सरकारी धन का न्यास भंग कर दुरूपयोग करने वाले तीन और आरोपी पहुँचे जेल मामला कार्यालय आयुक्त अनु. जाति विकास विभाग में सरकारी धन के दुरूपयोग का है
भोपाल। जिले के माननीय न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री राकेश शर्मा के न्यायालय में आरोपी भवानी भीख, भाउराव भलावी एवं अनिल पोलघंटवार द्वारा अग्रिम जमानत आवेदन प्रस्तुत किया और कहा कि उसे झूठा फंसाया गया है। शासन की ओर से पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक श्री अमित राय ने बताया कि आरोपियों द्वारा गोविंद जैठानी, अनिता रायकवार, एस.के. वामनकर एवं एस. के. थापक के साथ आपराधिक षडयंत्र में शामिल होकर शासकीय धन राशि का आपराधिक न्यास भंग करके स्वयं के खाते में जमा कराई गई है। इस प्रकार आरोपियों द्वारा उक्त अवधि में राशि रूपये क्रमश: 2,85,802, 18,27,224 एवं 50,64,762 की अवैध संपत्ति अर्जित करना विवेचना में स्पष्ट हुआ है, जो कि उनकी वैध आय से 78.60, 641.17 एवं 943.80 प्रतिशत अधिक है, जो विवेचना में स्पष्ट हुआ है। प्रकरण अत्यंत गंभीर प्रकृति का है, यदि आरोपियों को अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाता है तो वह साक्ष्य एवं साक्षियों को प्रभावित कर सकती है। प्रकरण विवेचनाधीन है। केस डायरी का अवलोकन एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपियों की जमानत निरस्त कर उन्हें जेल भेज दिया गया।
एडीपीओ. श्री अमित राय ने बताया कि आरोपी भवानी भीख कार्यालय आयुक्त अनुसूचित जाति विकास विभाग भोपाल/नागरकि अधिकार संरक्षण प्रकोष्ठ, भोपाल में वर्ष 1986 से 1991 तक कलेक्टर रेट पर कार्य करता था। वर्ष 1991 में रेग्युलर भृत्य के पद पर नियुक्त हो गया था। वर्ष 1993 से जिला कोषालय भोपाल में बिल लगाना, जिला कोषालय से चेक प्राप्त कर कैशयरों को देने का काम करता था, इसके अतिरिक्त कार्यालयों में डाक लगाता था। विवेचना में आरोपी के वेतन खाते के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई, आरोपी भउराव भलावी कार्यालय आयुक्त अनुसूचित जाति विकास विभाग भोपाल में वर्ष 1987 से भृत्य के पद पर कार्यरत है एवं आरोपी अनिल पोलघंटरवार कार्यालय आयुक्त अनुसूचित जाति विकास विभाग भोपाल में वर्ष 1987 से सहायक ग्रेड-03 पद पर कार्यरत है। वर्ष 2006 में सहायक ग्रेड-02 पद पर पदोन्नत हुआ। भारतीय स्टेट बैंक शाखा फतेहगढ, भोपाल में आरोपियों का बैंक खाता क्रमश: 10200043714 , 10200043741 , 10200044741 (वेतन खाता) है। भारत सरकार विशेष केन्द्रीय सहायता योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति के आर्थिक रूप से कमजोर, बेरोजगार युवक/युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं अन्त्योदय स्वरोजगार योजना अंतर्गत अनुदान उपलब्ध कराने के लिये प्रतिवर्ष राशि प्राप्त होती है, जिसका आहरण कर अन्त्योदय स्वरोजगार योजना राशि म.प्र. अनु. जाति वित एवं विकास निगम को उपलब्ध कराई जाती है। अनु. जाति विकास म.प्र. तथा कोषालय वल्लभ भवन के कर्मचारी तथा अधिकारीगणों ने धोखाधडी एवं षड्यंऋ पूर्वक दस्तावेजों की कूटरचना करते हुए, 7 करोड रूपये की वित्तीय आहरण किया।
पुलिस द्वारा उक्त अपराध अपराध क्रमांक 61/2012 धारा 420, 467, 471, 120 बी भादवि एवं 13(1) सहपठित 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत पंजीबद्ध कर 173(8) दण्ड प्रकिया संहिता के अंतर्गत विवेचना में लिया ।
पार्किंग से गाडी चोरी करने वाले आरोपी की जमानत निरस्त
भोपाल। जिले के माननीय न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी भोपाल श्री लालता सिंह के न्यायालय में आरोपी परसु वर्मा पिता गोला वर्मा उम्र 38 वर्ष नि. दामखेडा कोलार रोड भोपाल ने जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया कि आरोपी के विरूद्ध झूठा मामला पंजीबद्ध किया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। शासन की ओर से पैरवी करते हुए अभियोजन अधिकारी श्रीमती रचना चिढार ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि वर्तमान में चोरी की घटनाएं दिन प्रतिदिन बढती जा रही है, तथा आरोपी द्वारा कई चोरियां की गई है, इसलिए आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाना उचित नहीं है। केस डायरी का अवलोकन एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा की जमानत निरस्त करते हुए आरोपी परसु वर्मा को जेल भेज दिया गया।
एडीपीओ. श्रीमती रचना चिढार ने बताया कि फरियादी नवल किशोर सानी पिता स्व. श्री रणछोड सानी उम्र 56 साल नि. सर्वधर्म बी सेक्टर कोलार रोड ने थाना आकर सूचना दी कि दिनांक 10.09.2020 की सुबह 11.30 बजे मैने अपनी एक्टिवा क्र. एमपी045x4699 अपने घर एस.एन. होम्स सर्वधर्म बी सेक्टर की पार्किंग में खडी कर अपने घर चला गया अगली सुबह करीब 9 बजे आकर देखा तो गाडी वहॉं नहीं थी। जिसकी सूचना मिलने पर थाना कोलार रोड में अपराध क्र. 1465/2020 पर अपराध पंजीबद्ध किया गया।
विवेचना के दौरान आरोपीगण राजू सूर्यवंशी एवं परसू वर्मा से उक्त अपराध का मशरूका बरामद किया गया। आज दिनांक को आरोपीगण को न्यायिक अभिरक्षा के लिए पेश किय गया था । आरोपी परसू वर्मा द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया जिसे माननीय न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिनांक 26.09.2020 तक आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में रखे जाने का आदेश दिया।
मादक पदार्थों की तस्करी के मामले राजधानी में रोज बढ रहे
एक और गांजा तस्कर पहुँचा जेल जमानत निरस्त
भोपाल। विशेष न्यायालय एन.डी.पी.एस. श्री मुकेश कुमार के न्यायालय में आरोपी सुमित अहिरवार भोपाल के द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया कि आरोपी के विरूद्ध झूठा मामला पंजीबद्ध किया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। शासन की ओर से पैरवी करते हुए उपसंचालक श्री के.के. सक्सेना, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री विक्रम सिंह एवं श्री नीरेन्द्र शर्मा ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि वर्तमान में ऐसे प्रकरणों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हो रही है तथा आरोपी से जप्त गांजा अल्प मात्रा से अधिक है, ऐसी स्थिति में जमानत का लाभ दिये जाने पर उक्त घटना पुन: घटित होने की संभावना है। केस डायरी का अवलोकन एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी शरीफ उर्फ बच्चा की जमानत निरस्त की गई, आरोपी पूर्व से ही जेल में है।
एडीपीओ. श्री विक्रम सिंह ने बताया कि दिनांक 16.09.2020 को थाना पिपलानी भोपाल को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई थी कि एक व्यक्ति गांजा बेचने की फिराक में है। पुलिस अधिकारी सूचना की तस्दीक के लिए पहुँचे, जहॉं पर सुमित अहिरवार मोटरसाईकिल के साथ मिला। उसके पास ग्रे कलर का बैग था जिसके अंदर नीली पॉलिथिन में एक पैकेट रखा था जिसे खोला तो उसमें गांजा था। जिसे वहीं पर तौला तो वह 2 किग्रा. था। पुलिस ने गांजे से सैंपल निकाले जिसमें जांच् हेतु भेजने के लिए रखा गया ।पुलिस ने सुमित को गिरफ्तार किया और गांजे को जप्त किया और उसे थाने में लाकर बंद किया। थाना पिपलानी में उसके विरूद्ध अपराध क्र. 872/2020 धारा 8/20 के तहत अवैध रूप से गांजा बेचने का अपराध पंजीबद्ध किया गया। आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया, जहां पर आरोपी ने जमानत हेतु आवेदन प्रस्तुत किया, जिस पर न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए उक्त जमानत को निरस्त कर दिया गया।
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