आरोपी जीतू सोनी उर्फ जितेन्द्र सोनी का सत्र न्यायालय द्वारा किया गया जमानत आवेदन खारिज
इंदौर। जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि, न्यायालय श्री मनीष भट्ट 10वें अपर सत्र न्यायाधीश इंदौर के समक्ष थाना राजेन्द्र नगर के अप.क्र.838/2019 धारा 420, 406, 386, 34 भादवि में जेल में निरूद्ध आरोपी जितेन्द्र सोनी उर्फ जीतू सोनी पिता जगजीवनदास उम्र 62 वर्ष, निवासी 1170/7 आलोक नगर कनाडिया रोड इंदौर के द्वारा जमानत आवेदन पेश किया गया था तथा जमानत पर छोडे जाने का निवेदन किया गया। अभियोजन की ओर से अति. लोक अभियोजक शोभा दशोरे द्वारा तर्क रखे गए कि यदि आरोपी को जमानत का लाभ दिया गया तो उसके फरार होने की संभावना है आरोपी का पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड है अत: आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त किया जाना चाहिए। न्यायालय द्वारा तर्को से सहमत होते हुए आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त किया गया।
अभियोजन की कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक पवन दोर ने एक शिकायत पत्र थाने पर दिया जिसमें उसने बताया कि मेरी चौइथराम मंडी पर सब्जी की दुकान है। वहां से मैं और मेरे भाई अखिलेश दोर द्वारा होटल होराईजन लीसर प्रा.लि. को हरी सब्जी सप्लाई वर्ष 2013 से कर रहा था। उक्त होटल जिसका डायरेक्टर पहले निखिल कोठारी था जिसने हमे हमारे 7 लाख रूपये के बदले 8 बैंक चेक बैंक ऑफ बडौदा के दिए थे, बाद में निखिल कोठारी ने धोखा कर होटल जीतू सोनी को बेच दिया और हमें चेक लगाने से मना कर दिया। हमको डरा धमकाकर चेक लोक स्वामी प्रेस मैनेजर राव निवासी इंदौर ने वापिस ले लिए। पेमेंट मांगने पर बोला गया कि पहले आप माल सप्लाई करते रहो हम आपको इसी पेमेंट में जोडकर धीरे-धीरे देते रहेंगे। पर ऐसा नही हुआ फिर मेरे द्वारा होराइजन लीसर प्रा.लि. व होटल ओ-2 को सब्जी सप्लाई दिनांक 01.12.19 तक की गई जिसकी कुल राशि 22,26,701 बाकी है जिसके लिए मोबाईल पर व समक्ष उपस्थित होकर शेष राशि की मांग करने पर मुझे व मेरे परिवार को जान से मारने की धमकियां दी जा रही है। मेरी कुल राशि 29,26,701 रूपये है जो दिलाई जाएं। मेरे साथ प्रोपराईटर निखिल कोठारी, जीतू सोनी व लोक स्वामी प्रेस मैनेजर राव निवासी इंदौर ने धोखाधडी कर चेक प्रदान करने व सब्जी का पेमेंट 29,26,701 रूपये न देने एवं पेमेंट मांगने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है। उचित कार्यवाही की जाएं। उक्त आवेदन जांच पश्चात आरोपीगण के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
जहरीली शराब का विक्रय करने वाले आरोपी की जमानत हुई खारिज
इंदौर। जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि, न्यायालय डॉ. गौरव गर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी इंदौर के समक्ष थाना चंदन नगर के अप.क्र.826/2020 धारा 49ए आबकारी अधि. व 25 ऑर्म्स एक्ट में गिरफ्तारशुदा आरोपी मो. बिलाल उर्फ राजा दीन मोहम्म्द उम्र 32 साल निवासी जूना रिसाला इंदौर के द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया और जमानत पर छोडे जाने का निवेदन किया गया। अभियोजन की ओर से एडीपीओ दीपा यादव द्वारा जमानत आवेदन का विरोध करते हुए तर्क रखे गए कि यदि आरोपी को छोडा गया तो वह पुन: अपराध करेगा। फरियादी एवं साक्षियों को डरायेगा, धमकायेगा तथा आरोपी के फरार होने की संभावना है। अत: आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त किया जाना चाहिए। न्यायालय द्वारा तर्को से सहमत होते हुए आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त किया गया।
अभियोजन की कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 02.11.2020 को मुखबीर से सूचना मिली कि एक व्यक्ति लोअर टी शर्ट पहने सिरपुर कांकड हनुमान मंदिर के पास ईट भट्टा के पास प्लास्टिक की सफेद केन में जहरीली शराब बेचने के लिए खडा है। मुखबीर की सूचना पर विश्वास कर बताये स्थान पर पहुंचे तो वहां बताये हुलिये अनुसार एक व्यक्ति हाथ में सफेद प्लास्टिक की केन लिए खडा दिखाई दिया जो पुलिस को देखकर भागने लगा, जिसे घेराबंदी कर पकडा। नाम पता पूछने पर उसने अपना नाम मो. बिलाल उर्फ राजा दीन मोहम्म्द उम्र 32 साल निवासी जूना रिसाला इंदौर बताया। उसके हाथ में सफेद प्लास्टिक की केन के बारे में पूछने पर उसमें शराब होना बताया जिसका ढक्कर खोलकर सूंघ कर देखने पर उसमें से तीखी गंध व बदबू आ रही थी और जहरीली प्रतीत हो रही थी। आरोपी की तलाशी लेने पर कमर के दाहिने तरफ तेज धारदार चाकू खुसा मिला, जिसको रखने के संबंध में लायसेंस पूछने पर नही होना बताया। मौके पर ही आरोपी को गिरफ्तार कर व चाकू तथा शराब को विधिवत जप्त कर वापिस थाने आएं, जहां आरोपी के विरूद्ध धारा 25 ऑर्म्स एक्ट व 49ए आबकारी अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
ब्रांडेड कंपनियों के नकली ट्रेडमार्क लगाकर कपडो का विक्रय करने वाले आरोपी की जमानत हुई खारिज
इंदौर। जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि, न्यायालय डॉ. गौरव गर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी इंदौर के समक्ष थाना चंदन नगर के अप.क्र.826/2020 धारा 420, 482, 486 भादवि व 51/63 कॉपीराईट एक्ट तथा 103/104 ट्रेडमार्क एक्ट में गिरफ्तारशुदा आरोपी किशनचंद्र पिता ताराचंद्र जैसवानी उम्र 52 साल निवासी 17 सर्वोदय नगर इंदौर के द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया और जमानत पर छोडे जाने का निवेदन किया गया। अभियोजन की ओर से एडीपीओ दीपा यादव द्वारा जमानत आवेदन का विरोध करते हुए तर्क रखे गए कि यदि आरोपी को छोडा गया तो वह पुन: अपराध करेगा तथा आरोपी के फरार होने की संभावना है। अत: आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त किया जाना चाहिए। न्यायालय द्वारा तर्को से सहमत होते हुए आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त किया गया।
अभियोजन की कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादी द्वारा श्रीमान पुलिस उप महानिरीक्षक इंदौर शहर को एक आवेदन दिया गया कि दिपावली पर्व के मद्देनजर बाजारो में ब्रांडेड कंपनियों से मिलते जुलते हुबहू दिखने वाले नकली कपडो की बिक्री करने वाले व्यापारियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करने बाबत फरियादी अमित जग्गी द्वारा बताया गया कि मैं यूनाइटेड ओवरसीज ट्रेडमार्क कंपनी में दो वर्ष से सीनियर जांच अधिकारी के पद पर नियुक्त हूं हमारी कंपनी को पावर आफ अटर्नी के माध्यम से बाजारों में बिक रहे नामी कंपनियों के नामों का उपयोग करके नकली कपडों के विरूद्ध कार्यवाही करने का भारत सरकार से प्रमाण पत्र प्राप्त है जिसकी वजह से कई नामी कंपनियां हमसे अनुबंध करती हैं उसी अनुबंध के तहत हम ऐसे नकली सामान बेचने वालो के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करवाते है जिसके लिए कंपनी ने मुझे अधिकृत किया है उसी के तारतम्य में मेरे द्वारा इंदौर शहर में गोपनीय रूप से जानकारी संकलित की गई कि किशन जैसवानी ने जूनी इंदौर के अपने मकान पर एक कपडो का गोडाउन बना रखा है और दीपावली पर्व के मद्देनजर नाईक, लिवाईस, वुडलेंड, जैक एंड जोन्स, लोकास्टे, टॉमी हिलफिगर जैसी नामी कंपनियों के ब्रांड के नामो का उपयोग कर उन्ही जैसी दिखने वाली लोगो, स्टीकर तथा बारकोड उपयोग कर नकली कपडे बेचे जा रहे है। जिससे नामी कंपनी की प्रतिष्ठा के साथ राजस्व को भी नुकसान हो रहा है एवं ऐसे व्यक्ति आम जनता व सरकार के राजस्व का नुकसान कर अवैध रूप से आर्थिक लाभ अर्जित कर धोखाधडी कर गैर कानूनी अपराध गठित कर रहा है। ऐसे व्यक्ति द्वारा कॉपीराईट एक्ट व ट्रेडमार्क एक्ट का भी उल्लंघन किया जा रहा है। अत: किशन जैसवानी के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करने का कष्ट करें। उक्त सूचना पर से जांच पश्चात अपरााध पाये जाने पर आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
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