315 लीटर अवैध देशी मदिरा सफारी गाडी से ले जाने वाला आरोपी पहुँचा जेल, जमानत निरस्‍त

क्राईम ब्रांच भोपाल द्वारा मुखबिर सूचना पर आरोपी से 315 लीटर देशी मदिरा एवं सफारी गाडी की थी जप्‍त



भोपाल। माननीय न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट प्रथम श्रेणी भोपाल श्री अनुराग सिंह कुशवाह के न्‍यायालय में सफारी गाडी से 315 लीटर अवैध देशी मदिरा ले जाने वाले आरोपी रवि खत्री द्वारा जमानत आवेदन प्रस्‍तुत किया और कहा कि उसे झूठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। शासन की ओर से पैरवी करते हुए अभियोजन अधिकारी श्री सुमित मारण ने बताया कि आरोपी के द्वारा किया गया अपराध अत्‍यंत गंभीर प्रकृति का है एवं आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाना उचित नहीं होगा। केस डायरी का अवलोकन एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्‍यायालय द्वारा आरोपी की जमानत निरस्‍त कर उसे जेल भेज दिया गया।


 एडीपीओ. श्री सुमित मारण ने बताया कि थाना क्राइम ब्राचं भोपाल को मुखबिर से सूचना प्राप्‍त हुई कि आरोपी रवि खत्री पिता शंकर खत्री जो ग्राम कलारा में रहता है अपनी सिल्वर रंग की सफारी गाडी से देशी शराब के क्वाटरों को लेकर कलारा से भोपाल किसी को देने के लिये जायेगा । प्राप्‍त सूचना की तस्दीक हेतु थाना क्राईम ब्रांच उनीदा जोड के पास कलारा रोड थाना गुनगा क्षेत्र में पहुंचे जहां उनीदा जोड के पास हमराह बल के उक्त सफारी गाडी का इंतजार किया। कुछ समय पश्चात एक सफारी गाडी जिसके पीछे एक मोटर साईकल कलारा तरफ से आते हुए दिखी। जिसे हमराह स्टाफ की मदद से रोड जाम कर रोका गया। सफारी को रूकता देख मोटर साईकल चालक मौके का फायदा उठाकर भाग निकला। सफारी पर वाहन क्रमांक एम.पी.53./सी.ए./0714 अंकित था। वाहन को रोककर गाडी चालक से उसका नाम पता पूछा जिसने अपना नाम रवि खत्री पिता शंकर खत्री आयु 30 साल निवासी म0न0 114 ग्राम कलारा थाना गुनगा जिला भोपाल का होना बताया। वाहन संदिग्ध प्रतीत होने से वाहन की तलाशी ली गई। जिसमें 40 पेटी 315 लीटर देशी मंदिरा रखी हुई थी। देशी मदिरा के संबंध में गाडी चालक द्वारा कोई वैध लायसेन्स नही होना बताया गया। उक्त कृत्य धारा 34(2) आबकारी एक्ट में दण्डनीय पाये जाने से अपराध क्रमांक 153/20 का पंजीबद्ध कर आरोपी रवि खत्री के कब्जे से 1750 देशी प्लेन के क्वाटर कीमति 1,22,500/- रूपये व चार पहिया सफारी वाहन कीमती 10,00,000/- रूपये के जप्त कर आरोपी को गिरफतार किया गया ।आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह बाबू गुर्जर निवासी कलारा के लिये कार्य करता है। बाबू गुर्जर सफारी को रूकता देख मौके का फायदा उठाकर भाग निकला उक्त प्रकरण में बाबू गुर्जर फरार है।


फर्जी दस्‍तावेज बनाकर मॉं का मकान विक्रय करने वाला बेटा गया जेल


भोपाल। जिले के माननीय प्रथम श्रेणी न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट श्री हीरालाल अलावा के न्‍यायालय में आरोपी सगीरउद्दीन द्वारा जमानत आवेदन प्रस्‍तुत किया और कहा कि उसे झूठा फंसाया गया है, उसने कोई अपराध कारित नहीं किया है। शासन की ओर से पैरवी करते हुए अभियोजन अधिकारी श्रीमती हेमलता कुशवाह ने बताया कि आरोपी सगीरउद्दीन ने उमर बेग, शाहिमा रईस एवं आमिर सिद्धिकी के साथ साठ-गांठ कर कूटरचित दस्‍तावेज बनवाकर शासकीय मकान का विक्रय किया गया है, विवादित मकान शासकीय भूमि पर बना है, जिसे विक्रय करने का अधिकार आरोपी को नहीं है। प्रकरण विवेचनाधीन है। केस डायरी का अवलोकन एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए माननीय न्‍यायालय द्वारा आरोपी की जमानत निरस्‍त कर उसे जेल भेज दिया गया।


 एडीपीओ. श्रीमती हेमलता कुशवाह ने बताया कि फरियादिया श्रीमती रईसा बी पति स्‍व. नसीरउद्दीन द्वारा रिपोर्ट लेख कराई गई कि मेरे पति की मृत्‍यु हो चुकी है, एवं उनके स्‍वत्‍व स्‍वामित्‍व एवं अधिपत्‍य का एक मकान म. नं. 95 मुफ्ती नाले के पीछे तहसील हुजूर जिला भोपाल में स्थित है, जिसका क्षेत्रफल 930 वर्गफीट है। जिस पर अब फरियादिया का अधिकार है एवं उसने अपनी वसीयत किसी भी पुत्र के नाम नहीं की है। फरियादिया एक अस्‍वस्‍थ वृद्ध महिला है, जो अपनी बेटी के साथ रहती है। फरियादिया के बेटे सगीरउद्दीन एवं पोते अमानुद्दीन के द्वारा फरियादिया के स्‍वामित्‍व के मकान के कूटरचित दस्‍तावेज बनाए गए है। जिसकी जानकारी फरियादिया के पोते अमानउद्दीन के द्वारा दी गई कि उसे पैसो की जरूरत है और वह बाम्‍बे जाकर बिजनेस करना चाहता है, इसलिए उक्‍त मकान बेचना चाहता है, मकान खाली कर दो, वरना वह मकान का सामान बाहर निकाल कर फेंक देगा। फरियादिया के पुत्र एवं पोते का कहना है कि उन्‍होने मकान के कागजात बनवा लिये है, उन्‍होने मकान को 1975 में खरीद लिया है एवं 50000 रूपये की राशि प्राप्‍त करके मकान बेचने का बयाना भी ले लिया है।


 पुलिस द्वारा उक्‍त अपराध थाना टीलाजमालपुरा के अपराध क्रमांक 368/2020 धारा 420, 448, 467, 468, 471, 120 बी भादवि के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया। 


                          


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