नकली घी बनाने वाले आरोपी की जमानत हुई खारिज
इंदौर। जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि, न्यायालय श्री फिरोज अख्तर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी इंदौर के समक्ष थाना खजराना के अप.क्र.888/2020 धारा 272, 273, 420 भादवि में जेल में निरूद्ध आरोपी जिनेन्द्र उर्फ जितेन्द्र जैन के द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया और जमानत पर छोडे जाने का निवेदन किया गया। अभियोजन की ओर से एडीपीओ श्रीमती रीता भंडारी द्वारा जमानत आवेदन का विरोध करते हुए तर्क रखे गए कि यदि आरोपी को छोडा गया तो आरोपी के फरार होने की संभावना है अपराध गंभीर प्रकृति का है आरोपी काफी लंबे समय से फरार था इस कारण अनुसंधान भी वर्तमान में लंबित है। अत: आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त किया जाना चाहिए। न्यायालय द्वारा तर्को से सहमत होते हुए आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त किया गया।
अभियोजन की कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 25.09.2020 को थाना खजराना पर फरियादी सहकारी दुग्ध संघ के पंकज पाण्डेय द्वारा एक शिकायती आवेदन इस आशया का दिया गया कि कुछ व्यक्ति अपने घर पर हमारे ब्रांड का नकली घी बनाकर बेचते है जो हमारी कंपनी के साथ धोखाधडी एवं चिटिंग कर रहे है उक्त शिकायती आवेदन की जांच खाद्य सुरक्षा अधिकारी को थाना तलब कर अवगत कराया एवं बताये स्थान इरफान गौरी का मकान कुबा मस्जिद के पास खजराना पैलेस खजराना इंदौर पहुंच कर रेड किया तो मकान के ग्राउंड फ्लोर पर एक व्यक्ति बडे भगौने में पदार्थ को हिलाता हुआ दिखा, हमराही बल व खाद्य सुरक्षा की टीम ने व आवेदकगणों द्वारा घेराबंदी कर उस व्यक्ति का नाम पूछा तो उसने अपना नाम अशरफ अली इंदौर का होना बताया वहां मौके पर सांची, अमूल, नौवा घी के संबंध में अशरफ अली से पूछते बताया कि मैं डालडा के टीन डिब्बो को गर्म कर उसमें एसेंस मिलाकर नकली घी बनाता हूं और उन्हें 500 एमएल के सिल्वर पन्नी के पैकेट बनाता हूं 1 लीटर के टीन डिब्बे एवं 15 लीटर में पैकिंग कर उन्हें मार्केट में असली घी के रूप में सप्लाई करता हूं मौके पर बहुत अधिक मात्रा में नकली घी बनता एवं पैकेटों में मिला उक्त व्यक्ति से नकली घी रखने बेचने के संबंध में लायसेंस पूछने पर नही होना बताया। आरोपी अशरफ अली का कृत्य दंडनीय कृत्य होने से मौके पर नकली घी को ही खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा विधिवत जप्त किया गया एवं नमूने लिए गए एवं आरोपी को गिरफ्तार कर वापिस थाने आएं जहां आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
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