मंडी के अनुबंधित आउटसोर्स कम्प्यूटर ऑपरेटरों को मध्यप्रदेश सरकार ने नौकरी से निकाला

अनुबंधित आउटसोर्स कम्प्यूटर ऑपरेटरों ने कृषि मंत्री कमल पटेल के नाम अनुविभागीय अधिकारी को सौपा ज्ञापन



खरगोन। कोरोना संक्रमण काल में जहां सरकारें लगातार प्राइवेट कंपनियों और संस्थानों से अपने कर्मचारियों की नौकरी नहीं छीनने की हिमायत कर रही है, वही सरकार खुद अपने ही अस्थाई कर्मचारियों को बाहर करने में जुट गई है।


कृषि उपज मंडी समिति के अनुबंधित आउटसोर्स कम्प्यूटर ऑपरेटरों ने कृषि मंत्री कमल पटेल के नाम अनुविभागीय अधिकारी सत्येन्द्रसिंह को सौपा ज्ञापन।


आउटसोर्स कम्प्यूटर ऑपरेटर सचिन पाठक, वीरेंद्र जायसवाल ने बताया कि मध्यप्रदेश की राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने प्रदेशभर की मंडी समितियों में निजी कंपनी द्वारा रखे गए अनुबंधित आउटसोर्स कम्प्यूटर ऑपरेटरों का अनुबंध समाप्त कर दिया है। इस आदेश के बाद प्रदेश हर मंडी समितियों में काम कर रहे हजारों कम्प्यूटर ऑपरेटरों की नौकरी खतरे में गई है। प्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश भर की समस्त मंडी समितियों में निजी अनुबंधित आउटसोर्स कंपनी की ओर से अस्थाई कम्प्यूटर ऑपरेटर रखे गए थे। हमारे द्वारा विगत 3 से 4 वर्षाे से अनुबंधित आउटसोर्स कम्प्यूटर ऑपरेटर की सेवाएं जैसे - मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना, ई-नेम (राष्ट्रीय कृषि बाजार), कृषक समृद्धि योजना इत्यादि मंडियों की सेवा में अपनी भागीदारी/कर्तव्यों का पूर्णतः निर्वहन करते हुए अपनी सेवाएं दे रहे थे परंतु वर्तमान में मंडी बोर्ड के अचानक हुए आदेशों से हमारी सेवाएं जो कि अनुबंधित फार्मों/एजेंसियों के अधीन थी, उक्त अनुबंधित कर्मियों की अनुबंध अवधि समाप्त होने से हमारी सेवाएं बंद हो गई है। ज्ञापन के माध्यम से आउटसोर्स कम्प्यूटर ऑपरेटरों ने मांग करते हुये कहाँ की हमारे मंडी के प्रति समर्पित कार्यों को देखते हुए एवं हमारे परिवार की आर्थिक संकट को मध्य नजर रखते हुए मानवीय आधार पर अनुबंधित फर्मों/एजेंसी का अनुबंध आगे बढ़ाते हुए हमारी सेवाएं निरंतर रखने की मांग की गई । इस दौरान आउटसोर्स कम्प्यूटर ऑपरेटर गंभीर कोचक, विजय कुमरावत, अर्जुन सावनेर, इश्मीत खान, मनीष कुशवाह, सचिन राठौड़, बद्री गांगले आदि उपस्थित थे।


 


         


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