अंधे कत्ल एवं हत्या में गिरफ्तार आरोपियों का तीन दिन का पुलिस रिमाण्ड
इंदौर। जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि न्यायालय श्री दिनेश मीणा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी देपालपुर जिला इंदौर के समक्ष थाना देपालपुर के अप.क्र. 272/2020 धारा 302 भादंसं के तहत गिरफ्तारशुदा आरोपीगण राहुल उर्फ जाकम पिता पुरूषोत्तम सेठ उम्र 21 साल एवं कुणाल उर्फ विपुल पिता महेन्द्र पटेल उम्र 18 निवासी ग्राम बबेडिया को पेश किया गया एवं पुलिस अभिरक्षा इस आधार पर मांगी गई कि प्रकरण में आरोपियों से पूछताछ एवं हत्या में उपयोग किए गए हथियार को जप्त करना है।अभियोजन की ओर से एडीपीओ श्री शिवनाथ सिंह मावई द्वारा तर्क रखे गये । अभियेाजन के तर्को से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपीगणों का दिनांक 13.10.2020 तक का पुलिस अभिरक्षा में दिए जाने का आदेश किया गया।
अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादी द्वारा बताया गया कि दिनांक 07.10.2020 को सुबह 08:00 बजे खबर लगी कि पंडित के खेत वाली पुलिया के नीचे पानी में किसी की लाश ओन्धी पडी है। इस पर मैं वहां पहुंचा गांव के अन्य लोग भी आ गये थे एवं गांव का चौकीदार आ गया इसकी सूचना पुलिस को दी तो मौके पर पुलिस आ गई शव को बाहर निकलवाया देखा तो शव शाहिद पिता मोहम्मद अली उम्र 30 साल निवासी मुण्डला का था जो मेरे बडे पापा के लडके लगते है। शाहिद अली के दांए कान के नीचे सिर , गर्दन पर चोट का निशान होकर सूजा हुआ था एवं नाक मुह कान से खून निकल रहा था पुलिया पर भी खून के दाग पडे दिखे उसकी चप्पल भी वहीं पर पडी थी, पानी मे एक लकडी का डण्डा पडा था एवं उसका मोंबाइल भी उसके पास नहीं था । पुलिस द्वारा शव को पीएम के लिए ले जाया गया , जिसकी रिपोर्ट थाने पर की जिस पर से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
शासकीय अनाज एवं कैरोसीन की हेर फेरी करने वाले फरार आरोपियों के विरूद्ध उपस्थिति हेतु उदघोषणा जारी
इंदौर। जिला अभियोजन अधिकारी श्री मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि कमलेश मीणा न्यायिक मजिस्ट्रेट महू के न्यायालय में थाना बडगोंदा के अपराध क्रमांक 429/2020 धारा 3,7 आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में फरार आरोपी आयुष अग्रवाल पिता महेश चन्द्र अग्रवाल निवासी 156 गोकुलगंज महू के प्रकरण में फरार आरोपियों की पता तलाशी बार-बार किए जाने पर अपने निवास पर नहीं मिलता था तथा भविष्य में इसके मिलने की संभावना नही हैं अत: थाना बडगोंदा द्वारा आरोपी के विरूद्ध उपस्थिति हेतु आवेदन पेश किया गया। अभियोजन की ओर से एडीपीओ श्रीमती संध्या उइके द्वारा तर्क रखे गए। तत्पश्चात न्यायालय द्वारा आरोपी की 30 दिवस में उपस्थिति हेतु उद़घोषणा जारी करने के आदेश दिए गए।
अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि, आरोपी मोहनलाल के साथ मिलकर सभी आरोपीयों ने शासकीय कैरोसिन से ट्रकों का संचालन कर ट्रकों में शासकीय अनाज जिसमें गेहूं,चना,चावल की बोरियों को बडी मात्रा में छल करने के आशय से अपने गोडाउन हर्षित ट्रेडर्स में उतरवाया तथा शासकीय अनाज का हेर फेर किया। घटना में प्रयुक्त सभी आठ ट्रक जिनका शासकीय कैरोसिन के माध्यम से अवैध संचालन आरोपी आयुष अग्रवाल द्वारा किया जा रहा था। आयुष द्वारा प्रस्तुत बिलों में अंकित क्रमांक के वाहन परिवहन अधिकारी के जांच बाद अस्तित्व में नही पाए गए। इस प्रकार आरोपी ने अवैध ट्रकों के माध्यम से शासकीय अनाज का अवैध परिवहन कर रहा था जिसके विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध किए जाने हेतु आवेदन दिया गया था जिस पर से जांच पश्चात अपराध पंजबीद्ध कर विेवेचना में लिया गया।
शासकीय केरोसिन की हेराफेरी में फरार आरोपी मोहनलाल सहित अन्य 5 आरोपियों के विरूद्ध उपस्थिति के लिए जारी हुई उद्घोषणा
इंदौर। जिला अभियोजन अधिकारी श्री मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि कमलेश मीणा न्यायिक मजिस्ट्रेट महू के न्यायालय में थाना बडगोंदा के अपराध क्रमांक 440/2020 धारा 3,7 आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में फरार आरोपीगण मोहनलाल अग्रवाल, तरूण अग्रवाल, मोहित अग्रवाल, दीपेश अग्रवाल, आयुष अग्रवाल, लोकेश अग्रवाल निवासी गोकुलगंज महू के प्रकरण में आरोपीयों की पता तलाशी बार-बार किए जाने पर अपने निवास पर नहीं मिलने तथा न ही भविष्य में इनके मिलने की संभावना पर आज दिनांक को उदघोषणा हेतु बडगोंदा थाना द्वारा आवेदन पेश किया गया। अभियोजन की ओर से एडीपीओ श्रीमती संध्या उइके के द्वारा तर्क रखे गए तत्पश्चात न्यायालय द्वारा सभी आरोपीयों की 30 दिवस में उपस्थिति के लिए उद़घोषणा जारी करते हुए आदेश दिए गए।
अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि, आरोपी मोहनलाल के साथ मिलकर सभी आरोपीयों ने शासकीय कैरोसिन से ट्रकों का संचालन कर ट्रकों में शासकीय अनाज जिसमें गेहूं,चना,चावल की बोरियों को बडी मात्रा में छल करने के आशय से अपने गोडाउन हर्षित ट्रेडर्स में उतरवाया तथा शासकीय अनाज की हेराफेरी की और ऐसा कृत्य आरोपीगणों के द्वारा विगत 10 वर्षो से किया जा रहा था। पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
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