महिला का पीछा कर छेडछाड एवं अश्लील बाते करने वाले आरोपी की जमानत निरस्त शादी न करने पर जान से मारने की धमकी दी थी आरोपी ने
भोपाल। माननीय न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, बैरसिया श्रीमती श्वेता तिवारी के न्यायालय में स्त्री की लज्जा भंग करने वाले आरोपी शैलेंद्र मीणा ने जमानत आवेदन प्रस्तुत किया कि उसके विरूद्ध झूठा मामला पंजीबद्ध किया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। शासन की ओर से पैरवी करते हुए अभियोजन अधिकारी श्री मिथिलेश चौबे ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि उक्त अपराध बालिकाओं के लैंगिक शोषण से संबंधित है, इसलिये आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाना उचित नहीं होगा। केस डायरी के अवलोकन एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए उक्त जमानत माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी शैलेन्द्र मीणा की जमानत निरस्त कर आरोपी को जेल भेज दिया गया।
एडीपीओ. श्री मिथिलेश चौबे ने बताया कि पीडिता द्वारा थाने में उपस्थित होकर रिपोर्ट लेख कराई गई कि उसके घर के सामने रहने वाले आरोपी शैलेंद्र मीणा को पीडिता पिछले 2-3 साल से जानती है, करीबन 2 महीने पहले आरोपी ने कही से पीडिता का मोबाइल नंबर ले लिया और उसके साथ अश्लील बाते करने लगा। पीडिता ने कई बार उसे फोन लगाने से मना किया पर आरोपी नहीं माना और दिन-प्रतिदिन उसका पीछा करने लगा। दिनांक 05.10.2020 को करीबन 6 बजे पीडिता अपने घर के बाहर घूम रही थी तभी आरोपी शैलेंद्र उसके पीछे आया और बुरी नियत से उसका हाथ पकड लिया और बोला कि मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ। पीडिता के चिल्लाने पर उसके मम्पी-पापा एवं भाई बाहर आ गये तो आरोपी पीडिता को मां-बहन की गाली देने लगा , मना करने पर आरोपी ने पीडिता के साथ झूमाझटकी की। पीडिता के भाई द्वारा बीच-बचाव किया गया तो आरोपी वहां से भाग गया और पीडिता को शादी न करने पर जान से मारने की धमकी दी। पुलिस द्वारा उक्त अपराध थाना नजीराबाद अंतर्गत धारा 354, 354ए, 354 डी के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया । विवेचना उपरांत आरोपी को गिरफतार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।
ऑनलाइन धोखाधडी करने वाले आरोपियों की जमानत निरस्त
आरोपीगण ब्रांडेड मोबाइल को सस्ते दामों में बेचने का दावा कर लोगो से करते थे ठगी
भोपाल। जिले के माननीय न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी भोपाल श्री लालता सिंह के न्यायालय में ऑनलाईन खरीदी में धोखाधडी करने वाले आरोपीगण अनाम हैदर एवं जफर खान ने जमानत आवेदन प्रस्तुत किया और झूठा फंसाये जाने की बात कही। । उपस्थित अभियोजन अधिकारी श्रीमती रचना चिडार ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि वर्तमान में ऑनलाइन फ्रॉड की घटनायें दिन प्रतिदिन बढती जा रही है, आरोपियों को जमानत का लाभ दिया गया तो उनके भागने एवं फरार होने की पूर्ण संभावना है। केस डायरी का अवलोकन एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा उक्त जमानत निरस्त करते हुए आरोपीगण अनाम हैदर एवं जफर खान को जेल भेज दिया गया।
एडीपीओ. श्रीमती रचना चिडार ने बताया कि फरियादी कुबेर निवारे नि. राजहर्ष कॉलोनी भोपाल द्वारा थाना कोलार रोड में एक शिकायती आवेदन दिया गया कि फरियादी को उसके मोबाइल नं. पर आरोपियों द्वारा रेडमी नोट 2 मोबाईल फोन 4500 रूपये में देने एवं पेमेंट फोन रिसीव होने के बाद करना बताया था। जिसके उपरांत एक पैकिंग डिब्बा फरियादी को प्राप्त हुआ जिसका पेमेंट फरियादी ने पोस्टमेन को दे दिया। प्राप्त डिब्बे को खोलने पर उसमें फटे हुए कागज निकले। आरोपीगण द्वारा धोखाधडी में प्रयुक्त मोबाइल नं. की जॉच करने पर उक्त नंबर आरोपीगण अनाम हैदर एवं जफर खान द्वारा उपयोग करना पाया गया। पुलिस द्वारा उक्त अपराध थाना कोलार रोड के अपराध क्रमांक 1514/2020 अंतर्गत धारा 420/34 भादवि के तहत पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत आरोपीगणों को गिरफतार कर न्यायालय में पेश किया गया।
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