नाबालिग को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले आरोपी की जमानत निरस्त्

रायसेन। मान. न्यायालय द्वितीय अपर सत्र न्यायालय जिला रायसेन, (म.प्र.) द्वारा वीरेन्द्र कुमार को लैंगिक अपराधों में बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अपराध में प्रथम दृ‍ष्टाया दोषी पाये जाने पर आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त किया गया। 


इस विषय में राज्य की ओर से श्री अनिल मिश्रा, जिला लोक अभियोजन अधिकारी, जिला रायसेन उपस्थित रहे।


 घटना का संक्षिप्त विवरण यह है कि, आरोपी वीरेन्द्र कुमार द्वारा नाबालिग लड़की का पीछा कर मोबाईल के माध्यम से भी संपर्क करने की कोशिश करता था, जिससे तंग आकर 15 वर्षीय पीडि़ता ने आत्महत्या कर ली थी। आरोपी को थाना कोतवाली द्वारा माननीय मुख्य न्या्यिक मजिस्ट्रेट जिला रायसेन के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा आरोपी को जेल भेजा गया था। इसके उपरांत द्वितीय अपर सत्र न्याायालय जिला रायसेन के समक्ष बचाव पक्ष द्वारा आरोपी का जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया। श्री अनिल मिश्रा जिला लोक अभियोजन कार्यालय जिला रायसेन द्वारा आरोपी के जमानत आवेदन का कड़ा विरोध किया गया। पीडि़ता की अल्प आयु तथा प्रकरण की गंभीर परिस्थितियों को देखते हुए मान. न्यायालय द्वारा आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त किया गया।                            


अवैध रूप से शराब रखने एवं परिवहन करने वाले आरोपी की जमानत निरस्त


रायसेन। मान. न्यायालय श्रीमान् मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रायसेन, जिला रायसेन (म.प्र.) द्वारा आरोपी रघुनंदन धाकड़ को धारा 34(2) आबकारी अधिनियम में प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर आरोपी की ओर से प्रस्तुत जमानत आवेदन को निरस्त् किया गया। 


 घटना का संक्षिप्त विवरण यह है कि, आबकारी वृत्त बरेली जिला रायसेन द्वारा अपराध क्रं. 01/2020 अंतर्गत धारा- 34(2) आबकारी अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। प्रकरण में 50.00 बल्क लीटर से अधिक शराब जप्त होना दर्शाया है, आरोपी अभिनंदन द्वारा उक्त मदिरा का परिवहन किया जा रहा था। आरोपी द्वारा किया गया अपराध गंभीर प्रकृति का है, प्रकरण में जप्तशुदा शराब की मात्रा एवं प्रकरण की प्रकृति एवं परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी को जमानत दी जाना उचित नहीं है। मान. न्याया. द्वारा आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त किया जाता है।                 


अवैध रूप से शराब रखने वाले आरोपी की जमानत निरस्त


रायसेन। मान. न्यायालय श्रीमान् मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रायसेन, जिला रायसेन (म.प्र.) द्वारा आरोपी गोपाल को धारा 34(2) आबकारी अधिनियम में प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर आरोपी की ओर से प्रस्तुत जमानत आवेदन को निरस्त किया गया। 


 घटना का संक्षिप्त विवरण यह है कि, आबकारी वृत्त बरेली जिला रायसेन द्वारा अपराध क्रं. 301/2020 अंतर्गत धारा- 34(2) आबकारी अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। प्रकरण में 50.00 बल्क लीटर से अधिक शराब जप्त होना दर्शाया है। आरोपी द्वारा किया गया अपराध गंभीर प्रकृति का है, प्रकरण में जप्त शुदा शराब की मात्रा एवं प्रकरण की प्रकृति एवं परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी को जमानत दी जाना उचित नहीं है। मान. न्याया. द्वारा आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त किया जाता है।  


 


                        


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