राजधानी को नशा मुक्त रखना ही अभियोजन का उद्देशय –उपसंचालक अभियोजन भोपाल
मादक पदार्थों की तस्करी के आरोपी निरंतर पहुंच रहे है जेल
थाना बैरसिया अंतर्गत दो और मादक पदार्थो का तस्कर गया जेल जमानत निरस्त
भोपाल। विशेष न्यायालय एन.डी.पी.एस. श्री मुकेश कुमार के न्यायालय में आरोपी नीरज विश्वकर्मा, बृजेश जैन भोपाल के द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया कि आरोपी के विरूद्ध झूठा मामला पंजीबद्ध किया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। शासन की ओर से पैरवी करते हुए उपसंचालक श्री के.के. सक्सेना, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री विक्रम सिंह एवं श्री नीरेन्द्र शर्मा ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि वर्तमान में ऐसे प्रकरणों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हो रही है तथा आरोपी से जप्त गांजा अल्प मात्रा से अधिक है, ऐसी स्थिति में जमानत का लाभ दिये जाने पर उक्त घटना पुन: घटित होने की संभावना है। केस डायरी का अवलोकन एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी शरीफ उर्फ बच्चा की जमानत निरस्त की गई, आरोपी पूर्व से ही जेल में है।
एडीपीओ. श्री विक्रम सिंह ने बताया कि दिनांक 08.09.2020 को थाना बैरसिया भोपाल में मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि कुछ लोग गांजा बेचने की फिरात में है। थाना बैरसिया के पुलिस अधिकारी मुखबिर से प्राप्त सूचना की तस्दीक में गये तो उन्हे चार संदेही मिले। जिनमें से एक व्यक्ति अपने हाथ में सफेद रंग की प्लास्टिक की बोरी लिये दिखा तथा अन्य तीन व्यक्ति जो साथ खडे थे बार-बार हाथ में रखा पदार्थ सूंग रहे थे तथा मोल भाव कर रहे थे। पुलिस ने सभी लोगों को पकडा तथा बोरी लिये व्यक्ति ने अपना बृजेश जैन बताया। पुलिस ने आरोपी नीरज की तलाशी ली तो उसकी जेब से 26500/-रूपये नकद मिले तथा बृजेश जैन के पास जो बोरी थी उसे खोलकर देखा तो उसमें मादक पदार्थ गांजा भरा हुआ था उसे वही तोला तो वह दस किलो दो सौ ग्राम था। जिसे आरोपी नीरज अपने अवैध कब्जे में लिये बेचने की फिरात में रखे हुये था। पुलिस ने गांजे में से जांच के लिये सैम्पल निकाले और सम्पूर्ण गांजे को जब्त कर बृजेश और खडे व्यक्तियों को गिरफतार किया और थाने लाकर उनके विरूद्ध गांजा रखने के अपराध में एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/20 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर हवालत में बंद किया।
उपसंचालक अभियोजन श्री के.के.सक्सेना : – वर्तमान समय में पूरे देश एवं प्रदेश सहित राजधानी में मादक पदार्थो की तस्करी के मामलें निरंतर बढ रहे है। मादक पदार्थ पूरे समाज और खासकर युवा वर्ग को नशे के अधेंरे में धोंक देता है जिससे वो न केवल नशे की लत के आदी हो जाते है बल्कि मादक पदार्थ प्राप्त करने के लिए गंभीर से गंभीर अपराध करने में भी नही चूकते हैा निश्चित रूप से मादक पदार्थो से संबंधित किसी अपराध को बढने नही दिया जात सकता है। संचालक लोक अभियोजन महोदय श्री पुरूषोत्तम द्वारा राजधानी सहित प्रदेश के सभी विेशेष लोक अभियोजकों को मादक पर्दाथो की तस्करी करने वाले आरोपियों के मामले में सशख्त पैरवी कर उन्हें जेल के पीछे पहुचाने के लिए हर संभव प्रयास के निर्देश दिये गये है। श्री सक्सेना ने कहा कि नशे के कारोबारियों को उचित सजा दिलवाकर ही इस समाज को नशामुक्त किया जा सकता है।राजधानी भोपाल में भी कई मामलें मादके पदार्थो की तस्करी के आते है ऐसे मामलों में अभियोजन द्वारा सख्त पैरवी की जाती है और ऐसे आरोपियों को जेल भेजकर उन्हें सजा दिलवाई जाती है। राजधानी को नशा मुक्त रखना ही अभियोजन का उद्देशय है और इस कार्य को करने के लिये अभियोजन हमेशा तत्पर है।
ट्रेन में चोरी करने वाले आरोपीगण को भेजा गया जेल
भोपाल। जिले के माननीय विशेष रेलवे मजिस्ट्रेट श्री कपिल सोनी के न्यायालय में आरोपीगण आबिद अली एवं आरोपी इंद्रेश कुमार द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया कि आरोपी के विरूद्ध झूठा मामला पंजीबद्ध किया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। शासन की ओर से पैरवी करते हुए अभियोजन अधिकारी श्री देवेन्द्र यादव ने जमानत का विरोध करते हुए कहा प्रकरण अत्यंत गंभीर प्रकृति का है, यदि आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाता है तो वह साक्ष्य एवं साक्षियों को प्रभावित कर सकती है। केस डायरी का अवलोकन एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी की जमानत निरस्त कर उसे जेल भेज दिया गया।
एडीपीओ. श्री देवेन्द्र यादव ने बताया कि फरियादी दिनांक 31.07.2020 को ट्रेन 02806 नर्इ दिल्ली विशाखापट्टनम एक्प्रेस के कोच बर्थ 39 पर दिल्ली से नागपुर की यात्रा कर रहा था । रेलवे स्टेशन भोपाल से ट्रेन चलने पर एक अज्ञात चोर द्वारा एक मोबाइल विवो कंपनी कीमत 9700 रूपये की चोरी की गई। पुलिस द्वारा थाना हबीबगंज के अपराध क्रमांक 63/20 धारा 379, 411 भादवि के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। सीडीआर के आधार पर आरोपीगण आबिद अली एवं इंद्रेश कुमार की पहचान कर गिरुफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 08.10.20 तक आरोपीगणों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजे जाने का आादेश दिया।
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