भाजपा से निष्काषित पूर्व विधायक की हुई वापसी
कार्यकर्ताओ के एक गुट ने दर्ज कराया विरोध
मंडलेश्वर(अमन वर्मा)। 2018 में सम्पन्न हुए विधानसभा के दौरान महेश्वर विधानसभा में भाजपा के पूर्व विधायक राजकुमार मेव को टिकिट न मिलने के कारण, निर्दलीय चुनाव लड़ने पर पार्टी से निष्काषित कर दिया गया था। प्रदेश में चल रहे उपचुनाव के समर के दौरान शुक्रवार को मेव की फिर से पार्टी में वापसी हो गयी। समीपस्थ मान्धाता विधानसभा में उपचुनाव के कारण चल रहे चुनावी संग्राम में आयोजित सभा के दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा, खंडवा लोकसभा संसदीय क्षेत्र के सांसद नंद कुमार सिंह चौहान, खरगोन बड़वानी लोकसभा क्षेत्र के सांसद गजेंद्र सिंह पटेल, खरगोन के जिला अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राठौर की उपस्थिति में मेव की भाजपा में वापसी की घोषणा हुई।
क्षेत्र के सभी निष्काषितो की हुई वापसी:
विधानसभा चुनाव के दौरान क्षेत्र से पूर्व विधायक मेव के साथ अन्य 8 समर्थकों हुए थे निष्काषित:
विधानसभा चुनाव में पूर्व विधायक मेव
द्वारा निर्दलीय चुनाव लड़ने की सजा पार्टी से निष्काशन के के रूप में भुगतनी पड़ी। उनके साथ महेश्वर विधानसभा के 8 अन्य मेव समर्थकों को भी निष्काषित किया गया था। जिनमे से महेश्वर के दो पार्षद, पूर्व नप अध्यक्ष, मण्डलेश्वर से नप अध्यक्षा, बलवाड़ा के सरपंच एवं करही के अन्य कार्यकर्ता थे। शुक्रवार को मान्धाता में आयोजित चुनावी सभा मे सभी की घर वापसी हो गयी।
दिन भर रहा चर्चाओं का दौर:
शुक्रवार सुबह 12 बजे जैसे ही महेश्वर विधानसभा के कार्यकर्ताओं को यह खबर लगी की पूर्व विधायक मेव की वापसी हो रही है। जिससे चर्चाओं एवं अटकलों का दौर शुरू हो गया। कुछ भाजपा कार्यकर्ता असमंजस में थे कि यह कैसे हो गया वही कुछ इस बात की खुशियां मना रहे थे। महेश्वर एवं मण्डलेश्वर में मेव समर्थकों ने शाम को आतिशबाजी भी की।
क्यो हुई मेव की वापसी?
पूर्व विधायक मेव चुनाव हारने के बाद से ही विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहे वही पार्टी के टिकिट पर चुनाव हारे पूर्व विधायक भूपेंद्र आर्य की निष्क्रियता भी मेव की वापसी का मुख्य कारण बनी। लॉक डाउन के दौरान भी पूर्व विधायक मेव क्षेत्र में जनता की सेवा करते दिखाई दिए जिसके परिणाम के तौर पर उन्हें धारा 144 के उल्लघन का दोषी भी पाया गया। वही पूर्व विधायक भूपेंद्र आर्य की निष्क्रियता क्षेत्र में इतनी प्रसिद्ध है कि दलगत राजनीति से विरक्त आम मतदाता भी आर्य की निष्क्रियता की बात करता है।
मेव के समक्ष रहेंगी कई चुनौतियां-
वापसी के बाद पूर्व विधायक मेव को पार्टी के कार्यकर्ताओ के एक गुट की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। ये वही गुट है जो विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ खड़ा हुआ था। भाजपा समर्थक यह गुट आज भी मेव को स्वीकार करने को तैयार नही है। विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान मेव ने भाजपा को अपशब्द तक कहने से गुरेज नही किया था जिसके चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मेव के पार्टी विरोधी भाषणों के बचाव में मण्डलेश्वर में आम सभा करनी पड़ी थी। भाजपा समर्थक कार्यकर्ताओ ने मेव की वापसी पर अपना विरोध दर्ज करते हुए कहा की जो इंसान पार्टी के प्रति ईमानदार नही हो सकता वो जनता के प्रति क्या ईमानदार होगा।
Comments
Post a Comment