शासकीय अमले पर पथराव करने वाली महिलाओं को न्यायालय ने जेल भेजा
ब्यावरा 30 सितंबर न्यायालय न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी ब्यावरा ने शासकीय अमले पर पथराव करने वाली आरोपिया नीरजबाई पति दुर्गेश छाड़ी एवं सरिताबाई पति महेन्द्र छाड़ी सर्व निवासी ग्राम दूधी जिला राजगढ की जमानत खारिज कर जेल भेज दिया है। मीडिया प्रभारी एडीपीओ आशीष दुबे ने जानकारी देते हुये बताया है कि दिनांक 27 सितम्बर 2020 को राजगढ के अधिकारीगण एडिसनल एसपी, एसडीओपी ब्यावरा, एसडीओपी नरसिंहगढ, एसडीओपी सारंगपुर, एसडीओपी राजगढ, रक्षित निरीक्षक राजगढ एवं थानों का पुलिस बल, एसडीएम ब्यावरा, एसडीएम सारंगपुर, राजस्व अधिकारी, खनिज एवं आबकारी नगर परिषद के अमले सहित अवैध शराब के संबंध में ग्राम गुलखेड़ी में दविश दी गई थी। सर्चिंग के दौरान विभिन्न प्रकार की देशी विेदेशी शराब थाना प्रभारी बोडा द्वारा जप्त कर कार्यवाही की गई थी। जहां से अवैध उत्खनन की सूचना पर ग्राम दूधी में एसडीएम ब्यावरा एवं खनिज विभाग के द्वारा एक पोकलेन मशीन, एक जेसीबी एक ट्रेक्टर की जप्ती की कार्यवाही की गई थी।इस कार्यवाही के दौरान महेश, विनोद, मनोज राकेश, अमित कंजर, शैलेन्द्र गुदेन, कल्याण कंजर अक्षय कंजर, भगवान सिंह कंजर एवं करण कंजर सर्व निवासी ग्राम दूधी ने एकमत होकर शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न कर शासकीय कार्य में लगे अमले को भयभीत करने अमले पर पथराव किया जिसमें एसडीओपी सारंगपुर घायल हो गये थे एवं हाईवे पर चक्का जाम करने का प्रयास किया था जिसे विफल करने हेतु आंसू गैस के गोले छोडे गये थे। मौके पर उपस्थित महिला पुलिस बल द्वारा 2 महिलाओं को पथराव करते हुये घेराबंदी कर पकड़ा गया था। दोनों महिलाओं को पुलिस अभिरक्षा में थाना लाकर अपराध धारा 147, 148, 353, 427, 332, 186 भादवि का पाने से अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया था। इस प्रकरण में आरोपिया नीरज बाई एवं सरिता बाई ने न्यायालय के समक्ष जमानत आवेदन प्रस्तुत कर जमानत की मांग की थी, जिस पर सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी ब्यावरा ने तर्क किया कि आरोपीगण दुस्साहसी, संवेदना रहित एवं उद्दण्ड प्रवृति के है जिन्हें शासन प्रशासन का कोई भय नहीं है। यह शासकीय अधिकारी कर्मचारियों पर हमला करने से गुरेज नहीं करते तो आम जन सामान्य की तो स्थिति सामान्य शब्दों में बयां नहंी की जा सकती। इसलिए इन आरोपीगण की जमानत याचिका निरस्त करने की कृपा करें। अभियोजन के तर्को को दृष्टिगत रखते हुये माननीय न्यायालय ने आरोपीगणों की जमानत याचिका खारिज की है।
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