नीट क्लियर करने वालों में किसान और मजदूर के बेटे भी
शासकीय स्कूलों के 16 विघार्थियों ने मारी बाजी
खरगोन। विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं हमेशा से चुनौती बनी हुई है। इस वर्ष भी विद्यार्थी जीवन पूरी तरह चुनौतियां भरा रहा है। इसके बावजूद जिले की शासकीय स्कूलों के हौनहार 16 विद्यार्थियों ने सफलता का कारनामा कर दिखाया है। इस वर्ष जिन स्कूलों के विद्यार्थियों ने नीट की परीक्षा में सफलता प्राप्त की है, वे स्कूले न सिर्फ जिला मुख्यालय की उत्कृष्ट विद्यालय है, बल्कि झिरन्या की उत्कृष्ट विद्यालय, घोट्या की हायर सेकेंडरी, बरूड़ पिपल्या बुजुर्ग और सेगांव की कन्या उमावि स्कूल के विद्यार्थी भी सफल होने वालों में शामिल है। आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त जेएस डामोर ने बताया कि इस वर्ष नीट परीक्षा का कटाप 113 पर हुआ है। आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित स्कूलों के 16 विद्यार्थियों ने स्वयं और उनके माता-पिता को गौरवांवित करते हुए शासकीय स्कूलों का भी नाम रोशन किया है।
किसी के पिता किसान, तो किसी के पिता मजदूर
इस वर्ष नीट की परीक्षा क्लियर करने वालों में किसान व मजदूर के बेटे भी शामिल है। खरगोन के टवड़ी मोहल्ले में रहने वाले नवीन पटेल जिन्होंने नीट परीक्षा में 208 अंक प्राप्त किए है। हालांकि अभी काउंसलिंग होना शेष है। नवीन ने अपनी सफलता के पीछे अपने माता-पिता की मेहनत ही माना है। नवीन के पिता किसी ठेकेदार के पास कभी टेक्टर पर तो कभी मकान बनाने के काम में लगे रहते है। सप्ताह में मात्र 6 दिन मजदूरी से अपने बेटे के लिए अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाने के सपने सजोऐ हुए है। वहीं नवीन की माता चेतना पटेल बेटे के भविष्य के लिए घर पर ही सिलाई का काम करती है। नवीन की ही तरह खरगोन के दिलीप वास्कले ने नीट की परीक्षा में 342 अंक प्राप्त किए है। उनके पिता का पेशा खेती किसानी है। वे अपने बेटों को डॉक्टर बनाने का सपना लेकर दिन-रात खेतों में लगे रहते है। मोहनपुरा के सुरसिंह का एक ही सपना है कि वो अपने बेटे को एक सफल डॉक्टर बनकर सेवा देते हुए देखना चाहते है। डॉक्टर बनने की दिशा में उनका यह सपना एक पड़ाव आगे बढ़ गया है। अब आगे की तैयारी के लिए दिलीप पूरी तरह तैयार है।
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