फर्जी विक्रय सौदा चिट्ठी बनाकर मकाने हडपने वाले जालसाज आरोपी की जमानत हुई खारिज

इंदौर। जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि, न्‍यायालय श्री सुधीर कुमार चौधरी तेहरवे अपर सत्र न्‍यायाधीश इंदौर के समक्ष थाना हीरानगर के अप.क्र.33/2019 धारा 420, 426, 468, 417, 419 भादवि में जेल मे निरूद्ध आरोपी जितेन्‍द्र उर्फ जीतू पिता रतन परमार के द्वारा जमानत आवेदन प्रस्‍तुत किया गया और जमानत पर छोडे जाने का निवेदन किया गया। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक श्री विनोद मिलन द्वारा जमानत आवेदन का विरोध करते हुए तर्क रखे गए कि यदि आरोपी को छोडा गया तो वह फरियादी और साक्षियों को डरायेगा, धमकायेगा तथा आरोपी के फरार होने की संभावना है, आरोपी का पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड है। अत: आरोपी का जमानत आवेदन निरस्‍त किया जाना चाहिए। न्‍यायालय द्वारा तर्को से सहमत होते हुए आरोपी का जमानत आवेदन निरस्‍त किया गया।  


अभियोजन की कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादी ने थाना आकर रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 16.06.2016 को उसने उसका मकान पंजीकृत विक्रय पत्र से श्रीमती प्रेमलता परमार को विक्रय कर उन्‍हें कब्‍जा सौप दिया था। दिनांक 19.09.2018 को दैनिक भास्‍कर के पृष्‍ठ 9 पर श्री माधवकृष्‍ण अग्रवाल एडवोकेट के द्वारा एक जाहिर सूचना अपने अज्ञात पक्षकार की ओर से प्रकाशित करवाकर उक्‍त मकान के असल दस्‍तावेज गुमने और विक्रय का सौदा प्रार्थी द्वारा करना बताकर, आपत्ति आमंत्रित की। मेरे द्वारा मकान के असल दस्‍तावेज विक्रय पत्र श्रीमती प्रेमलता परमार को सौंप दिये गए थे और कब्‍जा दे दिया था। मेरे द्वारा श्री अग्रवाल अधिवक्‍ता के अज्ञात पक्षकार से मकान का कोई सौदा नही किया गया और न ही उसे कोई कार्यवाही का अधिकार शेष रहा है। दैनिक भास्‍कर में असत्‍य जाहिर सूचना प्रकाशित करवाकर कोई मुझे परेशान कर रहा है। उक्‍त सूचना पर से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना दौराने सुनील तिवारी को गिरफ्तार कर उससे नकली सौदा चिट्ठी जप्‍त की गई जिसमें कथित सौदा जितेन्‍द्र परमार के द्वारा अशोक सोनी के नकली हस्‍ताक्षर कर निष्‍पादन करना बताया। संपूर्ण विवेचना पश्‍चात आरोपियों को न्‍यायालय के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया।


लूट करने वाले आरोपी की जमानत हुई खारिज


इंदौर। जिला अभियोजन अधिकारी श्री मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया श्रीमती रश्मि मिश्रा चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्‍यायाधीश महू इंदौर के न्‍यायालय में थाना किशनगंज के अपराध क्रमांक‍ 364/2020 धारा 393 भादवि में जेल में निरूद्व आरोपी धीरज पिता परसराम पथरिया उम्र 21 साल निवासी भाटखेडी किशनगंज, के द्वारा जमानत आवेदन पेश किया गया एवं जमानत पर छोडे जाने का निवेदन किया गया। अभियोजन की ओर से एडीपीओं श्री आनंद नेमा के द्वारा वीसी के माध्‍यम से उपस्थित होकर जमानत आवेदन का विरोध करते हुए कहा गया कि, अपराध गंभीर प्रकति का हैं यदि आरोपी को जमानत का लाभ दिया गया तो वह फरियादी को डरायेगा एवं राजीनामे के लिए दबाव बनाएंगा तथा आरोपी के फरार होने की संभावना हैं अत: आरोपी का जमानत आवेदन निरस्‍त किया जायें। न्‍यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुए आरोपी का जमानत आवेदन निरस्‍त किया गया।


अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादी राजकुमार पिता नर्मदा प्रसाद बिलोरें द्वारा बताया गया कि, मैं उक्‍त पते पर रहता हॅूं तथा मिस्‍त्री का काम करता हूँ। आज दिनांक 13/06/2020 को मैं अपने घर पीथमपुर से श्रीनाथ टाउन कालोनी में अपने भाई दिनेश बिल्‍लोरें को खाने का टिफिन देने अपनी मोटर सायकल से जा रहा था करीबन 11:30 बजे मुझे पैरामाउंट एकेडमी स्‍कूल के पास भाटखेडी में एक व्‍यक्ति ने मुझे रोका मैने अपनी मोटरसायकल रोकी तो उस व्‍यक्ति ने मेरा मोबाईल मेरी जेब से जबरदस्‍ती निकालकर भागने लगा , मैं चिल्‍लाया तो राहगीर दिलीप व देवकरण एवं अन्‍य व्‍यक्तियों की सहायता से उस व्‍यक्ति को पकडा तथा पुलिस को सूचना दी। पुलिस द्वारा नाम पुछने पर उसने अपना नाम धीरज पिता पारसराम पथरिया होना बताया। रिपोर्ट पर से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।


मॉडलिंग के नाम पर मॉडल का पोर्न वीडियो बनाकर वेबसाईट पर डालने वाले दूसरे आरोपी की जमानत हुई खारिज


इंदौर। जिला अभियोजन अधिकारी मो. अकरम शेख द्वारा बताया गया कि, न्‍यायालय श्रीमती विनिता गुप्‍ता न्‍य मजिस्‍ट्रेट प्रथम श्रेणी इंदौर के समक्ष थाना राज्‍य सायबर सेल जोन इंदौर के अप.क्र.128/2020 धारा 66ई, 67, 67ए, 84बी, 85 आईटी एक्‍ट तथा धारा 90, 354सी, 120बी, 34 भादवि व धारा 3, 4, 5, 7 अनैतिक देह व्‍यापार अधिनियम में जेल में निरूद्ध आरोपी ब्रजेन्‍द्र सिंह गुर्जर पिता कमलसिंह के द्वारा जमानत आवेदन प्रस्‍तुत किया गया और जमानत पर छोडे जाने का निवेदन किया गया। अभियोजन की ओर से एडीपीओ श्रीमती ज्‍योति गुप्‍ता द्वारा जमानत आवेदन का लिखित विरोध करते हुए तर्क रखे गए कि यदि आरोपी को छोडा गया तो वह पुन: अपराध करेगा। फरियादीया को डरायेगा, धमकायेगा तथा आरोपी के फरार होने की संभावना है तथा आरोपी पुन: ऐसे अपराध की पुनरावृत्ति करेगा अत: आरोपी का जमानत आवेदन निरस्‍त किया जाना चाहिए। न्‍यायालय द्वारा तर्को से सहमत होते हुए आरोपी का जमानत आवेदन निरस्‍त किया गया। पूर्व में उक्‍त अपराध में आरोपी मिलिंद की जमानत निरस्‍त की जा चुकी है।


अभियोजन की कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि दिनांक 25.07.2020 को फरियादीया ने राज्‍य सायबर सेल झोन इंदौर पर एक लिखित आवेदन प्रस्‍तुत किया कि मैं एक अकादमी में पिछले 2.5 सालो से जॉब तथा डांस कोरियाग्राफ का काम करती थी इस दौरान मेरी मुलाकात मिलिंद डाबर नाम के व्‍यक्ति से हुई जिसने मुझे एक शॉर्ट वीडियो बनाने का ऑफर देते हुए कहां कि वीडियो में तुम्‍हे कामवाली बाई का रोल करना है जिसके लिए मैं तैयार हो गई। दिनांक 26.12.2019 को मिलिंद डाबर मुझे ऑटो से पलासिया से गांधी नगर तक लेकर गया। गांधीनगर चौराहे पर हमे अंकित चावडा मिला जो कैमरा ऑपरेटर का काम करता है जो गोवर्धन की कार से हमे लेने आया था। मिलिंद डाबर और अंकित चावडा मुझे गोवर्धन की कार से अजय गोयल के शिमला फार्म हाउस गांधीनगर लेकर गए। मैं वहां गई तो मेरे और मिलिंद के अलावा वहां 5-6 लोग पहले से उपस्थित थे जिसमें मेन डायरेक्‍टर ब्रजेंद्र सिंह गुर्जर तथा मुख्‍य कैमरा मेन राजेश था, मैं वहां पहुंची तो सभी लोग शराब पी रहे थे और उन लोगों ने मुझे भी शराब पिलाई और कहां कि आज बहुत देर हो गई है इसलिए कल शूट होगा और मुझसे यह भी कहां कि जो शूट करेगे उसकी एक क्लिप एकता कपूर के चेनल अल्‍ट बालाजी पर भेजेंगे। उन्‍होने मेरी बात किसी लडकी से करवाई जो खुद को एकता कपूर की पीए बता रही थी उसके बाद मैने उनसे कहां कि आज शूट नही है मुझे घर ड्राप कर दो तो मिलिंद ने कहां कि हम पार्टी करने वाले है तुम चाहो तो रूक जाओ। मैं वहां रूक गई फिर कुछ देर बाद ब्रजेंद्र बोला कि आज ही शूट कर लेते है कल शूट खत्‍म करके चले जाएंगे। मैं शूट करने के लिए तैयार हो गई। शूट के लिए उन्‍होने मुझे कपडे‍ दिए तो मै पहन कर तैयार हो गई। बाद में उन्‍होने मुझसे कहां कि एक बोल्‍ड सीन भी करना है जिसका क्लिप हमारे पास ही होगा जो कि हम एडिट करके किसी बड़े प्रोडक्‍शन में दिखाएगे, उसके बाद आपको मूवी व सिरियल के लिए सिलेक्‍ट किया जाएगा। मैं शूट के लिए तैयार हो गई। शूट पूरा होने के बाद मैंने उनसे कहां कि मेरी मर्जी के बिना वीडियो कही जाना नही चाहिए तो उन्‍होने कहां कि हम इसके लिए एग्रीमेंट करेगे आपका वीडियो बिना सहमति के कही नही जाएंगा। उन लोगो ने मुझे शूट के लिए 5000 रूपये देने के लिए कहां था कि पैसे हम तुम्‍हारे खाते मे जमा कर देगें। उसके बाद न ही उन्‍होने मुझे पैसे दिए और न ही मुझसे कॉल पर बात की और मुझे ब्‍लॉक कर दिया। दिनांक 23.03.2020 को मुझे एक लडकी ने मैसेज में कमेंट करते हुए सांता बाई कहां फिर मेरे एक परिचित कहां मुझे फोन पर एक लिंक भेजी और कहां कि वीडियो में तुम हो। मैने लिंक खोलकर देखा जिसे देखकर में शॉक्‍ड रह गई। लिंक में वही वीडियो था जो ब्रजेन्‍द्र सिंह गुर्जर, राजेश, मिलिंद डाबर, अंकित चावडा ने मेरा वीडियो बिना मेरी सहमति के कई पोर्न साईटस पर अपलोड कर दिया। मैने उसी समय ब्रजेन्‍द्र सिंह व मिलिंद को कॉल कर वीडियो के बारे में पूछा तो उन्‍होने कहां कि हमे नही पता वीडियो किसने डाले है। तुम एक एग्रीमेंट साइन कर दो हम वीडियो हटवा देंगे। मैंने कई बार ब्रजेन्‍द्र और मिलिंद को वीडियो हटाने का कहां पर उन्‍होने वीडियो हटाने से मना कर दिया। उक्‍त आवेदन पर जांच पश्‍चात आरोपियों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।


 


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