आज सर्वपितृ अमावस्या पर होगा संजा माता का विसर्जन
खरगोन 17 सितंबर2020। भाद्रपद माह के शुक्ल पूर्णिमा से पितृ मोक्ष अमावस्या तक श्राद्ध पक्ष में कुंआरी कन्याओं द्वारा मनाया जाने वाला संजा पर्व भी हमारी विरासत है, जो मालवा-निमाड़, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र आदि जगह प्रचलित है। संजा एक लोक पर्व है, जिसे खरगोन में भी कुंआरी कन्याओं द्वारा मनाया जाता है। शाम को कन्याओं द्वारा एक-दूसरे के घर जाकर संजा के गीता गाती है ।संझा तू थारा घर जा कि थारी मां मारेगी कि कूटेगी और आखिरी में संजा माता को भोग लगाकर प्रसादी का वितरण करती है। कन्याओं द्वारा संझा तू थारा घर जा कि थारी मां मारेगी कि कूटेगी.........., चांद गयो गुजरात हरणी का बड़ा-बड़ा दांत ..........., म्हारा अंगना में मेंदी को झाड़......., गाय को खिलाती थी, गाय ने दिया दूध....... जैसे गीत गाए जा रहे है। इसी के अंतर्गत भावसार मोहल्ला निवासी शिवांगी महाजन द्वारा लकड़ी के पटिऐ पर संजा माता बनाई है रोजाना शाम को अपनी सहेलियों के साथ गीत गाती है। आज गुरूवार सर्वपितृ अमावस्या पर संजा माता का विसर्जन होगा।
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