कक्षा 9 से 12वीं तक के स्कूल 21 सितंबर से आंशिक रूप से खुलेंगे

खरगोन 19 सितंबर 2020। भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा गतिविधियों की चरणवार अनलॉकिंग के क्रम में कक्षा-9वीं से 12वीं तक के शासकीय एवं निजी स्कूल 21 सितंबर से आंशिक रूप से खुलेंगे। नियमित रूप से क्लासेस नहीं लगेंगी, लेकिन शिक्षक नियमित रूप से स्कूलों में उपलब्ध रहेंगे। विद्यार्थी किसी विषय पर शिक्षक से मार्गदर्शन लेने के लिए पालकों की अनुमति से पूर्ण रूप से ऐहतियात बरतते हुए स्कूल में आ सकते हैं। विद्यार्थी और शिक्षक के बीच परस्पर संवाद छोटे-छोटे समूह में पर्याप्त समय के अंतराल से करना होगा। कोविड संक्रमण से बचाव के लिए स्कूलों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का सख्ती से पालन करना होगा। कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी किया गया है, जो कि शासकीय एवं निजी दोनों विद्यालयों पर लागू होगा। कोविड संक्रमण को रोकने के लिए सामान्य और विशेष ऐहतियाती उपायों का सख्ती से पालन करना होगा। शिक्षक एवं विद्यार्थी 6 फीट की शारीरिक दूरी, फेस-कवर या मास्क का उपयोग, बार-बार साबुन से हाथों को धोना अथवा सेनेटाइज करने जैसे उपायों का अनिवार्यतः पालन करेंगे। जिला शिक्षा अधिकारी केके डोंगरे ने बताया कि जिले में स्कूलों के लिए पृथक से भी निर्देश जारी किए जाएंगे।


कंटेनमेंट जोन में विद्यालय खोलने की नहीं होगी अनुमति


विद्यालय की सभी ऐसी सतहों एवं उपकरणों का कक्षा प्रारंभ होने एवं समाप्ति के बाद एक प्रतिशत हाइपोक्लोराइड के उपयोग से डिसइंफेक्शन (कीटाणु शोधन) करना अनिवार्य होगा। पानी एवं हाथ धोने के स्थानों एवं शौचालयों की गहरी सफाई की जाएगी। शौचालयों में साबुन एवं अन्य सामान्य क्षेत्रों में सेनेटाइजर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। सार्वजनिक स्थलों पर थूकना वर्जित होगा। स्कूल के प्रवेश-स्थान पर हाथ की स्वच्छता के लिए सेनेटाइजर, डिस्पेंसर और थर्मल स्केनिंग की व्यवस्था रहेगी। स्कूल में केवल कोरोना नेगेटिव व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति होगी। विद्यालय में कोविड-19 के निवारक उपायों संबंधी पोस्टर्स/स्टेंडीज प्रदर्शित किए जाएंगे। आगंतुकों का प्रवेश सख्ती से प्रतिबंधित रहेगा। कंटेनमेंट जोन में विद्यालय खोलने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही कंटेनमेंट जोन में निवासरत विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल में आने की अनुमति नहीं होगी। मनोसामाजिक स्वास्थ्य के लिए नियमित परामर्श की व्यवस्था की जाएगी। विद्यार्थियों की भावनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शिक्षक, स्कूल काउंसलर्स और स्कूल स्वास्थ्य कार्यकर्ता एकजुट होकर काम करेंगे। छात्र, शिक्षक या कर्मचारी द्वारा बुखार, खांसी या श्वांस लेने में कठिनाई होने पर निकटतम चिकित्सा सुविधा संस्थान को तुरंत सूचित कर चिकित्सीय परामर्श लेना होगा। यदि व्यक्ति पॉजिटिव आता है, तो पूरे परिसर का कीटाणु-शोधन किया जाएगा।


विद्यार्थियों के लिए स्थानीय कहानियों का होगा संग्रहण


खरगोन। राज्य स्तर पर कक्षा पहली से पांचवीं तक के विद्यार्थियों के लिए स्थानीय स्तर की कहानियों का संग्रहण किया जाना है, जिसका उपयोग कक्षा पहली से पांचवीं तक के बच्चों के लिए किया जाएगा। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र के अपर संचालक ओएल मंडलोई ने समस्त जिला परियोजना समन्वयक एवं डाईट प्राचार्यों को पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनशिक्षा केंद्र स्तर से प्राथमिक शाला के शिक्षकों द्वारा तैयार की गई 2 अच्छी कहानियों को जनशिक्षक के माध्यम से बीआरसी स्तर पर जमा की जाएगी। बीआरसी स्तर पर हिंदी विषय के बीएसी द्वारा इनका परीक्षण करते हुए 10 कहानियां जिले स्तर पर डाईट में जमा करेंगे, जिसकों हिंदी विषय प्रभारी इनका परीक्षण कर राज्य शिक्षा केंद्र की लाईब्रेरी प्रभारी को तथा रूम टू रीड संस्था को प्रेषित करेंगे।


इस तरह रहेगा विवरण


राज्य शिक्षा केंद्र के अपर संचालक मंडलोई ने जारी पत्र में बताया कि डाईट प्राचार्य, हिंदी विषय प्रभारी डाईट एवं एपीसी अकादमिक का उन्नमुखीकरण 24 व 25 सितंबर को ऑनलाईन प्रातः 11.30 बजे से दोपहर 1 बजे तक तथा शाम 4 बजे से 5.30 बजे तक किया जाएगा। वहीं जिला स्तर से बीआरसी सीएसी को 26 सितंबर तक निर्देश जारी करेंगे। जिन जिलों में डाईट प्राचार्य नहीं है, वहां पर जिला परियोजना समन्वयक करेंगे। जनशिक्षकों द्वारा 8 अक्टूबर तक 2 कहानियों का चयन तथा बीएसी हिंदी को वाट्सअप के माध्यम से प्रेषित करेंगे। बीआरसी एवं बीएसी हिंदी 12 अक्टूबर तक 10 कहानियों का चयन एवं जिले की डाईट को प्रेषित करेंगे। जहां पर डाईट नहीं है, वहां एपीसी अकादमिक को प्रेषित करना होगा। डाईट हिंदी प्रभारी द्वारा 10 कहानियों का चयन करना तथा राज्य शिक्षा केंद्र के पाठ्यक्रम कक्ष एवं रूम टू रीड संस्था को ऑनलाईन मेल के माध्यम से डाईट प्राचार्य/जिला परियोजना समन्व्यकों को 16 अक्टूबर तक प्रेषित करना है।


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