नकली नोट बनाने वाले आरोपीगण को भेजा गया जेल
भोपाल। जिले के माननीय न्यायालय श्रीमती प्रेमलता बोराना के न्यायालय में आरोपी हबीब पिता अजीज, आयु 39 वर्ष पता. दशमेश नगर अशोका गार्डन, अंकित अहिरवार उर्फ केतन पिता रमेश अहिरवार नि. लक्ष्मी गल्ला मंडी जहांगीराबाद, आयुष पियाणी उर्फ छोटू पिता अनिल पियाणी नि. भानपुर, संदीप शाक्य पिता रामलाल शाक्य नि. झुग्गी प्रेमनगर छोला भोपाल को थाना कोहेफिजा द्वारा धारा 489 क, ख,ग भादवि में नकली नोट बनाकर बाजार में चलाने के अपराध में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।
एडीपीओ. श्री योगेश तिवारी ने बताया कि आरोपीगण संगठित गिरोह के रूप में नकली नोट बनाकर बाजार में चला रहे थे। संगठित गिरोह के सदस्यो की गिरफतारी हेतु थाना कोहेफिजा की पुलिस टीम द्वारा प्रभात चौराहे से आरोपी हबीब को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बताया कि दो माह पूर्व खालिद कुरैशी द्वारा तबरेज नाम के व्यक्ति से मिलाया था और उनके द्वारा एक लाख नकली नोट दिये गये थे जिसमें हबीब द्वारा 32 हजार के नकली नोट के बदले 66 हजार के नकली नोट पूर्व में गिरफतार साथी संजय सिंह बुंदेला को दिये थे। आरोपी तबरेज द्वारा जहांगीराबाद स्थित अपने मकान पर अंकित, आयुष व संदीप शाक्य की मदद से मशीन से नकली नोट छापना बताया, तब पुलिस द्वारा इन आरोपियो को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई और तबरेज के मकान से कलर फोटोकॉपी मशीन , कटर , स्कैच पेन , व 100-100 रूपये के 13 हजार रूपये नकली नोट जप्त कर आरोपियो को गिरफतार किया गया। आरोपी खालिद कुरैशी पूर्व जेल में बंद है आरोपी तरबेज खान निवासी जहांगीराबाद की तलाशी जारी है।
माननीय न्यायालय के द्वारा सभी आरोपीगण को दिनांक 24.09.2020 तक न्यायिक अभिरक्षा (जेल) भेजे जाने के आदेश दिये।
सरकारी धन का न्यास भंग कर दुरूपयोग करने वाली ऑडिटर पहुँची जेल आरोपिया अनिता बाथम रैयकवार कार्यालय आयुक्त अनु. जाति विकास विभाग में थी पदस्थ
भोपाल। जिले के माननीय न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री राकेश शर्मा के न्यायालय में आरोपिया अनिता बाथम रैयकवार द्वारा अग्रिम जमानत आवेदन प्रस्तुत किया और कहा कि उसे झूठा फंसाया गया है, शासन की ओर से पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक श्री अमित राय ने बताया कि आरोपिया अनिता बाथम रैयकवार ने कार्यालय आयुक्त अनुसूचित जाति विकास विभाग में कूटरचना कर रूपये 80,00,000 का आहरण कर आर्थिक अनियमितता एवं आपराधिक न्यास भंग किया । प्रकरण अत्यंत गंभीर प्रकृति का है, यदि आरोपिया को अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाता है तो वह साक्ष्य एवं साक्षियों को प्रभावित कर सकती है। प्रकरण विवेचनाधीन है। केस डायरी का अवलोकन एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपिया अनिता बाथम रैयकवार की जमानत निरस्त कर उसे जेल भेज दिया गया।
एडीपीओ. श्री अमित राय ने बताया कि भारत सरकार विशेष केन्द्रीय सहायता योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति के आर्थिक रूप से कमजोर, बेरोजगार युवक/युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं अन्त्योदय स्वरोजगार योजना अंतर्गत अनुदान उपलब्ध कराने के लिये प्रतिवर्ष राशि प्राप्त होती है, जिसका आहरण कर अन्त्योदय स्वरोजगार योजना राशि म.प्र. अनु. जाति वित एवं विकास निगम को उपलब्ध कराई जाती है। अनु. जाति विकास म.प्र. तथा कोषालय वल्लभ भवन के कर्मचारी तथा अधिकारीगणों ने धोखाधडी एवं षड्यंऋ पूर्वक दस्तावेजों की कूटरचना करते हुए, 7 करोड रूपये की वित्तीय आहरण किया। आरोपिया वर्ष 1987 से ऑडिटर के पद पर भर्ती हुई थी। जनवरी 2006 को लेखा अधिकारी के पद पर पदोन्नत हुई , दिनांक 18.01.2010 से 08.04.2010 तक आहरण संवितरण अधिकारी के रूप में कार्यरत रही। आरोपिया ने वर्ष 2009, 2010 में कार्यालय आयुक्त जाति विकास विभाग अंतर्गत विभागीय बजट में मांग संख्या 64 योजना क्रमांक 0538 शिक्षित युवकों को स्वरोजगार प्रशिक्षण योगदान योजना अंतर्गत बिल क्रमांक 351/ 16.12.2009 से राशि रूपये 80,00,000 की रकम आहरित कर पुन: बिल क्रमांक 493/26.03.2010 से बिना स्वीकृति के कूटरचित बिल का ट्रेजरी से दिनांक 31.03.2010 को आहरण किया । इस अवधि में केशियर का कार्य आरोपी गोविंद जेठानी एवं डीडीओ. का कार्य आरोपी श्रीमती अनिता बाथम रैयकवार ने किया एवं अनियमित वितरण तथा रूपये 1,59,38,585 की राशियों का दो बार आहरण करते हुए अपने पद का दुरूपयोग कर अवैध लाभ प्राप्त करने हेतु शासकीय राशि का अपराधिक न्यास भंग किया ।
पुलिस द्वारा उक्त अपराध अपराध क्रमांक 61/2012 धारा 420, 467, 471, 120 बी भादवि एवं 13(1) सहपठित 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत पंजीबद्ध कर 173(8) दण्ड प्रकिया संहिता के अंतर्गत विवेचना में लिया ।
नाबालिग बालिका के साथ दुष्कृत्य करने वाला आरोपी पहुँचा जेल
भोपाल। जिले के माननीय न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती कुमुदिनी पटेल के न्यायालय में आरोपी ओम पिता अजिंदर व केशु पिता केसर द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया और झूठा फंसाये जाने की बात कही। शासन की ओर से पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक श्री टी.पी. गौतम, श्रीमती मनीषा पटेल, एवं श्रीमती रचना श्रीवास्तव ने बताया कि अपराध बालिकाओं के लैंगिक शोषण से संबंधित है, एवं आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाना उचित प्रतीत नहीं होता । केस डायरी के अवलोकन एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए उक्त जमानत माननीय न्यायालय द्वारा निरस्त कर आरोपी ओम को जेल भेज दिया गया।
एडीपीओ. श्रीमती मनीषा पटेल ने बताया कि पीडिता ने अपने मामा-मामी के साथ थाने में उपस्थित होकर रिपोर्ट लेख कराई कि वह दूसरी कक्षा में पढती है, उसके मम्मी–पापा काम करने के सिलसिले में करीब डेढ महीने पहले कोटा राजस्थान गए थे। पीडिता और उसकी बहने रातीगढ में छात्रावास में रहकर पढाई करती है। दिनांक 07.08.2018 की रात पीडिता की बुआ का बेटा जिकेश व पीडिता साथ सो रहे थे। रात करीब 2 बजे आरोपी ओम व केशु पीडिता के घर का दरवाजा खोलकर अंदर घुस गए और पीडिता के मुंह पर तकिया रख दिया और पीडिता के भाई को मारकर चुप करा दिया। आरोपी ओम ने पीडिता के साथ गलत काम किया व आरोपी केशु ने पीडिता के भाई के साथ मारपीट की। इसके बाद आरोपीगण वहां से भाग गए, पीडिता के चिल्लाने पर किसी की उसकी आवाज नहीं सुनी और वह बेहोश हो गई थी।
पुलिस द्वारा उक्त अपराध थाना गांधीनगर अंतर्गत धारा 376(2)(एन), 450, 323 भादवि व 3/4 पाक्सो एक्ट के प्रकरण क्र.615/2019 तहत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया, और आरोपीगणों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।
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