मनरेगा में समय पर भुगतान करने में खरगोन जिले की 3 पंचायतें टॉप-10 में

खरगोन 30 जुलाई 2020/ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना आज सबसे बड़ी काम देने वाली योजना साबित हो रही है। इस योजना के अंतर्गत जिले ने समय पर भुगतान करने में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। मनरेगा अधिनियम के अंतर्गत 15 दिनों में भुगतान करने का उल्लेख किया गया है। उसी को ध्यान में रखते हुए जिला पंचायत सीईओ श्री गौरव बेनल लगातार न सिर्फ काम प्रदान करने, बल्कि समय पर भुगतान करने को लेकर भी निर्देशित करते रहे। गुरूवार को ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आयोजित वीडियों कांफ्रेंसिंग में ऐसी जनपदों की सराहना की गई, जो एक्ट के अंतर्गत समय पर भुगतान कर रही है। प्रदेश में ऐसी 23 जनपद है, जो समय पर भुगतान करने में सफलता अर्जित कर रही है, उनमें 3 जनपदें गोगावां, महेश्वर व झिरन्या जिले की है। इन जनपदों में समय पर भुगतान करना जिले के भौतिक स्वरूप को ध्यान में रखते हुए बड़ी उपलब्धि कहीं जा सकती है, क्योंकि आज इन जनपदों में कनेक्टिविटी की शिकायतें लगातार आती रहती है। बावजूद इसके समय पर भुगतान करना उल्लेखनीय है। इन तीन जनपदों में 20 अप्रैल से प्रारंभ हुए मनरेगा के कार्य में अब तक 65045 मजदूरों को 21 करोड़ 72 लाख 14 हजार रूपए का समय पर भुगतान किया गया है। पूरे जिले की बात की जाए, तो जिले में 1 लाख 75 हजार 217 मजदूरों को 60 करोड़ 72 लाख रूपए का भुगतान अब तक किया जा चुका है।


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झिरन्या जनपद लगातार 3 वर्षों से समय पर भुगतान करने में आगे


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जिले की गोगावां, महेश्वर व झिरन्या जनपद प्रदेश में समय पर 100 प्रतिशत भुगतान करने वाली जनपदें है। ज्ञात हो कि झिरन्या जनपद पिछले 3 वर्षों से लगातार नेट की कनेक्टिविटी में समस्या होने के बावजूद भी 100 प्रतिशत भुगतान करने में सफल हो रही है। मनरेगा के परियोजना अधिकारी श्याम रघुवंशी ने बताया कि मनरेगा योजना में किसी भी व्यक्ति को काम देने के लिए विधिवत प्रक्रिया का पालन किया जाता है। मजदूरों को 7 दिन का मस्टर निकालकर काम देते है। इसके बाद 8 दिन में भुगतान की एफटीओ जारी करना होते है। इस तरह 15 दिन में भुगतान करने का प्रावधान दिया गया है। यह मस्टर विभिन्न चरणों में प्रक्रिया से गुजरता है, जिसके कारण विलंब होता है। किसी भी मस्टर को ग्राम रोजगार सहायक द्वारा उपस्थिति दर्ज कर उपयंत्री के मूल्यांकन के बाद फीड किया जाता है। इसके पश्चात सहायक लेखाधिकारी लॉगिन आईडी से पहली बार डिजिटल हस्ताक्षर करता है और फिर जनपद सीईओ द्वारा द्वितीय हस्ताक्षर किए जाते है। यहां से बैंक को भुगतान के लिए प्रस्तुत होता है। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाईन होती है।


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