मजदूरों का कोरोना से बचाव के लिए ठेकेदार नहीं रख रहे ध्यान, वाहनों में ठूंस. ठूंसकर भरे जा रहे मजदूर
समाजसेवी चौहान ने एसपी को कि शिकायत
खरगोन। वर्तमान में मनरेगा सहित खेतों में मजदूरों को नियमित काम मिल रहा है, ऐसे में मजदूर सप्लाय करने वाले ठेकेदार मजदूरों को कोरोना से बचाव के साधनों को नजरअंदाज करते हुए वाहनों में भेड़.बकरियों की तरह ठूंस.ठूंसकर बैठा रहे है। इनमें शारीरिक दूरी भी नजर नहीं आ रही। गोगावां क्षेत्र में ऐसे ही वाहन गुजरते देख महम्मदपुर निवासी समाजसेवी धीरपाल सिंह चौहान ने मजदूरों की सुरक्षा की चिंता करते हुए एसपी को शिकायती आवेदन सौंपा है। इसमें उन्होंने नियमों को ताक पर रखने वाले वाहनों चालकों पर कार्रवाई के साथ ही मजदूरों को ले जाने वाले ठेकेदारों को पर्याप्त बैठक व्यवस्था कराने के निर्देश देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मजदूरों को कोरोना संक्रमण के साथ ही हादसों का खतरा भी बना हुआ है।
चौहान ने बताया कि कोरेाना लॉकडाउन के बाद कई मजदूर जो दो जून की रोटी कमाने अन्य राज्यों में गए थे, वे लौट आए है। ऐसे में उन्हें रोजगार की सख्त आवश्यकता है। हालांकि वर्तमान में मनरेगा सहित खरीफ सीजन के दौरान खेतों में काम तो मिल रहा है, लेकिन उनकी सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। रोजाना सुबह मजदूर सप्लाय करने वाले ठेकेदार गांवों में पीकअप वाहन पहुंचा देते है, इनमें 40 से 50 मजदूर बैठाए जाते है, जगह नहीं होने पर भेड़- बकरियों की तरह ठंूसे जाते है, जो चिंता का विषय है। चौहान ने दो दिन पहले ही ग्राम घटिया में पिकअप पलटने से गोपालपुरा के करीब 12 से अधिक मजदूरों के घायल होने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस पिकअप में भी करीब 40 से अधिक मजदूर बालक. बालिकाएं सवार थे। वे यह नहीं चाहते कि मजदूरों को काम न मिले, लेकिन उन्हें सम्मान के साथ लाने ले जाने की व्यवस्था हो एवं अपने लालच के लिए क्षमता से अधिक मजदूरों को पिकअप जैसे लोडिंग वाहन में सवारी की तरह बैठाने वाले वाहन मालिकों, चालकों पर यातायात नियमों का उल्लंघन करने की कार्रवाई जरुर होना चाहिए।
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