अवैध रूप से हाथभटटी महुआ शराब रखने वाले आरोपी को न्यायालय ने किया दण्डित।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट खरगोन द्वारा अवैध रूप से हाथभटटी मदिरा रखने वाले आरोपी को न्यायालय उठने तक के कारावास व एक हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
खरगोन। कार्यालय जिला लोक अभियोजन खरगोन के मीडिया प्रभारी सह सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अमरेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि दिनांक 29 अगस्त 2020 को आबकारी विभाग खरगोन ने आरोपी ओंकार पिता रडतिया भीलाला उम्र 50 वर्ष निवासी रणगांव के कब्जे से बिना लायसेंस के रखी 05 लीटर हाथभटटी मदिरा जप्त कर आरोपी के विरूद्ध आबकारी एक्ट का प्रकरण पंजीबद्ध किया। आरोपी को माननीय न्यायालय मुख्य न्या्यिक मजिस्ट्रेट खरगोन श्री आशीष दवण्डे के समक्ष पेश किया गया जहां न्यायालय ने आरोपी को आबकारी एक्ट के अपराध में न्यायालय उठने तक के कारावास व एक हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया। प्रकरण में पैरवी अमरेन्द्र कुमार तिवारी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी खरगोन द्वारा की गई।
अवैध शराब रखने वाले आरोपी का जमानत आवेदन खारिज।
चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश खरगोन द्वारा अवैध शराब रखने वाले आरोपी का जमानत आवेदन खारिज कर दिया गया ।
खरगोन। कार्यालय जिला लोक अभियोजन खरगोन के मीडिया प्रभारी एडीपीओ अमरेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि पुलिस थाना भीकनगांव को मुखबीर द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि सगुर-भगुर गांव के दगडई फालिया का दिनेश दांगोडे अपने घर के बाजू में भारी मात्रा में कच्ची- हाथ भटटी महुआ शराब एक बडे हरे रंग के प्लास्टिक के ड्रम और एक छोटे 15 लीटर के डब्बे में भरकर बाहर बेचने के लिये बैठा है। मुखबीर द्वारा बताये गये स्थान पर पुलिस पहुंची तो वहां देखा कि एक आदमी अपने घर के बाजू में बनी टपरी के अंदर अपने पास एक बडा नीले रंग का ड्रम करीबन 50 लीटर का और एक छोटा 15 लीटर प्लास्टिक का डिब्बाे लेकर बैठा था। उक्त व्यक्ति को घेराबंदी कर पकडा तथा उसके पास 60 लीटर हाथभटटी कच्ची महुआ मदिरा होना पायी गयी। आरोपी के पास उक्त शराब का वैध लायसेंस नही होने पर शराब जप्त की जाकर आरोपी को गिरफतार किया गया । आरोपी ने अपनी जमानत हेतु सीजेएम न्यातयालय खरगोन में जमानत आवेदन प्रस्तुत किया था जहां उसका जमानत आवेदन निरस्त कर उसे जेल भेज दिया था।
प्रकरण में आरोपी दिनेश पिता सीताराम उम्र 35 वर्ष निवासी ग्राम सगुर- भगुर तहसील भीकनगांव पूर्व से जेल में निरूद्ध हैं, इस आधार पर उसने अपनी जमानत हेतु आवेदन माननीय चतुर्थ अपर सत्र न्यामयाधीश खरगोन श्री सुभाष सोलंकी के समक्ष प्रस्तुत किया, जिसका विरोध अभियोजन की ओर किया गया जिनके तर्को से सहमत होकर माननीय न्यापयालय ने आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त कर दिया।
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