शिक्षक ने आदिवासी बच्चों को स्मार्ट फोन से कराया रूबरू


खरगोन 28 सितंबर 2020। खरगोन आज भी दुर्गम व दुर्लभ आदिवासी क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। यहां कई ऐसे गांव है, जहां बड़ी मुश्किल से पहुंच पाते है। वहीं यहां कि भौतिक खुबसुरती का भी एक अपना मकाम है, जो प्रदेश में सबसे अलग भी है। ऐसा ही एक क्षेत्र बैड़िया से तकरीबन 15 किमी दूर पहाड़ी क्षेत्र में माता फल्या स्थित है। यहां 80 से 90 मकान है और यहां मात्र 2 से 3 स्मार्ट फोन है, वो भी बड़ी मुश्किल से नेटवर्क और डेटा नहीं होने के कारण चला पाते है। मप्र शासन द्वारा कोरोना काल से हमारा घर हमारा विद्यालय संकल्पना के आधार पर पढ़ाई का नया प्रयोग प्रारंभ हुआ। बस यहीं नया प्रयोग माता फल्या के 30 से 40 आदिवासी बच्चों के लिए स्मार्ट फोन से रूबरू होने का अवसर मिला। दरअसल माता फल्या में एक जिम्मेदारी निभाने वाले शिक्षक है, जो न सिर्फ नियमित कक्षाएं लगाता है, बल्कि बच्चों को अन्य गतिविधियों को मोबाईल के माध्यम से रूबरू कराता है। शासन ने तय किया कि शिक्षक ही घर-घर जाकर बच्चों को पढ़ाएं, लेकिन इस शिक्षक ने माता फल्या, जो कि 3 किमी के दायरे में दुर्गम नालों व पहाड़ियों में बसा है, किसी उचित स्थान पर मंदिर के पास 15 से 20 बच्चों को एकत्रित कर 6 जुलाई से सतत् पढ़ाने का सिलसिला जारी रखे हुए है।


अक्षरों, पशु-पक्षियों व हिंदी कहानियों सुनाकर पढ़ाता है शिक्षक


बायों से बीएससी उत्तीर्ण होने के बाद वर्ष 2013 में राजगढ़ जिले के रवि सोनी की पदस्थापना रोड़िया में हुई थी, लेकिन पिछले वर्ष माता फल्या प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक का तबादला अन्यत्र हो जाने के बाद रवि सोनी के जिम्मे प्राथमिक विद्यालय आया। हमारा घर हमारा विद्यालय के संकल्पना के तहत दो दिनों तक शिक्षक रवि अभिभावकों से संपर्क करता रहा। सभी के नंबर लिए, लेकिन वाट्सअप से अभी यह गांव ठीक से परिचित नहीं हुआ। इसके बाद रवि ने अपने मोबाईल में कई तरह के अलग-अलग एप्प डाउनलोड किए, जिसमें हिंदी और अंग्रेजी अक्षरों की पहचान, पशु-पक्षिओं की आवाज व चित्र, उनके उपयोग तथा अनेक हिंदी कहानियों की विषय वस्तु तैयार की। अब शिक्षक रवि के पास रोजाना 15 से 20 बच्चे बिन बुलाए बिल्कुल सही समय पर प्रातः 10 बजे पहुंच जाते है और मोबाईल से कहानियां सुनने के लिए इंतजार करते है। दोपहर में जब शिक्षक रवि वापस लौटते है, तो होमवर्क के अलावा अनेक गतिविधियों के बारे में बताकर आते है। वास्तव में खरगोन जैसे दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में बच्चों, अभिभावकों व शिक्षक तीनों मिलकर घर को ही विद्यालय बनाने की दिशा में अपनी भूमिकाएं निभा रहे है।


ऑनलाईन क्विज प्रतियोगिता हुई प्रारंभ


50 में से 20 प्रश्नों के सही उत्तर देने वाले को प्राप्त होगा प्रशस्ति पत्र


खरगोन। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर पर्यटन विभाग द्वारा ऑनलाईन क्विज प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। जिले में डीएटीसी अधिकारी तथा शिक्षा विभाग के क्विज मास्टर के सहयोग से ऑनलाईन क्विज प्रतियोगिता 27 सितंबर से प्रारंभ होकर 30 सितंबर तक चलेगी। जिला नोडल अधिकारी नीरज अमझरे ने बताया कि क्विज प्रतियोगिता में शासकीय व अशासकीय विद्यालय के कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी सहभागिता कर सकते हैं। प्रतियोगिता में सहभागिता पूर्णता निःशुल्क है। प्रतियोगिता में 25 प्रश्न विश्व पर्यटन दिवस एवं 25 प्रश्न मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों पर आधारित हैं। 50 प्रश्नों में से 20 प्रश्नांे का सही उत्तर देने वाले विद्यार्थी को ईमेल पर प्रशस्ति पत्र प्राप्त होगा। नोडल अधिकारी अमझरे ने बताया कि ऑनलाईन लिंक को जिला शिक्षा अधिकारी व आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा विभिन्न विद्यालयों तक उनके प्राचार्य एवं शिक्षक के माध्यम से भेजी गई है। लिंक के माध्यम से विद्यार्थी एक मोबाईल क्रमांक से तथा एक ईमेल आईडी से केवल एक प्रविष्टि ही स्वीकार की जाएगी। 50 प्रश्नों की इस क्विज में 3 दिन तक छात्र घर बैठे प्रश्नपत्र हल कर सकता हैं, जिसमें प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक होगा। किसी भी प्रकार की नकारात्मक मूल्यांकन नहीं होगा। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए क्विज मास्टर अमित शर्मा क्विज के दूरभाष नंबर 9926612316 पर संपर्क किया जा सकता है।


आईटीआई के कोर्स में पंजीयन और च्वाईस फिलिंग की तिथि बढ़ाई


खरगोन। प्रदेश में स्थित समस्त आईटीआई में नवीन सत्र अगस्त 2020 में प्रवेश के लिए एक व दो वर्षीय व्यवसाईयों में विभिन्न कोर्स में ऐसे अभ्यर्थी, जिनका फार्म में त्रुटी होने के कारण प्रवेश नहीं हो सका अथवा देर से पता होने के कारण पंजीयन नहीं करा सके। ऐसे विद्यार्थियों के लिए 30 सितंबर तक तिथि बढ़ाई गई है। इस दौरान विद्यार्थी त्रुटि सुधार एवं नवीन पंजीयन ऑनलाईन कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए कौशल विकास संचालनालय की वेबसाईट www.mpskills.gov.in व www.dsd.mp.gov.in तथा iti.mponline.gov.in पर जानकारी प्राप्त सकते है। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार सभी व्यवसायों के लिए उम्मीदवारों की आयु 1 अगस्त 2020 को 14 वर्ष या उससे अधिक होना चाहिए और कक्षा 10वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। प्रत्येक व्यवसाय में 50 प्रतिशत स्थान उस जिले के आवेदकों के लिए आरक्षित रहेंगे, जिस जिले में संस्था स्थापित है तथा शेष 50 प्रतिशत स्थान प्रदेश के आवेदकों से भरे जाएंगे। जिले के आरक्षित स्थान रिक्त रहने पर प्रदेश के आवेदकों से भरे जा सकेंगे। एससी, एसटी, ओबीसी एवं होरिजोंटल आरक्षण शासन के नियमानुसार रहेगा।


जिले की 8 आईटीआई में यह कोर्स होंगे संचालित


औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खरगोन के प्राचार्य हितेषी सुरागे ने बताया कि जिले में 8 आईटीआई संचालित है। इनमें खरगोन में एक वर्षीय कोर्स में स्टेनोग्राफी हिंदी, सर्वेयर, वेल्डर, मैकेनिक डीजल इंजन, कम्प्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट तथा दो वर्षीय कोर्स में इलेक्ट्रीशियन, फिटर, टर्नर, मशीनिष्ट, मैकेनिक मोटर व्हीकल, ड्राफ्ट्स मेन शामिल है। वहीं करही में एक वर्षीय कोर्स में वेल्डर, स्टेनोग्राफी हिंदी तथा दो वर्षीय कोर्स में मैकेनिक इलेक्ट्रानिक्स, मंडलेश्वर में एक वर्षीय कोर्स में वेल्डर, मैकेनिक डीजल इंजन, कम्प्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट तथा दो वर्षीय कोर्स में इलेक्ट्रीशियन व फिटर, कसरावद में एक वर्षीय कोर्स में वेल्डर, कम्प्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट तथा दो वर्षीय कोर्स में इलेक्ट्रीशियन, झिरन्या में एक वर्षीय कोर्स में वेल्डर व सुइग टेक्नोलॉजी तथा दो वर्षीय कोर्स में इलेक्ट्रीशियन, भगवानपुरा में वेल्डर, कम्प्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, मैकेनिक डीजल इंजन व सुइग टेक्नोलॉजी तथा दो वर्षीय कोर्स में इलेक्ट्रीशियन, भीकनगांव में एक वर्षीय कोर्स में सुइग टेक्नोलॉजी तथा दो वर्षीय कोर्स में इलेक्ट्रीशियन तथा गोगावां आईटीआई में दो वर्षीय कोर्स में इलेक्ट्रीशियन का कोर्स शामिल है।


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