"किसानों को लुटने वाले ही कर रहे हैं कृषि सुधार विधेयकों का विरोध"

- सांसद गजेंद्रसिंह पटेल ने कृषि सुधार विधेयकों को बताया किसान हितैषी


- सांसद पटेल ने भाजपा जिला कार्यालय पर पत्रकारवार्ता को किया संबोधित



खरगोन। लोकसभा चुनाव के समय पार्टी के घोषणा पत्र में किसान सुधार विधेयक लाने का वादा करने वाली कांग्रेस अब किस मुंह से भाजपा सरकार द्वारा संसद में पारित उक्त विधेयकों का विरोध कर रही है। कांग्रेस का इतिहास ही किसान विरोधी रहा है। जब कांग्रेस की सरकारें थीं तब किसानों से कृषि ऋणों पर 18 प्रतिशत से अधिक ब्याज वसूला जाता था। किसानों को उपज का लाभकारी मूल्य भी नहीं मिलता था। किसान आढ़त प्रथा का शिकार होकर औने-पौने दाम पर कृषि उपज बेचते थे। अब केंद्र की भाजपा सरकार ने कृषि सुधार विधेयकों के माध्यम से अन्नदाता किसान को उपज का लाभकारी दाम प्राप्त कर आत्मनिर्भर बनने का मार्ग प्रशस्त किया है। किसानों की उन्नति कांग्रेस से देखी नहीं जा रही है। 


यह बात खरगोन-बड़वानी सांसद गजेंद्रसिंह पटेल ने गुरुवार को भाजपा जिला कार्यालय पर आयोजित पत्रकारवार्ता में कही। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्रसिंह राठौर, पूर्व जिलाध्यक्ष बाबुलाल महाजन, परसराम चौहान, जिला मीडिया प्रभारी प्रकाश भावसार, किसान मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव जितेंद्र आर्य, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष नरसिंह यादव, पूर्व नपाध्यक्ष विपिन गौर मंचासीन थे। सांसद श्री पटेल ने कृषि सुधार विधेयकों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा पूर्व में प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा सरकार ने किसानों को उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने की पहल की थी। वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार निरंतर किसानों के हित में कार्यरत है। 2009-10 में यूपीए के समय कृषि बजट 12 हजार करोड़ को बढ़ाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लाख 34 हजार करोड़ रुपए किया है। किसान सम्मान निधि योजना में आज तक 92 हजार करोड़ रुपए किसानों के खाते में सीधे ट्रांसफर किए गए हैं। मोदी सरकार द्वारा 10 हजार नये एफपीओ पर छह हजार 850 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। कोरोना संकट से उपजी प्राकृतिक आपदा के दौरान आत्मनिर्भर पैकेज के तहत कृषि क्षेत्र के लिए एक लाख करोड़ की घोषणा की गई है। किसानों के लोन के लिए पहले के आठ लाख करोड़ के बदले अब 15 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था है। मोदी सरकार ने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू कर उत्पादन लागत पर एमएसपी को बढ़ाकर डेढ़ गुणा किया है। प्रधानमंत्री किसान मान-धन के तहत किसानों को 60 वर्ष की आयु होने पर न्यूनतम 3000 रुपए प्रतिमाह पेंशन का प्रावधान किया गया है। एमएसपी के भुगतान की बात करें तो मोदी सरकार ने छह साल में सात लाख करोड़ रुपए किसानों को भुगतान किया है जो यूपीए सरकार से दोगुना है। मोदी सरकार द्वारा किसान कल्याण की अनेक योजनाएं संचालित की गई हैं। हाल ही में कृषि सुधार विधेयकों के लागू होने पर किसान स्वतंत्र रूप से देश-विदेश में कहीं भी अपनी कृषि उपज बेचकर अधिक लाभ कमाएंगे। कृषि उपज मंडियां भी पहले की ही तरह खुली रहेगी। किसान चाहे तो मंडी में जाकर भी अपनी उपज बेच सकेंगे। कृषि सुधार विधेयक मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम है। इसे लेकर कांग्रेस का दोहरा रवैया रहा है। कांग्रेस शुरू से ही देश के किसानों को कानून के नाम पर अनेक बंधनों से जकड़ रखा है। आज तक तो किसानों के हित में कोई फैसला लिया नहीं और आज जब कृषि सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं तो किसानों को गुमराह किया जा रहा है। 2013 में खुद राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी के शासन वाले 12 राज्य अपने यहां फल और सब्जियों को एपीएमसी एक्ट से बाहर करेंगे। अब कांग्रेस पार्टी ही एपीएमसी एक्ट में बदलाव का विरोध कर रही है। जबकि 2019 के चुनावी घोषणापत्र में कांग्रेस ने एपीएमसी को हटाने की बात की थी। इसपर कांग्रेस के घोषणापत्र में कृषि पर किये गए वादे के 11वें पॉइंट में स्पष्ट लिखा है। अब जब मोदी सरकार किसानों को सशक्त करने के लिए कदम उठा रही है तो कांग्रेस किसानों को ही गुमराह कर साजिश रच रही है। कांग्रेस ने एपीएमसी को हटाने की बात की थी लेकिन इन विधेयकों के अनुसार एपीएमसी की व्यवस्था बनी रहेगी और उसी तरह काम करती रहेगी। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कृषि सुधार की बात कही है लेकिन वर्तमान में वह कृषि सुधारों का विरोध कर रही है। कांग्रेस और दूसरे विरोधी दल देश के किसानों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं कि कृषि सुधार विधेयकों के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य अर्थात् एमएसपी की व्यवस्था खत्म करने की तैयारी है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार कर चुके हैं कि देशभर में एमएसपी की व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी और इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। कृषि मंत्री जी ने भी बार-बार यह स्पष्ट किया है। इतना ही नहीं, कई फसलों की एमएसपी तो और बढ़ा दी गई है। वास्तव में इन विधेयकों का एमएसपी और एपीएमसी व्यवस्था से कोई लेना-देना ही नहीं है। श्री डंडीर ने कहा कांग्रेस ने किसानों को सशक्त करने के लिए आज तक कुछ भी नहीं किया। 55 साल में एक बार कांग्रेस ने किसानों का कर्जा माफ़ किया उसमें भी भारी घोटाला हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स बताती है किसानों को इसका लाभ तक नहीं पहुंचा जबकि मोदी सरकार में केवल प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत ही अब तक किसानों को 92 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है। कांग्रेस ने किसानों के सशक्तिकरण के लिए कभी कोई रिफॉर्स नहीं किया। उसके पास न इसके लिए सोच थी, न ही इच्छाशक्ति। किसानों को गुमराह कर राजनीति करना कांग्रेस की पुरानी आदत रही है। सांसद श्री पटेल ने कहा खरगोन जिले में शीघ्र ही सीसीआई द्वारा कपास खरीदी प्रारंभ की जाएगी। इसके लिए पंजीयन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 


कमलनाथ सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही कांग्रेस


हाल ही में पीजी कॉलेज खरगोन स्थित स्ट्रांग रुम में रखी ईवीएम के जलने पर कांग्रेस द्वारा भाजपा व जिला प्रशासन पर लगाए आरोपों को निराधार बताते हुए सांसद गजेंद्रसिंह पटेल ने कहा गत लोकसभा चुनाव के दौरान मप्र में कांग्रेस की सरकार थी। तब 29 में से 28 लोकसभा सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी भारी बहुमत से विजयी हुए थे। चुनाव परिणामों के बाद ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाकर कांग्रेस के विधायक व नेता तत्कालीन कमलनाथ सरकार तथा तत्कालीन जिला प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। यह बड़े ही हास्यापद आरोप है। रही बात स्ट्रांग रूम में रखी ईवीएम में आग लगने की तो इसके लिए पांच सदस्यीय जांच समिति बना दी गई है। समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही आग के वास्तविक कारणों का पता चलेगा। 


कृषि सुधार विधेयकों से बढ़ेगा मुनाफा, अन्नदाता होंगे सशक्त


भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्रसिंह राठौर ने कहा कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक के पास होने से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। इससे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे। न्यूनतम समर्थन मूल्य और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी। ये विधेयक किसानों को अपने फसल के भंडारण और बिक्री की आजादी देंगे और बिचौलियों के चंगुल से उन्हें मुक्त करेंगे। किसानों को करीब पांच प्रतिशत राशि जो टैक्स व बिचौलियों के पास जाती थी वह बचेगी। किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष नरसिंह यादव ने कहा मोर्चा विधानसभा व मंडल स्तर पर किसानों के बीच पहुंचकर कृषि सुधार विधेयकों की जानकारी देगा। जबकि कांग्रेस किसानों को भ्रमित करने का कार्य कर रही है। जिले के किसान कांग्रेस के बहकावे में नहीं आने वाले हैं। पत्रकारवार्ता का संचालन जिला मीडिया प्रभारी प्रकाश भावसार ने किया व आभार पूर्व जिलाध्यक्ष बाबुलाल महाजन ने माना। 


किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020


- किसान कानूनी बंधनों से आजाद होंगे। किसानों के पास मंडी में जाकर लाइसेंसी व्यापारियों को ही अपनी उपज बेचने की विवशता नहीं होगी। 


- अब किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा। किसानों को उपज बेचने का विकल्प देकर उन्हें सशक्त बनाया गया है। 


- अब जरूरी नहीं कि किसान राज्य की सीमाओं में रहकर ही फसलों की बिक्री करें। 


- भुगतान सुनिश्चित करने हेतु प्रावधान है कि देय भुगतान राशि के उल्लेख सहित डिलीवरी रसीद उसी दिन किसानों को दी जाए।


- केंद्र सरकार किसी भी केंद्रीय संगठन के माध्यम से, किसानों की उपज के लिए मूल्य जानकारी और मंडी आसूचना प्रणाली विकसित करेगी। कोई विवाद होने पर निपटाने के लिए बोर्ड गठित किया जाएगा, जो 30 दिनों के भीतर समाधान करेगा। 


- किसान अब बिक्री लाभदायक मूल्यों पर करने से संबंधित चयन की सुविधा का भी लाभ ले सकेंगे। 


- देश में प्रतिस्पर्धी डिजिटल व्यापार का माध्यम रहेगा, पूरी पारदर्शिता से होगा काम।


- अंततः किसानों द्वारा लाभकारी मूल्य प्राप्त करना ही उद्देश्य ताकि उनकी आय में सुधार हो सकेंगे। 


*कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020*


- रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आर एंड डी) समर्थन


- उच्च और आधुनिक तकनीकी इनपुट। अन्य स्थानीय एजेंसियों के साथ साझेदारी में मदद


- अनुबंधित किसानों को सभी प्रकार के कृषि उपकरणों की सुविधाजनक आपूर्ति


- क्रेडिट या नकद पर समय से और गुणवत्ता वाले कृषि आदानों की आपूर्ति


- शीघ्र वितरण/प्रत्येक व्यक्तिगत अनुबंधित किसान से परिपक्व उपज की खरीद


- अनुबंधित किसान को नियमित और समय पर भुगतान


- सही लॉजिस्टिक सिस्टम और वैश्विक विपणन मानकों का रखरखाव।


आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक 2020


इस विधेयक के माध्यम से कृषि क्षेत्र में सम्पूर्ण आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाया जा सकेगा, किसान मजबूत होगा और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इससे उत्पाद, उत्पाद सीमा, आवाजाही, वितरण व आपूर्ति की आजादी मिलेगी और बिक्री की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मदद मिलेगी।


किसान मोर्चा देगा कृषि सुधार विधेयकों की जानकारी


खरगोन। भाजपा किसान मोर्चा के कार्यकर्ता व पदाधिकारी जिलेभर में किसानों के बीच पहुंचकर कृषि सुधार विधेयकों की जानकारी देंगे। विधानसभा व मंडल स्तर पर कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को केंद्र सरकार की योजनाओं व कृषि सुधार विधेयक से होने वाले लाभ की जानकारी दी जाएगी। 


यह बात सांसद गजेंद्रसिंह पटेल ने गुरुवार को भाजपा जिला कार्यालय पर किसान मोर्चा की जिला बैठक में कही। भाजपा जिला मीडिया प्रभारी प्रकाश भावसार ने बताया बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्रसिंह राठौर, पूर्व जिलाध्यक्ष बाबुलाल महाजन, किसान मोर्चा राष्ट्रीय सचिव जितेंद्र आर्य, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष नरसिंह यादव, महामंत्री महेश गुर्जर, उपाध्यक्ष सुगनचंद जाट, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य दशरथसिंह पटेल सहित जिला व मंडल पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक को पूर्व जिलाध्यक्ष श्री महाजन, किसान मोर्चा सचिव श्री आर्य, जिलाध्यक्ष श्री यादव आदि ने संबोधित किया। बैठक में लिए निर्णय अनुसार केंद्र सरकार की योजनाओं व कार्यों को किसानों तक पहुंचाने के लिए विधानसभा क्षेत्र व मंडल स्तर पर सात बिंदुओं पर आधारित कार्यक्रम किए जाएंगे। किसानों से चर्चा कर कृषि सुधार विधेयक के फायदे बताए जाएंगे। बैठक का संचालन मोर्चा महामंत्री महेश गुर्जर ने किया। इस दौरान सुमन पाटीदार, मंडल अध्यक्ष जालमसिंह, राकेश पटेल, दिनेश पटेल, दयानंद पाटीदार, श्याम दुबे, आनंदराम यादव, राजेश राजपूत, लक्ष्य धनगर आदि उपस्थित थे।


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