मारपीट करने वाले आरोपीगण को की जमानत निरस्त कर भेजा जेल

(वीडियो कांफ्रेसिंग से की गई सुनवाई)


विदिशा। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीमान् हेमंत सिंह, तहसील सिरोंज जिला विदिशा ने आरोपीगण मदनवाल्मीकि, कल्लू , मुकेश एवं रामकृष्ण की जमानत निरस्त कर जेल भेज दिया गया। 


 मीडिया सेल सदस्य सुश्री किरण कापसे ने बताया कि, घटना दिनांक 11.10.2020 को फरियादी गणेशराम पिता काशीराम अहिरवार निवासी तरवरिया को आरेापीगण मदनवाल्मीकि, कल्लू, मुकेश निवासीगण ग्राम तिारवरिया व आरोपी रामकृष्ण निवासी सेमरी अहीर द्वारा उसके घर में घुसकर गंदी-गंदी गालियां देकर मारपीट की तथा उसे बचाने आए राजकुमारी अहिरवार, सोनू अहिरवार, बारेलाल अहिरवार को भी डंडे से मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी फरियादी की रिपोर्ट पर से आरोपीगण के विरूद्ध थाना सिरोंज में अपराध 483/20 पंजीबद्ध कर धारा 452, 294, 323, 506, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की गई विवेचना के दौरान आरोपीगण को दिनांक 12.10.2020 को गिरफ्तार किया गया और माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया जो कि अभिरक्षा में है। सोनू अहिरवार का एक्सरे रिपोर्ट प्राप्त हुई जिसमें डाॅक्टर द्वारा अस्थि भंग होना लेख किया गया है। प्रकरण में धारा 325 भादवि का इजाफा किया गया। दिनांक 15.10.2020 को आरोपीगण की ओर से माननीय न्यायालय में जमानत का आवेदन पेश किया गया। जमानत आवेदन के विरोध में शासन की ओर से श्री मनीष वर्मा एडीपीओ तहसील सिरोंज के द्वारा मौखिक आपत्ति पेश की गई। एडीपीओ के तर्कोें से सहमत होकर माननीय न्यायायिक मजिस्ट्रेट श्रीमान् हेमंत सिंह द्वारा जमानत आवेदन निरस्त कर आरोपीगण को जेल भेजा गया।


बलात्संग के आरोपी को भेजा जेल


(वीडियो कांफ्रेसिंग से की गई सुनवाई)


विदिशा। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीमती बार्बी जुनेजा, जिला विदिशा ने आरोपी नारायण सिंह पुत्र रघुनाथ सिंह दांगी उम्र-56 निवासी मृगावली ग्यारसपुर को जेल भेज दिया गया। 


 मीडिया सेल प्रभारी सुश्री गार्गी झाॅ ने बताया कि, पीड़िता दिनांक 13.10.2020 के रात करीब 10ः00 बजे खाना खाकर छपरी में सो गयी थी। उसका पति आंगन में सो रहा था। रात लगभग 12ः00 से 02ः00 बजे के लगभग पास में रहने वाला आरोपी नारायण सिंह पीड़िता के पास आया और पीड़िता के ऊपर बैठ गया और गलत काम किया। जब पीड़िता चिल्लाने लगी तो उसका पति व सास आ गये तो आरोपी नारायण सिंह पीड़िता को छोड़कर भाग गया। पीड़िता द्वारा अपने पति व देवर के साथ थाना ग्यारसपुर में आरोपी नारायण सिंह के विरूद्ध रिपोर्ट लेखबद्ध कराई। जिस पर से आरोपी के विरूद्ध भादवि की धारा 450, 376 का मामला पंजीबद्ध किया गया। दिनांक 15.10.2020 को आरोपी नारायण सिंह को न्यायालय के समक्ष गिरफ्तार कर पेश किया गया। शासन की ओर से श्रीमती ज्योति कुजूर एडीपीओ विदिशा द्वारा पैरवी की गई जिनके तर्कोें से सहमत होकर श्रीमती बार्बी जुनेजा माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी द्वारा आरोपी नारायण सिंह को जेल भेजा गया।   


बलात्संग के आरोपी की जमानत निरस्त कर भेजा जेल


(वीडियो कांफ्रेसिंग से की गई सुनवाई)


विदिशा। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाॅक्सो के अधीन विशेष सत्र न्यायाधीश सुश्री प्रतिष्ठा अवस्थी ने आरोपी महेन्द्र प्रजापति की जमानत याचिका खारिज कर उसे जेल भेजा। उक्त मामले में विशेष लोक अभियोजक श्रीमती प्रतिभा गौतम द्वारा जमानत याचिका पर अपराध की गंभीरता के आधार पर जमानत आवेदन का कड़ा विरोध किया गया।


 मीडिया सेल प्रभारी सुश्री गार्गी झा ने बताया कि अभियोक्त्री के पिता द्वारा दिनांक 23.10.2018 को थाना ग्यारसपुर जिला विदिशा में रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि फरियादी की पुत्री उक्त दिनांक को सुबह 11ः00 बजे स्कूल जाने का कहकर घर से गई थी एवं वापस नहीं आयी। फरियादी नेे अपनी पुत्री के साथ जाने वाली लड़की से पूछा तो उसने बताया था कि अभियोक्त्री उस दिन स्कून नहीं गयी थी उसकी नावालिग लड़की को कोई व्यक्ति बहला फुसलाकर ले गया है। उसे आरोपी महेन्द्र प्रजापति पर शक है कि उसकी नाबालिग लड़की को ले गया होगा। उक्त रिपोर्ट के आधार पर विवेचना के दौरान दिनांक 10.07.2020 को अभियोक्त्री को दस्तयाब किया गया था। अभियोक्त्री ने विवेचना के दौरान अपने कथन में बताया कि दिनांक 23.10.2018 को आरोपी के साथ जाना एवं मंदिर में शादी करना एवं आरोपी के साथ पति पत्नी के संबंधों में रहना बताया तथा यह भी बताया कि दिनांक 03.06.2020 को उसके अस्पताल ग्यारसपुर में लड़की हुई है। न्यायालय में अपनी आदेश पत्रिका में लेखबद्ध किया कि आरोपी द्वारा 18 वर्ष से कम आयु की अवयस्क अभियोक्त्री का व्यपहरण कर उसके साथ बलात्संग किया गया। वर्तमान समय में महिलाओं एवं बालिकाओं के प्रति बढ़ते हुए अपराधों को देखते हुए एवं आरेापी के कृत्य की गंभीरता एवं प्रकरण की परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है। न्यायालय द्वारा आरोपी महेन्द्र प्रजापति का जमानत आवेदन निरस्त कर जेल भेज दिया गया।


 


                                


 


                              


                                


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