बेटियों ने मिलाया माता-पिता को, नेशनल लोक अदालत में हुआ राजीनामा
खरगोन। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार शनिवार को खरगोन स्थित न्यायालय में वर्ष 2020 की आखिरी नेशनल लोक अदालत आयोजित की गई। यह लोक अदालत अपने आप में एक मिशाल है क्योंकि कोरोना संक्रमण होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क लगाकर नेशनल लोक अदालत आयोजित करने के निर्देश दिए। उसी के अनुसार शनिवार को नेशनल लोक अदालत में न्याय पक्ष और आवेदक भी दोनों तरह सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क युक्त नजर आएं। प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रट प्रियंका चौहान की कोर्ट में भरण पोषण के मामले में 5 पुत्रियों ने अपने माता-पिता का समझौता करवाया। आज से 20 वर्ष पूर्व मेनगांव-डोंगरगांव की मनीषा का विवाह मेनगांव-रायबिड़पुरा के सेवकराम से हुआ था। इन दोनों की 5 पुत्रियां हुई। उस समय साधारण रूप से जीवन यापन करते रहें, लेकिन कुछ समय पश्चात दोनों के आपसी मतभेद होने से दोनों अलग-अलग रहने लगे। मनीषा अपनी 5 पुत्रियों के साथ अपने माता-पिता के यहां निवास करने लगी। समय के साथ-साथ पुत्रियां बड़ी हुई, तो अपनी माता की परेशानियां और भविष्य को देखते हुए दोनों को मिलाने के प्रयास किएं। वर्ष 2019 में पुत्रियों के भरण पोषण के लिए न्यायालय में मामला दर्ज कराया गया। नेशनल लोक अदालत में पुत्रियों ने अपने माता-पिता को एक करने के प्रयास किए। आखिरकार माता-पिता दोनों राजी हुए और एक साथ अपने घर को लौट गए।
संगीता व कमलेश फिर एक हुए
ग्राम इंजलवाड़ा की संगीता और कमलेश का विवाह 11 वर्ष पूर्व हुआ था। इनसे 2 पुत्र हुए जो संगीता के साथ रह रहे। शादी के कुछ समय पश्चात आपसी मतभेद होने के बाद संगीता व कमलेश दोनों अलग हो गए। संगीता अपने माता-पिता के साथ रहने लगी। जनवरी 2020 में संगीता ने भरण पोषण के लिए मामला न्यायालय में दर्ज कराया। शनिवार को आयोजित हुई नेशनल लोक अदालत में प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रट प्रियंका चौहान ने दोनों का आपसी समझौता कराने में सफल हुई और खरगोन न्यायालय से वे दोनों एक साथ रहने के लिए अपने घर पहुंचे।
136 लंबित प्रकरणों का हुआ निराकरण
खरगोन न्यायालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार को आयोजित हुई नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित प्रकरणों और प्रीलीटिगेशन प्रकरणों की सुनवाई हुई। न्यायालय में लंबित प्रकरण 1076 नेशनल अदालत में रखे गए, जिनमें से 136 का निराकरण हुआ। इसमें 1 करोड़ 46 लाख 66 हजार 281 रूपए की वसूली हुई। इसी तरह प्रीलीटिगेशन के 6 हजार 779 प्रकरण रखे गए, जिनमें 1 हजार 176 का निराकरण किया गया। प्रीलीटिगेशन के मामले में 60 लाख 42 हजार 900 रूपए की वसूली की गई। नेशनल लोक अदालत में 78 अपराधिक शमनीय प्रकरण रखे गए, जिनमें से 17, धारा 188 के 376 मामलों में 17, मोटरयान अधिनियम के 194 में 16, श्रम विवाद प्रकरण में 55 में से 17 प्रकरणों का निराकरण हुआ।
इन प्रकरणों का भी हुआ निराकरण
इसी तरह नेशनल लोक अदालत में विद्युत बिल प्रकरण में 44 में से 16, वैवाहिक प्रकरणों में 87 में से 23, अन्य दिवानी मामलों में 107 में से 10 और अन्य प्रकरणों में 135 में से 20 निराकृत हुए। इसके अलावा प्रीलीटिगेशन प्रकरणों में बैंक रिकवरी के 5 हजार 398 में से 95, विद्युत बिल प्रकरण में 200 में से 107, जलकर प्रकरण में 400 में से पूरे 400 एवं अन्य प्रकरणों में 781 में से 574 निराकृत हुए। प्राप्त जानकारी के शनिवार को जिला मुख्यालय सहित विभिन्न तहसीलों में भी नेशनल लोक अदालत की गई, जहां विभिन्न प्रकरणों का निराकरण किया गया।
खरगोन तहसील न्यायालय के 139 प्रकरण हुए निराकृत
खरगोन। शनिवार को आयोजित हुई नेशनल लोक अदालत में तहसीलदार न्यायालय में नामांतरण, बंटवारा, रास्ता विवाद, सीमांकन, अतिक्रमण व ऋण पुस्तिका के प्रकरण रखे गए। खरगोन नगर व ग्रामीण तहसीलदार न्यायालय तथा नायब तहसीलदार ग्रामीण व नगर में कुल 139 विभिन्न प्रकार के प्रकरणों को निराकृत किया गया। नायब तहसीदार मुकेश निगम ने बताया कि खरगोन तहसीलदार नगर ग्रामीण व नायब तहसीलदार कोर्ट में 162 प्रकरण रखे गए थे, जिनमें से 139 प्रकरणों का निराकरण हुआ। वहीं अतिक्रमण के प्रकरणों में 91 हजार रूपए की वसूली की गई। राजस्व के प्रकरणों में 188 नागरिक लाभांवित हुए।
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