जिले में कोरोना मरीजों का आंकड़ा पहुंचा 1300 के पार
खरगोन। पिछले 24 घंटे में 26 मरीजों की पुष्टि होने के साथ ही जिले में कोरोना से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 1300 के पार पहुंच गया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय द्वारा मंगलवार को जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार पिछले 24 घंटे में कोरोना से संक्रमित 26 मरीजों की पुष्टि की गई है। इसके अलावा 43 मरीज स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज हुए। इस तरह जिले में कुल कोरोना से संक्रमित 1319 मरीज है। इनमें 1088 मरीज स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज हुए, 25 की मृत्यू तथा 206 मरीज स्थिर है। पिछले 24 घंटे में 449 सैंपलों की नेगेटिव रिपोर्ट प्राप्त हुई है तथा 588 नए सैंपल जांच के लिए भेजे गए है। जिले में 130 कंटेनमेंट एरिया घोषित है।
कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए गृह विभाग ने जारी किए निर्देश
खरगोन। कोविड-19 महामारी की रोकथाम को देखते हुए धार्मिक कार्य/ त्यौहार का आयोजन सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी प्रकार की मूर्ति, झांकी एवं ताजिऐ आदि स्थापित नहीं करने को लेकर निर्देश जारी किए थे। इसी के अंतर्गत गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने समस्त कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी को पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा मूर्तियों एवं ताजिऐ वार्ड वार टेंकरों/वाहनों में एकत्र कर विसर्जन का कार्य प्रशासन की टीम द्वारा किए जाने की व्यवस्था की गई है तथा व्यक्तिगत विसर्जन को प्रतिबंधित किया गया है। इसके अलावा कोविड संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए सार्वजनिक रूप से नदियों, तालाबों तथा अन्य स्त्रोतों पर आम जन का एकत्रित होना प्रतिबंधित किया जाएं।
न्यायिक हिरासत में कारागार भेजे जाने वालों का हो कोरोना टेस्ट
स्वास्थ्य एवं जेल विभाग ने संयुक्त रूप से जारी किए निर्देश
खरगोन। न्यायिक हिरासत में कारागार भेजे जाने वाले बंदियों को कोरोना संबंधी टेस्ट कराने के उपरांत ही कारागारों में दाखिल कराएं जाने के संबंध में न्यायालयीन आदेश हुआ है। आदेश के परिपालन में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान एवं जेल विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने संयुक्त रूप से कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन एवं समस्त जेल अधीक्षकों को पत्र लिखकर आदेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में कोरोना संक्रमण के फैलाव तथा कारागारों में आने वाले बंदियों की संख्या में वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में अस्थाई 14 कारागार आरंभ किए गए हैं। इन अस्थाई जेलों में नई आमद के बंदियों को प्रविष्ट कराया जा रहा है। शेष कारागारों में नई आमद सीधे मुख्य जेलों में प्रविष्ट हो रही हैं। वर्तमान में प्रदेश में अस्थायी एवं मूल कारागार की व्यवस्था है। इन कारागारों में कोरोना संक्रमण को देखते हुए व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए है। अस्थाई एवं मूल कारागार में जिला मुख्यालय में सभी बंदियों को आरटीपीसीआर या एंटीजन टेस्ट के बाद ही पुलिस द्वारा अस्थायी कारागार में प्रविष्ट किया जाएगा। रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत यदि बंदी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो उन्हें उपचार के लिए पुलिस अभिरक्षा में कोविड-19 सेंटर भेजा जाएगा। जिन बंदियों की रिपोर्ट निगेटिव आती है, तो उन्हें मूल कारागार की कोरेनटाईन बैरेक में 14 दिन के लिए रखा जाएगा। कोरेनटाईन बैरेक में रखे गए बंदियों में से किसी में भी कोविड-19 के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उनका पुनः आरटीपीसीआर कराया जाएगा। पॉजिटिव आने पर उपचार के लिए भेजा जाएगा और निगेटिव आने पर मूल कारागार की कोरेनटाईन बैरेक में 14 दिन के लिए रखा जाएगा।
स्क्रीनिंग में लक्षण दिखाई देने पर टेस्ट कराया जाएगा
मूल कारागार में जो व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, उनमें अस्थाई कारागार से कोरेनटाईन बैरेक में 14 दिन रखने के बाद बंदियों को मूल कारागार में शिफ्ट कराया जाएगा। मूल कारागार में भी समस्त बंदियों की प्रतिदिन स्क्रीनिंग की जाएगी। स्क्रीनिंग में लक्षण दिखाई देने पर टेस्ट कराया जाएगा। यदि रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त होती है, तो बंदी को पुलिस अभिरक्षा में जिला कोविड-।9 उपचार केंद्र भेजा जाएगा। नेगेटिव रिपोर्ट आने पर उन्हें मूल कारागारों में कोरेनटाईन बैरेक में 14 दिन के लिए रखा जाएगा। आदेश में यह भी कहा गया है कि कारागारों को सामूहिक संक्रमण से बचाने के लिए जेल, पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को समन्वय एवं सामूहिक उत्तरदायित्व की भावना से कार्य करना आवश्यक है। संबंधित अधिकारियों को निर्देशों का कढ़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
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