अवयस्क बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी की जमानत निरस्त कर जेल भेजा गया

(वीडियो कांफ्रेसिंग से की गई सुनवाई)


विदिशा। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो के अधीन विशेष सत्र न्यायाधीश सुश्री प्रतिष्ठा अवस्थी ने आरोपी समर खान पुत्र हसमत खान की जमानत याचिका खारिज कर उसे जेल भेजा। उक्त मामले में विषेष लोक अभियोजक/उपसंचालक आई.पी. मिश्रा द्वारा जमानत याचिका पर अपराध की गंभीरता के आधार पर जमानत आवेदन का कड़ा विरोध किया गया।


 मीडिया सेल प्रभारी सुश्री गार्गी झा ने बताया कि पीड़िता ने अपनी प्रथम सूचना रिपेार्ट में बताया कि आरोपी समर खान पीड़िता का व्यपहरण कर अपने साथ ले गया था और उसके साथ बार-बार गलत काम किया जिसकी रिपोर्ट पीड़िता के द्वारा थाना हैदरगढ़ में लेखबद्ध कराई गई थी। पुलिस द्वारा आरोपी के विरूद्ध धारा 363, 366ए, 376 एवं पाॅक्सो अधिनियम की धारा 5/6 का मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। न्यायालय में अपनी आदेश पत्रिका में लेखबद्ध किया कि आरोपी द्वारा 18 वर्ष से कम आयु की अवयस्क अभियोक्त्री का व्यपहरण कर उसके साथ गलत काम किया। वर्तमान समय में महिलाओं एवं बालिकाओं के प्रति बढ़ते हुए अपराधों को देखते हुए एवं आरेापी के कृत्य की गंभीरता एवं प्रकरण की परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है। न्यायालय द्वारा आरोपी समर खान का जमानत आवेदन निरस्त कर दिया गया।


उक्त प्रकरण में राज्य की ओर से विषेष लोक अभियोजक/उपसंचालक आई.पी. मिश्रा के द्वारा जमानत आवेदन का विरोध किया गया है।      


गिरफ्तार कर लाये गये आरोपी की जमानत याचिका न्यायालय ने की खारिज


विदिशा। विषेष सत्र न्यायाधीष अनुसूचित जाति/जनजाति श्रीमति माया विष्वलाल ने आरोपी नंदकिषोर की जमानत याचिका खारिज की। उक्त मामले में विषेष लोक अभियोजक/उपसंचालक आई.पी. मिश्रा द्वारा जमानत की याचिका पर अभियुक्त के द्वारा पूर्व में जमानत के दुरूपयोग किये जाने व विचारण के दौरान अनुपस्थित होने के आधार पर आवेदन का कड़ा विरोध किया गया।


 मीडिया सेल प्रभारी श्रीमती गार्गी झाॅ द्वारा बताया गया कि अभियुक्त नंदकिषोर पर भादवि की धारा 363, 366, 376(2)(एन) भादवि, 5(एल)/6, अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(2)(ट), 3(1)(12) के तहत विचारण किया जा रहा था। अभियुक्त दिनांक 30.12.2015 के द्वारा जमानत पर था। अभियुक्त को जिन षर्तों पर जमानत पर रिहा किया गया था अभियुक्त के द्वारा उन षर्तोें का पालन नहीं किया गया। अभियुक्त विचारण के दौरान दिनांक 05.05.2017 से फरार था। अभियुक्त की लंबी अनुपस्थिति के कारण प्रकरण के विचारण में कोई प्रगति नहीं हुई। उपरोक्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अभियुक्त की जमानत याचिका को न्यायालय के द्वारा निरस्त किया गया।


 उक्त प्रकरण में शासन की ओर से विषेष लोक अभियोजक/उपसंचालक आई.पी. मिश्रा द्वारा आरोपी की ओर से जमानत आवेदन का विरोध किया गया था।


मारपीट कर हत्या करने वाले आरोपीगण की जमानत याचिका न्यायालय ने की खारिज


(वीडियो कांफ्रेंसिंग से की गई सुनवाई)


विदिशा। विषेष सत्र न्यायाधीष अनुसूचित जाति/जनजाति श्रीमति माया विष्वलाल ने आरोपीगण राहुल शर्मा पुत्र हरिनारायण शर्मा उम्र 27 वर्ष ग्राम मानोरा जिला विदिषा व कुलदीप षर्मा पुत्र ओमप्रकाष षर्मा उम्र 32 वर्ष निवासी ग्राम मानोरा जिला विदिेषा की जमानत याचिका खारिज की। उक्त मामले में विषेष लोक अभियोजक/उपसंचालक आई.पी. मिश्रा द्वारा जमानत की याचिका पर अपराध की गंभीरता के आधार पर आवेदन का कड़ा विरोध किया गया।


 मीडिया सेल प्रभारी श्रीमती गार्गी झाॅ द्वारा बताया गया कि दिनांक 20.8.2020 को रात 09ः30 बजे एक अज्ञात व्यक्ति को राहुल शर्मा द्वारा जिला चिकित्सालय विदिशा मृत अवस्था में लाया गया था जिसकी सूचना डाॅ0 रवि श्रीवास्तव के द्वारा आरक्षी केन्द्र सिविल लाईन विदिषा को दियेे जाने पर मृग क्र. 83/2020 कायम कर अज्ञात मृतक के परिजनों से संपर्क किया गया। मृतक की पहचान उसके भाई सोनू अहिरवार ने मृतक के चेहरे को देखकर अपने भाई राजमल के रूप में की। सोनू अहिरवार ने बताया कि घटना दिनांक को कुलदीप महाराज उसके भाई मृतक राजमल को मोटर साईकिल पर बैठाकर विदिषा लेकर गये थे रात में कुलदीप ने अपने फोन से उसके भाई से बात कराई तो उसके भाई ने उसे बताया कि कुलदीप महाराज, षुभम उर्फ पिल्ला एवं संतोष राय मिलकर गांजा कहां है की बात पर हाॅकी डंडे से मारपीट कर रहे हैं। जितेन्द्र ने भी बताया कि राहुल षर्मा एवं कन्ना उर्फ लेखराज मृतक राजमल को कुलदीप महाराज के घर पूरनपुरा विदिषा ले गये थे जहां कुलदीप महाराज ने हाॅकी से उसके सिर पर मारा था। पीएम रिपोर्ट एवं मृतक के भाई सोनू के कथन के आधार पर अभियुक्तगण कुलदीप महाराज षुभम उर्फ पिल्ला एवं संतोष राय, राहुल षर्मा कल्लू उर्फ लेखराज के विरूद्ध अपराध क्रमांक 449/2020 के तहत भादवि की धारा 302, 323, 34 तथा अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(2)(ट) पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।


 उक्त प्रकरण में शासन की ओर से विषेष लोक अभियोजक/उपसंचालक आई.पी. मिश्रा द्वारा आरोपी की ओर से जमानत आवेदन का विरोध किया गया था।



 


              


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