अनुसूचित जाति की नाबालिक लड़की के साथ बलात्कार के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर भेजा

 


विदिशा 25 सितंबर विशेष सत्र न्यायालय अनु. जाति/जनजाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम के अधीन विशेष सत्र न्यायाधीश श्रीमती माया विश्वलाल ने आरोपी शाकिर खा पुत्र अकरम खा उम्र 23 वर्ष निवासी ग्राम इमलिया थाना देहात बासौदा की जमानत खारिज की।


 


मीडिया सेल प्रभारी साकेत गोयल ने घटना के संबंध में बताया की पीड़िता घटना दिनांक 15.9.2020 के करीब 11:00 बजे पीड़िता की बहन ने उसकी मां को बताया कि पीड़िता आरोपी शाकिर के साथ मोटरसाइकिल पर बैठ कर चली गई है। पीड़िता के घरवालों ने आसपास तलाश करने पर कहीं पता ना चलने पर पीड़िता की मां की द्वारा देहात थाना बासौदा में पीड़िता के गुम होने के संबंध में रिपोर्ट लेख कराई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर पुलिस द्वारा विवेचना के दौरान दिनांक 17.09.2020 को पीड़िता के दस्तयाव होने पर पूछताछ की तब यह तथ्य सामने आया कि घटना से करीब 2 वर्ष पूर्व से पीड़िता की आरोपी शाकिर खा से बातचीत होती थी। उस समय मैं पीड़िता नाबालिक थी। आरोपी साकिर खा ने पीड़िता को नदी के पास बुलाकर गलत काम किया, और उसकी बिना कपड़ों के तस्वीरों को फेसबुक पर डालने की धमकी देकर आरोपी ने पीड़िता के साथ कई बार गलत काम किया। पीड़िता ने डर के कारण किसी को यह बात नहीं बताई थी। पीड़िता की शादी के बाद भी आरोपी शाकिर उसे डरा धमका कर गलत काम करता रहा। पीड़िता के बताए अनुसार देहात थाना बासौदा में आरोपी के विरुद्ध अपराध क्रमांक 365/ 2020 के तहत भादवि की धारा 376, 376(2)(एन), 506 एवं धारा 5/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम तथा अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(2)(v) तथा 3(2)(va)का मामला पंजीबद्ध किया गया। उक्त प्रकरण में पुलिस द्वारा आरोप पत्र श्रीमती माया विश्वलाल विशेष न्यायाधीश(एट्रोसिटी एक्ट) के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।


   विशेष लोक अभियोजक इंद्रप्रकाश मिश्रा द्वारा अपराध की गंभीरता के आधार पर जमानत आवेदन का विरोध इस आधार पर किया कि अभियुक्त के द्वारा जब पीड़िता नाबालिग थी तब से लगातार 2 वर्षों तक तथा उसकी शादी होने के बाद तक बलात्कार किया गया। बार-बार अपराध की पुनरावृति करने की प्रवृत्ति तथा नाबालिक से किए गए अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत निरस्त किए जाने का अनुरोध किया गया। अभियोजन की ओर से पक्ष सुनने के बाद न्यायालय द्वारा आरोपी की जमानत निरस्त कर उसे जेल भेजा गया।


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