बलात्संग के आरोपी और इस कुकृत्य में सहयोग करने वाली कलयुगी मामियों को जेल

राजगढ़। जिला न्यायालय मे पदस्थ माननीय विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट श्रीमती अंजली पारे ने थाना राजग के अपराध क्रमाक 515/20 में अभियुक्तगण राहुल पिता रामचरण, लीलाबाई पति मांगीलाल एवं कौशल्या बाई सर्व निवासी पीपली पुरोहित जिला राजगढ़ की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।


घटना की जानकारी देते हुये मीडिया प्रभारी श्री आशीष दुबे ने बताया है कि दिनाक 08.10.2020 को फरियादिया ने थाना राजगढ में उपस्थित होकर रिपोर्ट लिखबाई कि वह अपने मामा के गांव पीपलावे पुरोहित में थी। मामा के पड़ोसी राहुल पिता रामचरण का दिनांक 0710. 2020 को राहुल का फोन आया बोला कि तेरे मामा के खेत की टपरी में आ जा। फरियादिया ने मना किया। फरियादिया की छोटी मामी कौशल्याबाई ने बोला कि रात को ऊपर के कमरे में सो जाना और अदर से कुदी बंद मत करना। फरियादिया ऊपर के कमरे मे सो गई बाहर उसकी बड़ी मामी लीलाबाई सो रही थी। रात को करीब 2 बजे राहुल कमरे में आया और मुँह दबाने लगा। फरियादिया चिल्लाई तो दोनो मामियों ने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया था। राहुल ने जबरदस्ती पीडिता के साथ बलात्कार किया और बाद में राहुल के कहने पर मामियों ने गेट खोल दिया था। मामा कह रही थी कि किसी को बताना मत, फरियादिया ने पुलिस को फोन करने का प्रयास किया तो दोनों ने मोबाइल छीन लिया था फरियादिया ने सुबह उठकर डायल 100 को कॉल कर पुलिस को बुलाया था और उनके साथ थाना कोतवाली राजगढ आकर रिपोर्ट लिखवाई थी, जिस पर अपराध क्रमांक 515/20 का अपराध पजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।इस प्रकरण में आरोपीगण लीलाबाई कौशल्याबाई और राहुल ने न्यायालय को अपना जमानत आवेदन पत्र प्रस्तुत कर जमानत की मांग की थी ।जिस पर विशेष लोक अभियोजक श्री आलोक श्रीवासतव ने अपने तर्क के दौरान माननीय न्यायालय का ध्यान इस ओर आकृष्ट करवाया कि प्रकार की घटना महिलाओं से जुड़े हुये अपराध से संबंधित है। इस कारण यदि आरोपीगण की जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह प्रकरण में महत्वपूर्ण साक्ष्य पर दवा बनाकर अभियोजन की साक्ष्य को प्रभावित करेगा और समाज पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा। इस कारण आरोपी को जमानत पर रिहा न किया जावे।न्ययालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती अंजली पारे मे अभियोजन के तकों दृष्टिगत रखते हुये अभियुक्तगण लीलाबाई, कौशल्याबाई और राहुल की जमानत याचिका खारिज कर जेल भेज दिया है।


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