नाबालिग के साथ बलात्‍कार के आरोपी एवं सह आरोपी का जमानत आवेदन निरस्‍त

रायसेन। माननीय विशेष न्‍यायाधीश, पोक्‍सो लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, श्री मति सुरेखा मिश्रा गौहरगंज, जिला रायसेन द्वारा पुलिस थाना सुल्‍तानपुर जिला रायसेन के अपराध क्रमांक 107/2020 अन्‍तर्गत भादसं धारा 363,366,376(2)(एन), भा.द.सं. एवं धारा 5 (एल)/6,लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 थाना सुल्‍तानपुर नाबालिग के अपहरण और बलात्‍कार के आरोपीगण 1-दीनदयाल उर्फ दीना खैरूआ आयु 27 2- दीपक खेरूआ उम्र 20साल निवासी ग्राम घाट पिपलिया, थाना तहसील सुल्‍तानपुर का जमानत आवेदन पत्र अन्‍तर्गत धारा 439 द.प्र.सं. निरस्‍त किया गया।  


इस मामले में राज्‍य की ओर से न्‍यायालय के समक्ष श्री अनिल कुमार तिवारी, विशेष लोक अभियोजक अधिकारी तहसील गौहरगंज जिला रायसेन द्वारा विडियो कान्‍फ्रेंसिंग के माध्‍यम से पक्ष रखा गया और ई-विरोध पत्र प्रस्‍तुत किया गया।


  अभियोजन कहानी का विवरण इस प्रकार है कि, अभियोजन अधिकारी द्वारा उक्‍त आवेदन के संबंधी में अपनी आपत्ति प्रस्‍तुत करते हुए व्‍यक्‍त किया गया कि नाबालिग के अपहरण और बलात्‍कार के आरोपी द्वारा नाबालिक अभियोक्‍त्री/पीडिता के भाई द्वारा गुमशुदगी की रिपोर्ट किए जाने पर मामला पंजीबद्ध किया गया एवं अभियोक्‍त्री को दस्‍तयाव करने पर पूछताछ से पता चला दीपक माता पिता संरक्षकता से नाबालिग लगभग 18 वर्ष से कम की अभियोक्‍त्री को ले जाकर उसके साथ बार-बार बलात्‍कार जैसा घृणित अपराध किया गया। प्रथम सूचना रिपोर्ट, केस डायरी के साथ संलग्‍न दस्‍तावेजों और पीडिता के कथनों से स्‍पष्‍ट होता है कि सम्‍पूर्ण सत्‍य है। और इसके अवलोकन द्वारा नाबालिक अभियोक्‍त्री का अपहरण एवं बलात्‍कार जैसे अपराध में प्रथम दृष्‍टया संलिप्‍तता प्रकट होती है। अत: आरोपी द्वारा गंभीर प्रकृति का अपराध कारित किया गया है। और जमानत पर मुक्‍त किये जाने की दशा में अभियुक्‍त द्वारा पुन: इसी भांति का अपराध किये जाने की प्रबल संभावना है। अत: अभियुक्‍त को जमानत का लाभ प्रदान नहीं किया जाए। अभियोजन पक्ष की प्रस्‍तुति के आधार पर न्‍यायालय द्वारा आरोपी का कृत्‍य गंभीर प्रकृति का पाये जाने से आरोपी का जमानत आवेदन निरस्‍त करते हुए आदेश में लिखा गया कि वर्तमान अभियोजन दस्‍तावेजों के आधार पर आवेदक के विरूद्ध प्राथमिक तौर पर आरोपी के विरूद्ध गंभीर प्रकृति का अपराध करने का आरोप परीलक्षित होता है। वर्तमान में इस प्रकार के अपराधों में निरंतर हो रही वृद्धि और समाज पर ऐसे अपराधों के पडने वाले दुष्‍प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए व प्रकरण के तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को तथा अपराध की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए आवेदक/अभियुक्‍त को जमानत का लाभ दिया जाना किसी भी प्रकार से न्‍यायोचित प्रतीत नहीं होता। और आरोपी का जमानत आवेदन न्‍यायालय द्वारा निरस्‍त किया गया।


स्‍थायी वारण्‍टी को जेल भेजा           


रायसेन। माननीय न्‍यायालय श्रीमान उपदेश राठौर न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट प्रथम श्रेणी बेगमगंज जिला रायसेन द्वारा दिनांक 28/09/2020 आरोपी सनुज पारदी आ. संजाब पारदी उम्र 32 वर्ष निवासी ग्राम रामपुर थाना रेहली जिला सागर (स्‍थायी वारण्‍ट) को आरक्षी केन्‍द्र बेगमगंज द्वारा धारा 25 आर्मस एक्‍ट में प्रथम दृष्‍टया दोषी पाते हुए गिरफतार करके पेश करने पर माननीय न्‍यायालय द्वारा आरोपी को जेल भेजा गया।


नाबालिग के साथ बलात्‍कार के आरोपी का सहयोग करने वाले आरोपी का जमानत आवेदन दूसरी बार निरस्‍त


रायसेन। माननीय विशेष न्‍यायाधीश, पोक्‍सो लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012, श्री मति सुरेखा मिश्रा गौहरगंज, जिला रायसेन द्वारा पुलिस थाना सुल्‍तानपुर जिला रायसेन के अपराध क्रमांक 106/2020 अन्‍तर्गत भादसं धारा 363,366,376(2)(एन), भा.द.सं. एवं धारा 5 (एल)/6,लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 थाना सुल्‍तानपुर नाबालिग के अपहरण और बलात्‍कार के आरोपी दीनदयाल खैरूआ आयु 27 साल पिता श्री वालाराम खैरूआ निवासी ग्राम घाट पिपलिया, थाना तहसील सुल्‍तानपुर का द्वितीय जमानत आवेदन पत्र अन्‍तर्गत धारा 439 द.प्र.सं. निरस्‍त किया गया।


इस मामले में राज्‍य की ओर से न्‍यायालय के समक्ष श्री अनिल कुमार तिवारी, विशेष लोक अभियोजक अधिकारी तहसील गौहरगंज जिला रायसेन द्वारा विडियो कान्‍फ्रेंसिंग के माध्‍यम से पक्ष रखा गया और ई-विरोध पत्र प्रस्‍तुत किया गया।


  अभियोजन कहानी का विवरण इस प्रकार है कि, अभियोजन अधिकारी द्वारा उक्‍त आवेदन के संबंधी में अपनी आपत्ति प्रस्‍तुत करते हुए व्‍यक्‍त किया गया कि नाबालिग के अपहरण और बलात्‍कार के आरोपी द्वारा नाबालिक अभियोक्‍त्री/पीडिता के भाई द्वारा गुमशुदगी की रिपोर्ट किए जाने पर मामला पंजीबद्ध किया गया एवं अभियोक्‍त्री को दस्‍तयाव करने पर पूछताछ से पता चला आरोपी माता पिता संरक्षकता से नाबालिग लगभग 18 वर्ष से कम की अभियोक्‍त्री को ले जाकर उसके साथ बार-बार बलात्‍कार जैसा घृणित अपराध किया गया। प्रथम सूचना रिपोर्ट, केस डायरी के साथ संलग्‍न दस्‍तावेजों और पीडिता के कथनों से स्‍पष्‍ट होता है कि सम्‍पूर्ण सत्‍य है। और इसके अवलोकन द्वारा नाबालिक अभियोक्‍त्री का अपहरण एवं बलात्‍कार जैसे अपराध में प्रथम दृष्‍टया संलिप्‍तता प्रकट होती है। अत: आरोपी द्वारा गंभीर प्रकृति का अपराध कारित किया गया है। और जमानत पर मुक्‍त किये जाने की दशा में अभियुक्‍त द्वारा पुन: इसी भांति का अपराध किये जाने की प्रबल संभावना है। अत: अभियुक्‍त को जमानत का लाभ प्रदान नहीं किया जाए। अभियोजन पक्ष की प्रस्‍तुति के आधार पर न्‍यायालय द्वारा आरोपी का कृत्‍य गंभीर प्रकृति का पाये जाने से आरोपी का जमानत आवेदन निरस्‍त करते हुए आदेश में लिखा गया कि वर्तमान अभियोजन दस्‍तावेजों के आधार पर आवेदक के विरूद्ध प्राथमिक तौर पर आरोपी के विरूद्ध गंभीर प्रकृति का अपराध करने का आरोप परीलक्षित होता है। वर्तमान में इस प्रकार के अपराधों में निरंतर हो रही वृद्धि और समाज पर ऐसे अपराधों के पडने वाले दुष्‍प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए व प्रकरण के तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को तथा अपराध की गंभीरता को दृष्टिगत रखते हुए आवेदक/अभियुक्‍त को जमानत का लाभ दिया जाना किसी भी प्रकार से न्‍यायोचित प्रतीत नहीं होता। आरोपी का जमानत आवेदन न्‍यायालय द्वारा निरस्‍त किया गया। इससे पूर्व भी आरोपी द्वारा जामनत आवेदन न्‍यायालय के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया था, जो दिनांक 08/09/2020 को आरोपी का जमानत आवेदन न्‍यायालय द्वारा निरस्‍त किया गया।              


 


                          


 


     


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