कार्य योजना स्पष्ट, सारगर्भित एवं सर्वे के अनुरूप हों

आयुक्त डॉ. अग्रवाल ने बताया कि प्रत्येक किसान उत्पादक सहकारी संस्था द्वारा प्रारंभिक कार्य योजना बनवाई जायेगी, जिसके उद्देश्य मॉडल बायलॉज के अनुरूप होने चाहिए। इनसे अलग उद्देश्यों को कार्य योजना में उल्लेख न किया जाए। उन्होंने बताया कि यदि भविष्य में इन संस्थाओं को भारत सरकार के निर्देशों के तहत विस्तृत कार्यक्षेत्र एवं कार्य योजना अनुरूप कार्य करना है तो इसके लिये कार्य योजना स्पष्ट, सारगर्भित एवं सर्वे के अनुरूप बनाई जाये। उन्होंने यह भी बताया कि कार्य योजना के निर्माण के लिये कृषि उद्यानिकी, पशुपालन आदि से संबंधित विभागों एवं एफपीओ विशेषज्ञों की सहायता भी ली जा सकती है।

प्रवर्तक सदस्यों के लिये पात्रता

आयुक्त डॉ. अग्रवाल ने बताया कि किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं में जो भी प्रवर्तक सदस्य होंगे वह अधिनियम, उपनियम के तहत पात्रता रखते हों तथा न्यूनतम एक एकड़ कृषि भूमि के भूमिस्वामी हों, जिसके प्रमाण स्वरूप अद्यतन खसरे की प्रति लगानी होगी। परिचय के रूप में आधार कार्ड, स्वयं का फोटोग्राफ आदि निर्धारित प्रपत्र पात्रता हेतु लिये जाएंगे। इक्विटी शेयर का लाभ प्राप्त करने के लिये कुल सदस्यों में 50 प्रतिशत लघु सीमांत कृषक व महिला कृषकों को भी सदस्य बनाना होगा।

पंजीयक द्वारा समय समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा

किसान उत्पादक सहकारी संस्थाओं के पंजीयन के लिये सहकारी अधिनियम/नियम एवं पंजीयक द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना होगा। इसके अलावा सहकारी संस्थाओं के पंजीयन में उपरोक्त आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ ही भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का भी पालन सुनिश्चित करना होगा।

कृषि महासम्मेलन कार्यक्रम का सीधा प्रसारण गांवों में भी होगा

खरगोन। शुक्रवार 18 दिसंबर को प्रातः 11 बजे से कृषि महासम्मेलन का आयोजन मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की उपस्थिति में आयोजित होगा। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी किया जाएगा। इस कार्यक्रम के सीधे प्रसारण को प्रदेश की सभी ग्राम पंचायत भवन एवं ग्राम में व्यवस्था करने एवं इसके लिए ग्रामवार अधिकारियों की ड्यूटी लगाने के निर्देश पंचायत राज की संयुक्त संचालक शिवानी वर्मा ने सभी जिला एवं जनपद पंचायतों के सीईओ को दिए है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत कार्यालयों में उपलब्ध टीवी व कम्प्यूटर में कार्यक्रम देखने के लिए समुचित व्यवस्था करें, ताकि ग्रामीणजन उपस्थित होकर सुविधापूर्वक कार्यक्रम देख सके। इस कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार ग्रामों में डोंडी पिटवाकर एवं सोशल मीडिया के माध्यम से किया जाएं।

55 वनाधिकार पट्टे हुए स्वीकृत

खरगोन। स्वामी विवेकानंद सभागृह में बुधवार को कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी की अध्यक्षता में वनाधिकार समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में समिति के सदस्य -सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त जेएस डामोर ने उप खंड स्तरीय समिति द्वारा मान्य दावे पर चर्चा की। जिले की भगवानपुरा में 28, झिरन्या में 1, कसरावद में 3 और बड़वाह में 23 दावे उप खंड स्तरीय समिति द्वारा मान्य किए गए। जिला स्तरीय समिति ने इन सभी 55 दावों को मान्य कर व्यक्तिगत अधिकार पत्र दिए जाने की अनुशंसा की। बैठक में खरगोन वन मंडलाधिकारी जेएस भार्गव, बड़वाह वन मंडलाधिकारी सीएस चौहान, समिति सदस्य नानूराम हिरालाल भूरिया एवं कमलसिंह नवलसिंह उपस्थित रहे।

विभागों में आवश्यक वस्तुओं का क्रय लघु उद्योग के माध्यम से करने के आदेश जारी

खरगोन। शासकीय विभागों में आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं का क्रय मप्र लघु उद्योग निगम के माध्यम करने के आदेश मप्र लघु उद्योग निगम लिमिटेड के प्रबंध संचालक भास्कर लाक्षाकार द्वारा जारी किए गए है। उन्होंने कहा कि मप्र भंडारण क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम-2015 के नियम-8 में भी यह प्रावधान है कि अनारक्षित सामग्री की दरें मप्र लघु उद्योग निगम में उपलब्ध होने की दशा में क्रयकर्ता द्वारा इस संस्था से भी सामग्री क्रय की जा सकेगी। वस्तुओं के क्रय के लिए पूर्ण पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुए ई-टेंडरिंग प्रणाली में अखिल भारतीय एवं राज्य स्तरीय निविदाएं एनआईसी के पोर्टल https://mptenders.gov.in पर आमंत्रित की जा रही है। प्रबंध संचालक श्री लाक्षाकार ने बताया कि लघु उद्योग निगम एकमात्र उपार्जनकर्ता एजेंसी है, जिसके द्वारा एंड टू एंड डिजीटाईजेशन अपनी संपूर्ण प्रक्रियाओं का किया गया है, ताकि अधिकतम बेहतर दरों पर वस्तुओं का प्रदाय किया जा सके। क्रयकर्ता विभाग अपना इनडेंट (मांग) भी ऑनलाईन दर्ज करवा सकते है तथा कार्यादेश जारी करना, परिवर्तन करना इत्यादि भी ऑनलाईन किए जा रहे है। नवाचारों के अंतर्गत निगम ने प्रदाय सामग्री के गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित किया है।


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