जिले में बिक रहा है जहरीली व मिलावटी नमकीन
खरगोन (देवेन्द्र मोरे)। जिले में सैव मिक्सर बनाने के कारखाने जगह जगह अवैध रूप से संचालित है रहे हैं। खाद्य सामग्री बनाते और बेचते समय फूड सेफ्टी का कानूनों का पालन जरूरी है। सेव-नमकीन से जुड़े व्यापारी शासन के नियमों का पालन नहीं करते हैं घातक पदार्थों का सेव मिक्चर में इस्तेमाल कर रहे हैं ।हम खरगोन नगर की बात करें तो शहर में चालिसा पचास कारखाने चल रहें हैं जो नमकीन 60 से 70 रुपए किलो बेच रहे हैं जब की चने की दाल 90 से 100 रुपय किलों हे जिला प्रशासन और व्यापारियों के बीच परस्पर संवाद नहीं हो रहा है। जिला प्रशासन द्वारा इसके लिये एक कमेटी का गठन किया जाये, जो व्यापरियों की शंका का समाधान करें। नमकीन निर्माण में अच्छी क्वालिटी का बेसन,तेल, और मसाला इस्तेमाल करना जरूरी है। मिक्चर सेव में इस्तेमाल होने वाला तेल तीन बार से ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। बार-बार इस्तेमाल होने वाला तेल कैंसर कारक बनता है। मिक्चर में तेल के तीन बार इस्तेमाल करने के बाद तेल बेच देने चाहिये, उससे बॉयो डीजल बनता है। जिले में 70 प्रतिशत व्यापारी ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे हैं। व्यापारीगण खतरनाक रसायनों और मिलावटी मसालों का उपयोग खुले आम करें रहें हैं यह सब स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में व्यापार में नैतिकता नहीं रहीं है। लाभ कमाने के लिये शार्टकट अपनाना उचित नहीं है। शार्टकट के चक्कर में लाखों लागों की जिंदगी में कैंसर जैसी घातक बीमारी हो रही हैं। जिला प्रशासन द्वारा व्यापारियों की शंका समाधान के लिये कमेटी का गठन किया जायेगा।
मिक्चर फैक्ट्री के आस-पास साफ-सफाई होना चाहिये। व्यापारियों को घर में मसाला पीसना चाहिये। फैक्ट्री में शौचालय होना चाहिये और पेस्ट कंट्रोल करना चाहिये। चूहा और मक्खी नहीं होना चाहिये। फैक्ट्री में कच्चा माल और पक्का माल नीचे जमीन पर नहीं रखना चाहिये। फैक्ट्री हर साल रंगाई-पुताई होना चाहिये। फैक्ट्री के कर्मचारी ड्रेस में होना चाहिये। उनके सर में टोपी, पैर में जूते और सीने पर स्कार्फ होना जरूरी है।
खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि खाद्य पदार्थों में मीठा सोड़ा इस्तेमाल किया जा सकता है। मिलावटी खाद्य पदार्थ पर कानूनी कार्यवाही की जाती है। हींग, मिर्ची, नमक, हल्दी सभी शुद्ध होना चाहिये। खाने-पीने की सामग्री जमीन पर रखने से उसमें नमी आ जाती है। फर्श पक्की होना चाहिये। बिना प्रशिक्षण के नमकीन व्यवसाय नहीं करना चाहिये। नमकीन व्यवसायों के लिये लायसेंस जरूरी है।
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