घर में घुसकर चोरी करने वाले आरोपी की जमानत अर्जी खारिज

सागर। न्यायालय-श्रीमान रविन्द्र कुमार धुर्वे न्यायिक मजिस्ट्र प्रथम श्रेणी, देवरी जिला सागर ने आरोपीगण अनूप दांगी, नीेलेन्द्र दांगी, अभिषेक दांगी, सोनू शर्मा एवं मोनू शर्मा निवासी जैतपुर थाना देवरी जिला सागर का जमानत आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी श्री मनोज नायक, देवरी जिला सागर ने शासन का पक्ष रखा। 


घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 06.10.2020 को रात मे अज्ञात चोरों द्वारा फरियादी के खलिहान में बने मकान का ताला तोड़कर उसमें रखी धान की 06 बोरी कीमत 4000 रूपये, 02 बोरी मूंग की कीमत 6000 रूपये की चोरी की गयी। उक्त घटना के 6-7 दिन पहले भी अज्ञात चोर खलिहान के मकान से रात में ताला तोड़कर 10000 रूपये का 12 बोरी गेहू चुराकर ले गये थे। पुलिस द्वारा आरोपीगण के विरूद्ध धारा 457,380 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपीगण को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। आरोपीगण के अधिवक्ता ने न्यायालय में जमानत आवदेन प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण अनूप दांगी, नीेलेन्द्र दांगी, अभिषेक दांगी, सोनू शर्मा एवं मोनू शर्मा का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 437 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर जेल भेजा गया। 


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नाबालिग को शादी का झांसा देकर ले जाने वाले  


आरोपी की जमानत खारिज


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सागर। न्यायालय-श्रीमान उमाशंकर अग्रवाल अपर सत्र न्यायाधीश जिला सागर ने आरोपी हरप्रसाद पटैल का जमानत आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी श्री ताहिर खान, बण्डा जिला सागर ने शासन का पक्ष रखा। 


घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि पीडिता के चाचा ने रिपोर्ट लेख कराई कि नाबालिग के माता-पिता मजदूरी करने बाहर गये है। दिनांक 29.10.2018 को दोपहर 12-01 बजे के करीब नाबालिग भतीजी घर से गई थी जो कि घर बापिस नही आयी। सभी जगह पता करने पर भी उसका कोई पता नही चला। उक्त रिपोर्ट पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान अभियोक्त्री को दस्तायाव किया गया तो उसने बताया कि आरोपी हरप्रसाद शादी का झांसा देकर ले गया और शादी नही की तथा एक किराये के मकान में रखे रहा। आरोपी हरप्रसाद को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। आरोपी के अधिवक्ता द्वारा न्यायालय में जमानत आवदेन प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी हरप्रसाद का प्रस्तुत जमानत आवेदन निरस्त कर दिया गया। 


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