'महिला मंत्री से माफी मांगें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ'

- भाजपा ने मातृशक्ति के सम्मान में जिला कार्यालय पर मौन व्रत रख किया जनजागरण



खरगोन। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सत्ता जाने के दुःख में अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। प्रदेश की भाजपा सरकार में मंत्री इमरती देवी पर अश्लील टिप्पणी के लिए कमलनाथ को समूची मातृशक्ति से माफी मांगकर प्रायश्चित करना चाहिए।


सोमवार को यह बात भाजपा द्वारा आयोजित मौन व्रत व जनजागरण कार्यक्रम पश्चात जिलाध्यक्ष राजेंद्रसिंह राठौर ने कही। जिला मीडिया प्रभारी प्रकाश भावसार ने बताया प्रदेश सरकार में मंत्री इमरती देवी के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की टिप्पणी के विरोध में भाजपा कार्यकर्ता व पदाधिकारियों ने जिला कार्यालय प्रांगण में प्रातः 10 से दोपहर 12 बजे तक मौन व्रत रख जनजागरण किया। जिलाध्यक्ष राजेंद्रसिंह राठौर के नेतृत्व में हुए मौन व्रत में पूर्व जिलाध्यक्ष बाबुलाल महाजन, रणजीतसिंह डंडीर, परसराम चौहान, किसान मोर्चा सचिव जितेंद आर्य, भाजपा जिला उपाध्यक्ष लक्ष्मण इंगले, जिला मंत्री राजेश रावत, रंगा डावर, जिला कोषाध्यक्ष ललित सोनी, नगर मंडल अध्यक्ष मुकेश पंड्या, जिला कार्यालय प्रभारी मोहन राठौड़, पूर्व जिला मीडिया प्रभारी मोहन जायसवाल, पूर्व नपाध्यक्ष विपिन गौर, पूर्व नपा उपाध्यक्ष कन्हैया कोठाने, अजा मोर्चा जिलाध्यक्ष राजदीप भालसे, युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष राकेश आलीवाल, महिला मोर्चा जिला महामंत्री छाया जोशी, प्रभा राठौर, गायत्री गोस्वामी, अनिल गुप्ता, मुकेश राठौर, गजेंद्र भावसार, चंद्रशेखर सेन, अनिल कुशवाह, भागीरथ बड़ोले, रणजीत रघुवंशी, मनोज पाल, हरीश गोस्वामी, अभिलाष अत्रे, लक्की चोपड़ा, कृष्णा कोठे, शीतल राठौर, सुरेश यादव, राजू मकवाना, पंकज परिहार, शुभम जायसवाल, गुरमीतसिंह भाटिया, कमलेश मुकाती, मनीष शर्मा, जोशीजी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व पदाधिकारी शामिल हुए।


मातृशक्ति का अपमान कांग्रेसियों की परंपरा में शामिल


भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्रसिंह राठौर ने कहा मातृशक्ति का अपमान कांग्रेस नेताओं की परंपरा में शामिल है। कमलनाथ ने मातृशक्ति को आयटम कहा जबकि दिग्विजयसिंह ने टंच माल। अजय सिंह कहते हैं महिलाएं जलेबी हैं। जबकि जीतू पटवारी का कहना है चुनाव के समय महिलाएं पैसे लेकर पोलके में रख लेती हैं। कांग्रेसियों द्वारा महिलाओं के अपमान की बड़ी श्रृंखला हैं। अब इनकी सीधी प्रतिस्पर्धा रावण, दुर्योधन व दुष्षासन से हैं। इनके कृत्यों की सजा जनता जनार्दन जरूर देगी।


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