पॉक्सो एक्ट के आरोपी की जमानत याचिका खारिज
टीकमगढ़। मीडिया सेल प्रभारी एन.पी. पटेल ने बताया कि फरियादी ने दिनांक 11.12.2019 को थाना बल्देवगढ़ में उपस्थित होकर सूचना दी कि उसकी नाबालिग लड़की जिसकी उम्र 14 साल है वह स्कूल जाने की कहकर कहीं चली गई है उसे गांव के आस-पास और रिश्तेदारियों में तलाश किया उसका कोई पता नहीं चल रहा है। फरियादी की उक्त सूचना पर गुम इंसान कायम कर थाना बल्देवगढ़ तथा थाना के अपराध क्रमांक 432/2019 मामला कायम पीडि़ता की तलाश शुरू की गई। पीडि़ता 30.01.2020 को दस्तयाब हुई तथा उसने पुलिस को बताया कि वह बल्देवगढ़ में तहसील के सामने वाली स्कूल में 9 वीं में पढ़ती थी, वहीं चाऊमीन के ठेले पर वह रोज जाया करती थी जहां बबलू साहू नाम का लड़का जोकि हटा का रहने वाला था उससे दोस्ती हो गई थी। दिनांक 01.12.2019 को आरोपी बबलू ने उसे की-पैड वाला फोन भी दिया था जिससे आरोपी बबलू से उसकी बात होती रहती थी। दिनांक 03.12.2019 आरोपी बबलू ने पीडि़ता से फोन पर कहा कि चलो भाग चलते हैं, मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकता। दूसरे दिन दिनांक 04.12.2019 को पीडि़ता स्कूल जाने का कहकर घर से निकली तो बबलू ने उसे रास्ते में मिल गया उसके कहने पर पीडि़ता उसके साथ बस में बैठकर टीकमगढ़ से झांसी और झांसी से निजामुद्दीन पहुंचे फिर बबलू पीडि़ता को राजस्थान ले गया। जहां आरोपी बबलू झुग्गी बनाकर रहता था और फैक्ट्री में काम करता था। पीडि़ता ने यह बताया कि ढेड़-दो माह जब राजस्थान में रहे तब तक आरोपी उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाता रहा। फिर दिनांक 29.01.2020 को पीडि़ता के पिता व आरोपी के जीजा राजस्थान पहुंचे और पीडि़ता को आरोपी सहित बल्देवगढ़ लेकर आए। पीडि़ता द्वारा दी गई उक्त जानकारी के आधार पर बल्देवगढ़ पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के माध्यम से जेल भेजा। प्रकरण में समस्त विवेचना उपरांत मार्च माह में चालानी कार्यवाही बल्देवगढ़ पुलिस द्वारा माननीय न्यायालय में कर दी गई। आज दिनांक को आरोपी ने जेल से ही अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत आवेदन प्रस्तुत किया। उक्त जमानत आवेदन पर शासन की ओर से पैरवी कर रहे अभियोजन अधिकारी श्री एन.पी. पटेल ने न्यायालय के समक्ष तर्क रखे गए कि पीडि़ता की उम्र मात्र 14 वर्ष है और अभी न्यायालय के समक्ष उसकी गवाही होना शेष है यदि आरोपी को इस स्तर पर जमानत का लाभ दिया जाता है तो वह निश्चित रूप से ही साक्ष्य को प्रभावित करेगा अत: प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त किया जाये। उक्त तर्कों से सहमत होकर माननीय न्यायालय ने आरोपी द्वारा प्रस्तुत जमानत आवेदन को खारिज कर दिया।
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