शहर को ट्रांसपोर्ट नगर की दरकार
रोड पर हो रही लोडिंग-अनलोडिंग
जहां तहां खड़े रहते हैं लोडिंग वाहन, सड़कों पर भी किया कब्जा
ट्रांसपोर्ट नगर का न होना शहर की बड़ी समस्या है। इसकी आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है, लेकिन अभी तक इसके लिए कोई निश्चित स्थान तय नही किया जा सका है। ट्रांसपोर्ट नगर की मांग यहां दो दशक से उठ रही है। वादे भी हुए मगर अभी तक पहल नही की गई। ट्रांसपोर्ट की समस्या नासूर बनती जा रही है। इससे जाम को भी बढ़ावा मिल रहा है। साथ ही दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं। लेकिन अभी तक न तो प्रशासन और न ही जनप्रतिनिधियों ने ध्यान दिया है।
खरगोन। शहर की सड़कों पर जहां-तहां खड़े लोडिंग वाहनों से कई बार यातायात जाम की स्थिति बनती है। शहर में ट्रांसपोर्ट नगर नहीं होने का खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। सड़कों पर हो रहे लोडिंग-अनलोडिंग से कई बार जाम लगने से लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है। शहर की बढ़ती जरूरत के साथ ही ट्रांसपोर्ट नगर की मांग लंबे समय से उठ रही है। लोडिंग वाहन चालको का भी कहना हैकि यदि हमें जगह मिल जाए तो हम क्यो सड़कों पर खड़े रहेंगे।
शहर में प्रतिदिन डेढ़ सौ बड़े ट्रकों का आवागमन होता है। ट्रांसपोर्ट पर माल उतारने के बाद छोटे वाहनों से गंतव्य तक भेजा जाता है।शहर में करीब दो सौ लोडिंग वाहन मौजूद है।इनके लिए कोई स्थान निश्चित नहीं होने से अधिकतर लोडिंग वाहन बस स्टैंड के आसपास जवाहर नगर में छटी माता मंदिर के सामने ओर शहर की सड़कों पर खड़े नजर आते है। वाहनों की अधिकता होने से कईबार जाम की स्थिति भी बन जाती है।
रोड किनारे ही होती है मरम्मत
ट्रांसपोर्ट नगर के अभाव में गाडिय़ों की मरम्मत के लिए अधिकतर सुखपुरी स्थित इंदौर रोड,खंडवा रोड उद्यानिकी विभाग के बाहर रोड किनारे ही मैकेनिक द्वारा वाहनों को खोलकर मरम्मत का काम किया जाता है। जिसके कारण दुर्घटनाओं का भी अंदेशा बना रहता है। कई बार एक साथ कई गाडिय़ों का काम होने से यहां चक्काजाम की स्थिति भी बन जाती है। रोड किनारे खुली गाडिय़ों के कारण अन्य वाहनों को निकलने में भी परेशानी होती है वही इन वाहनों से निकलने वाले खराब ऑयल को भी रोड किनारे ही फेंक किया जाता है, जो पर्यावरण के लिए भी हानिकारक है।
मास्टर प्लान में डाबरिया चिह्नित
मास्टर प्लान के मुताबिक डाबरिया में ट्रांसपोर्ट नगर चिह्नित है शहर से लगे डाबरिया में नपा द्वारा साढ़े बारह हेक्टेयर भूमि पर नगर पालिका परिषद द्वारा स्वीकृत भी दी गई थी। कलेक्टर कार्यालय से नगर पालिका को जमीन हस्तांतरित करने की फाइल भी चली लेकिन कुछ कारणों से मामला अधर में लटक गया । ट्रांसपोर्टर असोसिएशन की नवागत कलेक्टर में उम्मीद है वे इस समस्या से शहरवासियों को निजात दिलवाने के लिये जरूर प्रयास करेगी।
यह होगा फायदा
शहर में भारी वाहनों को खड़ा रखने और सुधारने के लिए उचित स्थान।
शहरवासियों के लिए बढ़ेगी रोजगार की संभावना।
वाहनों की मरम्मत के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
शहर के बाहर होने से बेहतर होगी व्यवस्था।
ये हैं परेशानियां
सड़क किनारे ही वाहनों को सुधार जा रहा है
भारी वाहनों के खड़े रहने के लिए नहीं है उचित स्थान।
कॉलोनियों और गलियों में संचालित हो रहे गैराज।
सड़क किनारे भारी वाहनों के खड़े रहने से यातायात व्यवस्था होती है प्रभावित
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