बहला-फुसला कर गलत काम करने वाले आरोपी को न्यायालय ने सुनाया 20 वर्ष का सश्रम कारावास

(वीडियो कांफ्रेसिंग से की गई सुनवाई)


विदिशा। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो के अधीन सुश्री प्रतिष्ठा अवस्थी ने आरोपी गज्जू उर्फ गजाधर बंसल धानक पुत्र धनीराम बंसल उम्र-21 वर्ष निवासी मोती तबेला के पास इंदौर को भादवि की धारा 376(3) व 376(2)(एन) के तहत 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000-5000/-रूपये जुर्माना एवं भादवि की धारा 366 के तहत 07 वर्ष के सश्रम कारावास व 4000/- रूपये जुर्माने से दंडित किया गया। उक्त मामले में पैरवी विशेष लोक अभियोजक/सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती प्रतिभा गौतम द्वारा की गई।


 मीडिया सेल प्रभारी सुश्री गार्गी झा ने बताया कि घटना दिनांक 01.05.2018 को दोपहर करीब 02 बजे पीड़िता अपने घर से स्कूल मार्कशीट लेने का कहकर गई थी लेकिन जब वापिस नहीं आई तो पीड़िता के पिता ने आस-पास और रिश्तेदारों के घर पर तलाष किया पर पीड़िता नहीं मिली। जब तलाष करने पर पीड़िता नहीं मिली तो पीड़िता के पिता ने अपनी पत्नी के साथ थाना कोतवाली में जाकर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कराई जिस पर से प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान दिनांक 26.06.2018 को पीड़िता को पुलिस के द्वारा पीड़िता को दस्तयाब कर लिया गया। दस्तयाब किये जाने पर पीड़िता ने अपने कथनों में बताया आरोपी गज्जू उर्फ गजाधर बंसल धानक उसे अपने साथ ले गया था और 02 माह तक साथ रखा था। आरोपी ने पीड़िता को बहला-फुसला कर अपने साथ ले गया था और उसके साथ कई बार गलत काम भी किया था, विवेचना उपरांत पुलिस द्वारा अभियेाग पत्र न्यायालय के समक्ष पेष किया गया। 


प्रकरण में विषेष लोक अभियोजक/सहायक जिला लेाक अभियेाजन अधिकारी श्रीमती प्रतिभा गौतम ने मामले को संदेह से परे प्रमाणित किया। विषेष न्यायाधीष सुश्री प्रतिष्ठा अवस्थी ने बचाव पक्ष के माफी दिये जाने के तर्क को खारिज करते हुए अपने निर्णय में लिखा कि आरोपी के द्वारा जिस प्रकार से पीड़िता का व्यपहरण कर उसके साथ गलत काम किया गया है। उन परिस्थितियों में आरोपी को छोड़ा जाना उचित नहीं है, आरोपी को षिक्षाप्रद दंड से दंडित किया जाना उचित है साथ ही पीड़िता को प्रतिकर की राषि दिये जाने का निर्णय भी सुनाया गया।


 


 


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