लोन दिलाने के नाम पर धोखाधडी कर रूपये ऐंठने वाले आरोपी की जमानत निरस्त
भोपाल। जिले के माननीय न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी भोपाल श्री लालता सिंह के न्यायालय में आरोपी विकास सिंह पिता सुरेन्द्र सिंह नि. हालमार्क सिटी कोलार रोड भोपाल द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया कि आरोपी के विरूद्ध झूठा मामला पंजीबद्ध किया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। शासन की ओर से पैरवी करते हुए अभियोजन अधिकारी श्रीमती रचना चिडार ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि अपराध गंभीर प्रकृति का है, यदि आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाता है तो वह अपराध की पुनरावृत्ति कर सकता है। केस डायरी का अवलोकन एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी की जमानत निरस्त कर दी गई।
एडीपीओ. श्रीमती रचना चिडार ने बताया कि फरियादी हितेश कुमार मौर्य पिता हीरालाल मौर्य नि. कोलार रोड भोपाल ने थाना बागसेवनिया में एक हस्तलिखित आवेदन दिया कि आरोपी विकास सिंह ने उसे प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत जिला उद्योग केंद्र से किसी बैंक से एक माह की अवधि के भीतर 60 लाख रूपये ऋण दिलवाने का झांसा देकर कहा कि पहले 4 लाख रूपये का खर्च आएगा। आरोपी ने फरियादी से शादी गार्डन बनवाने के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनवाने के नाम पर 25 हजार रूपये एवं जमीन डायवर्सन के नाम पर 25 हजार रूपये लिए।
दिनांक 30 जुलाई 2019 को 100 रूपये के स्टाम्प पर एग्रीमेंट कराया, जिसमें 3 लाख रूपये का खर्च बताया जिसमें से 2 लाख रूपये एडवांस तथा एक माह बाद शेष 1 लाख रूपये चेक के माध्यम से प्राप्त किए।
आरोपी द्वारा फरियादी को कोई लोन नहीं दिलवाया गया तथा पैसे वापस मॉंगने पर लौटाने से मना कर दिया। उक्त शिकायत के आधार पर थाना कोलार रोड में अपराध क्रमांक 1506/2020 धारा 420 भादवि के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया।
षड्यंत्र पूर्वक छल व धोखाधडी कर राशि प्राप्त करने वाले आरोपी की जमानत निरस्त
भोपाल। जिले के माननीय न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी भोपाल श्री लालता सिंह के न्यायालय में आरोपी राहुल सिंह चौहान नि. भोपाल द्वारा जमानत आवेदन प्रस्तुत किया गया कि आरोपीके विरूद्ध झूठा मामला पंजीबद्ध किया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। शासन की ओर से पैरवी करते हुए अभियोजन अधिकारी श्रीमती रचना चिडार ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी के विरूद्ध कई थानों में आपराधिक षड्यंत्र, छल व धोखाधडी के अपराध पंजीबद्ध है। आरोपी आदतन अपराधी है, यदि आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाता है तो वह साक्ष्य को प्रभावित कर सकता है तथा साक्षियों को डरा धमका सकता है, अत: आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाना उचित नहीं है। केस डायरी का अवलोकन एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी की जमानत निरस्त कर दी गई।
एडीपीओ. श्रीमती रचना चिडार ने बताया कि फरियादिया अर्चना द्विवेदी पति पंकज द्विवेदी नि. पुष्पानगर कॉलोनी अशोका गार्डन भोपाल द्वारा थाना बिलखिरिया में एक हस्तलिखित आवेदन दिया कि आरोपी राहुल सिंह चौहान ने फरियादिया से कान्हासिटी ग्राम कान्हासैया में भूखंड उपलब्ध कराने के नाम से वर्ष 2014 में 2,90,000 रूपये चेक के प्रापत किए तथा आरोपी शिवम नामदेव को मुख्तारआम घोषित कर फरियादिया से वर्ष 2015 में रजिस्ट्री करवाई, जबकि उक्त भूमि उनके नाम से नहीं थी और उक्त दोनों आरोपीगण ने आपराधिक षड्यंत्र पूर्वक बल व धोखाधडी कर राशि प्राप्त की तथा कोई भूखंड उपलब्ध नहीं कराया गया। जिसके आधार पर थाना बिलखिरिया में अपराध क्रमांक 361/2020 धारा 420, 467, 468, 471, 34 भादवि के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया।
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