फुलेरा की प्रसादी के लिए दूर-दूर से आते है भक्त


खरगोन। खरगोन शहर में चारों नवरात्रि की धूम मची हुई है। हर जगह माता की आराधाना हो रही है। मंदिरों में भक्तों के द्वारा महाआरतियां की जा रही है। इसी के तहत ब्राह्मणपुरी स्थित श्री बाघेश्वरी माता मंदिर में भी नवरात्रि का पर्व बड़ी धुमधाम से मनाया जा रहा है। प्रतिदिन प्रातः एवं सायं को माता की महाआरती संपन्न हो रही है एवं अलग-अलग रूपों में माता का श्रृंगार किया जा रहा है। पुजारी जगदीश ठक्कर ने बताया कि बाघेश्वरी माता मंदिर 700 वर्ष से अधिक पुराना एक प्राचीन मंदिर है। मंदिर में 5 पीढ़ी से ठक्कर परिवार वंशज सेवा करते आ रहे है। अश्विन नवरात्रि में दूज के दिन हाथों से गेंहू पिसकर तीज की रात्रि में शुद्धता व पवित्रा के साथ शुद्ध घी में पुरिया तलकर तैयार की जाती है, जिसे माता का फुलेरा कहा जाता है। माता को प्रसादी का भोग अश्विन नवरात्रि की चतुर्थी के दिन लगाया जाता है। फुलेरा प्रसादी को उन माताओं को विशेष् रूप से दिया जाता है, जिनकी गोद सुनी रहती है। माता की कृपा से उन्हें मां का सुख प्राप्त होता है। फुलेरा की प्रसादी के लिए भक्त दूर-दूर से आते है। फुलेरा की प्रसादी रविवार, मंगलवार एवं शुक्रवार को नियमानुसार दी जाती है।


रोजाना हो रही है महाआरती


पुजारी जगदीश ठक्कर ने बताया की शारदीय नवरात्रि में प्रातः और शाम को माता का श्रृंगार कर रोजाना महाआरती की जाती है। वही चैत्र की नवरात्रि में भी माता का श्रृंगार कर महाआरती की जाती है। मंदिर परिसर में पवित्र झीरा भी है, जिसमें प्रत्येक भक्त स्नान के लिए भी आते है। माता अपने तीनों रूपों का दर्शन देती है। पुजारी ठक्कर ने बताया कि नवरात्रि में रोजाना दुर्गा सप्तशती का पाठ भी किया जाता है।


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