मॉर्डन मनुष्य की सबसे बड़ी भूल, एनर्जी का अंधाधुन उपभोग
मप्र के सोलर एनर्जी ब्रांड एंबेसेडर ने आदत बदलने का किया अनुरोध
खरगोन। मप्र शासन ने बाम्बे में भीकनगांव के डॉ. चेतन सोलंकी को सौलर एनर्जी में प्रदेश का ब्रांड एंबेसेडर नियुक्त किया है। आईआईटी बाम्बे में प्रोफेसर के तौर पर कार्य कर रहे डॉ. सोलंकी 26 नवंबर से भारत देश की सौलर स्वराज यात्रा पर निकले है। वर्ष 2030 तक अपनी इस यात्रा में देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर बिजली की खपत कम करते हुए सौलर एनर्जी का उपयोग और मनुष्य की आदतों को बदलने का अनुरोध कर रहे है। मंगलवार को डॉ. सोलंकी ने खरगोन के महाविद्यालय में प्रोफेसर, व्याख्याताओं, शहर के बुद्धिजीवी और विद्यार्थियों के बीच सौलर एनर्जी और मानव जीवन पर अपना उद्बोधन दिया। अपने उद्बोधन में डॉ. सोलंकी ने वर्तमान मॉर्डन मनुष्य की सबसे बड़ी तीन भुल के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि मानव इस धरती का सबसे बड़ा खतरनाक प्राणी है, जो अपनी आवश्यकता को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। उन्होंने कहा कि मॉर्डन मनुष्य की लालच आने वाली पीढ़ी के लिए सबसे घातक साबित होगी। इसके परिणाम आज से ही मिलना प्रारंभ हो गए है। डॉ. सोलंकी ने कहा कि मॉर्डन मनुष्य ने जमीन से पानी निकालना तो सीख लिया, लेकिन बारिश में पुनः धरती को पानी लौटाने की नहीं सोची, यहीं मनुष्य की मुर्खता है। साथ ही मनुष्य की सबसे बड़ी भूल उसकी अज्ञानता भी है। वह सब कुछ जानते हुए भी अज्ञानी बनकर नजर अंदाज करने लगा है। यही सबसे बड़ी मुसीबत का कारण है। हम सब आने वाली पीढ़ी को प्यार नहीं, बल्कि मृत्यू का न्यौता दे रहे है। कार्यक्रम में प्रभारी प्राचार्य शैल जोशी उपस्थित रही।
मानव जीवन की उल्टी गिनती शुरू
आईआईटी में प्रो. डॉ. चेतन सोलंकी ने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि धीरे-धीरे हम जीवन समाप्ति की ओर बढ़ रहे है। एनर्जी बचाने का काम सिर्फ सरकारों का ही नहीं है अब हम सबको आगे आना होगा। प्रेसवार्ता में डॉ. सोलंकी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि विश्व की कई वेबसाईट और संस्थाओं ने मानव जीवन की उल्टी गिनती शुरू कर दी है। मौजूदा समय में हमारे आसपास जिस तरह कार्बन डाईआक्साईड है, उसके अनुसार कई प्रजातियां पेड़-पौधे और यहां तक की पशु-पक्षियों का अस्तित्व भी खत्म होते जा रहा है। इसी तरह किसी दिन मानव का अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा। इससे पहले हम सबकों जागना होगा और अपने आदतें बदलनी होगी।
बदलनी होगी आदतें
माईक्रों इलेक्ट्रॉनिक्स में अध्ययन करने के बाद डॉ. सोलंकी ने सौलर एनर्जी की पढ़ाई प्रारंभ की। उन्होंने प्रेसवार्ता और कॉलेज में दिए गए उद्बोधन में उपाय भी सुझाएं। डॉ. सोलंकी ने कहा कि हमकों बिजली कनेक्शन मुक्त घर करने होंगे। वहीं फ्रिज व एसी जैसे उपकरणों का उपयोग कम करना होगा। कोशिश करें कि सर्दी के सीजन में इन दिनों का उपयोग बंद कर दें। जितने पानी की आवश्यकता होती है, उतना ही उपयोग करें और ज्यादातर पानी जमीन में वापस करने का काम कर सकते है। सबसे ज्यादा समाज में इसे चर्चा का विषय अवश्य बनाए। हर एक के साथ इस पर विचार साझा करें। जितने ज्यादा लोग इस पर विचार करें, उतनी ज्यादा जागरूकता आएगी और सोलर एनर्जी के प्रति विश्वास बढ़ेगा। महाविद्यालय में डॉ. सोलंकी के संबोधन के पश्चात समाजसेवी कल्याण अग्रवाल और डॉ. मेजर अनुराधा ने सभी संबोधित किया। कार्यक्रम का प्रो. राजाराम आर्य ने किया और आभार महेश गुप्ता ने माना।
कलेक्टर से की मुलाकात
डॉ. सोलंकी ने कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी से मुलाकात करते हुए आगामी मानव जीवन पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही उन्होंने इंदौर और उज्जैन के प्रयासों के बारे में बताया। इंदौर के खजराना और उज्जैन के महाकाल मंदिर में सौलर एजर्नी पैनल स्थापित करने का आश्वासन दिया। कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह ने अक्षय ऊर्जा अधिकारी राजेंद्र गोयल से कहा कि ऐसे भवन और स्थान चयन करें, जहां पूरी तरह सौलर पैनल से ऊर्जा का उपयोग कर सकें। मुलाकात के पश्चात कलेक्टर ने सौलर एनर्जी यात्रा वाहन का अवलोकन किया। डॉ. सोलंकी ने कहा कि 11 वर्षों तक यह यात्रा निरंतर जारी रहेगी और देश के कई हिस्सों में पहुंचेगी।
पिछले 24 घंटे में 660 सैंपलों की आई नेगेटिव रिपोर्ट
खरगोन। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय द्वारा मंगलवार को हेल्थ बुलेटिन जारी किया गया। जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार पिछले 24 घंटे में कोरोना से संक्रमित 20 मरीजों की पुष्टि की गई है। वहीं 16 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए है। जबकि ग्राम पंड्याबड़खेड़ी तहसील महेश्वर निवासी 82 वर्षीय पुरूष की खरगोन के जिला चिकित्सालय में उपचार के दौरान 7 दिसंबर को मृत्यू हो गई। इन्हें 26 नवंबर को उपचार के लिए अस्पताल में रेफर किया गया था और 29 नवंबर को इनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इस तरह जिले में कोरोना से संक्रमित कुल 4537 मरीज है। इनमें 4329 मरीज स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज हो चुके है। 82 की मृत्यू एवं 126 मरीज स्थिर है। पिछले 24 घंटे में 660 सैंपलों की नेगेटिव रिपोर्ट प्राप्त हुई है तथा 320 नए सैंपल जांच के लिए भेजे गए है। जिले में कुल 122 कंटेनमेंट एरिया है।
पल्स पोलियो अभियान को लेकर जिला स्तरीय कार्यशाला हुई आयोजित
खरगोन। पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान मंे भारत पोलियो मुक्त हो चुका है एवं लगातार टीकाकरण कार्यक्रम अंतर्गत निरंतर पल्स पोलियो की दवाई 0 से 5 वर्ष तक के बच्चो को पिलाई जाती है। इसके बावजूद भी हमारे पड़ोसी देशो में पोलियो वायरस पाए जाने के कारण अतिरिक्त पल्स पोलियो अभियान 17 जनवरी से 19 जनवरी तक संपादित होगा। अभियान की प्रारंभिक तैयारिया एवं सफल क्रियान्वयन के लिए रणनीति व कार्ययोजना तैयार करने के लिए बीएमओ, एमओ, बीपीएम एवं बीईई की जिला स्तर पर मंगलवार को सीएमएचओ कार्यालय के ट्रेनिंग सेंटर में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में विश्व स्वास्थ्य संगठन से डॉ. राहुल कांबले द्वारा हाईरिस्क एरिये का चिन्हांकन, घुमन्तु समुदाय, ईट भट्टे, शहरी मलिन बस्तियां अभियान दिवसों में आने वाले हाट बाजार एवं स्थानीय मेले आदि के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार करने के लिए बताया गया। उन्होंने कहा कि ब्लॉक टॉस्क फोर्स बैठक अभियान का महत्वपूर्ण पार्ट हैं। पंचायत, महिला बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों को सहयोग के लिए शामिल करें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रजनी डावर द्वारा कहा गया कि अभियान का अधिकत्तम कवरेज प्रथम दिन ही हो यह संदेश समुदाय को आज ही से प्रसारित किया जाए, जिसके लिए प्रत्येक ग्राम में कोटवार के माध्यम से अभियान के तीन दिवस पूर्व से टोंडी पिटवाने का कार्य करवाएं। खासकर पल्स पोलियो अभियान की तारीख एवं स्थान विशेष तौर पर बताया जाएं। कार्यशाला में जिला मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय भट्ट एवं समस्त नोडल अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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