आरोपी ने अपने माता-पिता के सहयोग से किया नाबालिग के साथ दुष्कर्म, आरोपीगण की जमानत निरस्त
फरियादी ने एसपी जबलपुर के समक्ष उपस्थित होकर इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी 15 वर्षीय बालिका दिनांक 03/06/2020 को अपने कजिन की शादी में गई थी। दिनांक 05/06/2020 को पीड़िता अपने भाई छुटकू के साथ रोड से जा रही थी, तभी आरोपी दीपक तिवारी उसे मिला और पीड़िता को एक मोबाइल दिया और कहा कि यह उसकी मां ने दिया है। पीड़िता ने मोबाइल लेने से इनकार कर दिया तब आरोपी ने वह मोबाइल उसके भाई छुटकू को दे दिया और वहां से चला गया। दिनांक 10/06/2020 को रात्रि 10:00 बजे जब पीड़िता आरोपी द्वारा दिए गए मोबाइल में गेम खेल रही थी। तभी आरोपी दीपक तिवारी ने फोन किया और कहा कि उसकी मां ने उसे कपड़े भेजे हैं और बाहर आकर ले लो। पीड़िता घर के बाहर गई, आरोपी दीपक तिवारी ने पीड़िता को जबरदस्ती अपने तूफान वाहन में धक्का देकर अंदर कर लिया और उसका मुंह दबा दिया और हाथ पैर को गमछा से बांध दिया और रास्ते में पीड़िता के साथ बलात्कार किया । फिर आरोपी दीपक तिवारी पीड़िता को अपने गांव अपने घर लेकर गया और उसे एक कमरे में बंद कर दिया। वहां पर पीड़िता को 1 महीने 4 दिन तक रखा गया और उसके साथ बलात्कार किया गया। आरोपी के माता-पिता ने आरोपी को पीड़िता के साथ बलात्कार करते हुए देखा है और उसे रोकने की बजाय आरोपी के माता-पिता ने अपने लड़के का समर्थन किया और आरोपी के पिता ने पीड़िता को धमकी दी अगर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई तो हम तुम्हारे पिता को जेल भिजवा देंगे और जान से खत्म कर देंगे। पीड़िता ने अपने घर आकर घटना की जानकारी अपने माता-पिता को दी, व घटना की रिपोर्ट एसपी जबलपुर से की। जिस पर से थाना कुण्डम में रिपोर्ट लेखबध्द कराई, जिस पर से थाना कुण्डम के अपराध क्र. 182/2020 धारा 363,342,376,376(2)(एन), 34 भादवि एवं 6 पाक्सो एक्ट के तहत अपराध पंजीबध्द कर आरोपीगण दीपक तिवारी, आरोपी के पिता छोटेलाल तिवारी, आरोपी की मां दुर्गा तिवारी को गिरफ्तार कर न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पाक्सों) श्रीमती संगीता यादव के समक्ष पेश किया गया। अभियुक्तगणो ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। शासन की ओर से प्रभारी उपसंचालक श्री शेख वसीम के निर्देशन में अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती स्मृतिलता वरकड़े ने जमानत का विरोध कर बताया कि वर्तमान समय में महिला से संबंधित अपराध बढते जा रहे हैं, यदि ऐसे में अभियुक्तगणो को जमानत का लाभ दिया जाता हैं तो समाज में न्याय के प्रति विपरीत संदेश पहुॅचेगा , तथा इस प्रकार के अपराधों के बढ़ने की संभावना और बढ़ जायेगी। अभियोजन द्वारा दिये गये तर्को से सहमत होते हुये आरोपीगण को जमानत आवेदन निरस्त कर आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया।
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