राहत या बीमा राशि बचत खातें में जाएं, केसीसी में समायोजित नहीं होगी-कलेक्टर
कलेक्टर ने की किसान प्रतिनिधियों के साथ बैठक
खरगोन 01 सितंबर 2020। किसानों को होने वाली समस्याओं के निराकरण को प्राथमिकता दी जाएगी। किसानों को राहत या बीमें की राशि उनके बचत खातें में स्थानांतरित की जाएगी, न कि उनके केसीसी खातें से कर्ज की राशि से समायोजित होगी। वहीं किसानों की फसलों को जंगली जानवरों से समय-समय पर होने वाले खतरें को बचाने के लिए वन विभाग तथा इससे जुड़ें विभागों के साथ पृथक से बैठक कर ठोस निर्णय लिए जाएंगे। इसके अलावा समय सीमा में जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए प्रकरण बनाए जाएंगे। साथ ही मक्का की फसल को मोटा अनाज पंजीयन में शामिल करने के लिए शासन स्तर पर इस समस्या से अवगत कराया जाएगा। किसानों की समस्याओं को लेकर कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने किसानों के प्रतिनिधियों के साथ स्वामी विवेकानंद सभागृह में बैठक की। बैठक में किसानों ने कई किसान हितैषी बिंदुओं के बारे में जानकारी दी। बैठक में कलेक्टर सहित उपस्थित अधिकारियों व किसान प्रतिनिधियों ने देश के पूर्व राष्ट्रपति स्व. प्रणव मुखर्जी के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रृद्धांजलि अर्पित की। बैठक में कृषि उप संचालक एमएल चौहान, उद्यानिकी उप संचालक केके गिरवाल, कृषि विभाग के सहायक संचालक दीपक मालवीय एवं प्रकाश ठाकुर उपस्थित रहे।
वन ग्राम के किसानों को भी सम्मान निधि का लाभ दिया जाएगा
बैठक में किसानों के प्रतिनिधियों ने किसान हितैषी कई मुद्दों पर बात रखी। उन्हीं में से एक किसान सम्मान निधि को लेकर मुकेश पटेल ने बताया कि वन ग्राम के किसानों को सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा ने कहा कि वन ग्राम वालें किसानों को भी सम्मान निधि का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए राजस्व विभाग के साथ बैठक में समीक्षा कर इस पर निश्चित तौर पर कार्य कर किसानों को लाभ देने की कार्यवाही की जाएगी। पशुओं के टीकाकरण के मामले में कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा ने पशुपालन विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि ब्लॉक व गांववार शेड्यूल बनाकर जानकारी प्रस्तुत करें। जिस गांव में किसी कर्मचारी को नियुक्त किया है, तो उसका भी उल्लेख आवश्यक रूप से किया जाएं। भारतीय किसान संघ के महामंत्री दिनेश पाटीदार ने कहा कि कई ऐसे मुद्दे होते है, जो अपसी समन्वय से पूरे हो सकते है। इसके लिए प्रत्येक माह या हर दूसरे माह में किसान हितैषी विभाग और किसान प्रतिनिधियों के साथ बैठक से सुधार हो सकता है। कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने कहा कि यह अच्छा सुझाव है, इस पर पृथक से बैठक के लिए विचार किया जाएगा। कोशिश की जाएगी कि अगर इससे परिणाम निकल सकते है, तो अच्छा कदम होगा।
सर्वे कार्य प्रारंभ किए जाएं
किसान प्रतिनिधि भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष श्याम पंवार ने अवगत कराया कि पिछले दिनों से लगातार धूप और कुछ समय बाद लगातार बारिश से न सिर्फ कपास की फसल, बल्कि मिर्च और सोयाबीन की फसलों पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है। गत वर्ष मिर्च के भाव अच्छे मिलने से किसानों ने बड़-चढ़कर मिर्च की फसल उंगाई है। वहीं सोयाबीन की फसल भी पीला मोजेक के कारण फलन नहीं हो पा रहा है। इन सब के अलावा इस वर्ष मूंग व उड़द की फसल भी पक नहीं पाई है। अध्यक्ष पंवार ने सर्वे कराने की मांग की। कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा ने एसडीएम व राजस्व विभाग के अमले के साथ पृथक से बैठक कर वास्तविक रूप में सर्वे कार्य कराने की बात कहीं।
अधिसूचित फसलों के लिए सर्वे प्रारंभ करने के आदेश
खरगोन। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ वर्ष 2020 में जिले की समस्त तहसीलों के किसानों की अधिसूचित फसलें जल भराव एवं कीट व्याधि आदि से खराब होने के कारण 50 प्रतिशत या उससे कम उपज आने की शिकायत क्षेत्रीय विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई। कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मार्गदर्शिका में उल्लेखित प्रावधान अनुसार मध्यावधि मौसम प्रतिकुलता फसल अवधि मौसम के मध्य जलभराव, वृहद कीट एवं व्याधि, भू-स्खलन, प्राकृतिक आग, बिजली कड़कना, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, बाढ़ लंबी सूखी अवधि, गंभीर सूखा इत्यादि विपरित मौसम परिस्थितियों के कारण प्रारंभिक फसल 50 प्रतिशत से कम होने की संभावना है। ऐसी स्थिति में बीमाकृत किसानों को तत्काल राहत दिया जाना प्रस्तावित है। जिले की समस्त तहसीलों में सर्वेक्षण कार्य प्रारंभ कर फसल क्षति का आंकलन किया जाएगा। जिले में जिला स्तर पर मूंग व उड़द, तहसील स्तर पर ज्वार, मूंगफली, कपास तथा हल्का स्तर पर सोयाबीन व मक्का अधिसूचित है एवं उद्यानिकी फसलें मिर्च, केला, पपीता, प्याज, टमाटर, बैंगन अधिसूचित है।
आंकलन का सर्वेक्षण कार्य के लिए दल का किया गठन
खरीफ वर्ष 2020 में जल भराव एवं कीट व्याधि से जिले में फसलें सूखने तथा खराब होने की स्थिति निर्मित होने के कारण बोई गई फसलों को हुई क्षति आंकलन का सर्वेक्षण करने के लिए ग्राम स्तर पर दल का गठन किया गया है। दल में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, पटवारी, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी, एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कपंनी ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक तथा संबंधी कंपनी को शामिल किया गया है।
किसी भी प्रकार की त्रुटि में संशोधन के लिए 9 सितंबर तिथि निर्धारित
खरगोन। फसल गिरदावरी कार्य पूर्ण हो चुका है एवं सभी फसलें ऑनलाईन कर दी गई है, जो गूगल प्ले स्टोर पर “एमपी किसान एप्प“ के माध्यम से कृषकों द्वारा स्वयं अपने खेत की फसल की एंट्री नाम अथवा खसरा नंबर से चेक की जा सकती है। एसएलआर पवन वास्केल ने बताया कि फसल की एंट्री एवं खसरा नंबर अपलोड करते समय अगर किसी भी प्रकार की त्रुटि हुई है, तो 9 सितंबर के पूर्व एप्प के माध्यम से फसल सुधार की रिक्वेस्ट की जा सकती है। साथ ही पटवारी के द्वारा भी निर्धारित अवधि में फसल सुधार किया जा सकता है। इसके पश्चात कोई भी फसल सुधार कार्य नहीं होगा। आने वाले समय में पंजीकरण का कार्य शुरु होने ने वाला है, जिससे किसी प्रकार की किसानों को कोई असुविधा न हो।
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