मास्क पहन बेटी ने शहीद पापा को पहनाई माला

खरगोन (अमन वर्मा) कोरोना संक्रमण में लॉकडाउन के बीच भारतीय सेना के शौर्य के प्रतीक कारगिल विजय दिवस पर रविवार को सामूहिक कार्यक्रम नहीं हुआ। 26 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में भारतीय सेना ने विजय हासिल की थी। इसमें दुश्मनों से लोहा लेते घुघरियाखेड़ी के लांसनायक राजेंद्र यादव शहीद हुए। रविवार को 21वें कारगिल विजय दिवस पर संक्षिप्त कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। सुबह 9 बजे शहीद की बेटी मेघा यादव व पत्नी प्रतिभा यादव के अलावा शहीद राजेंद्र यादव समिति अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता, जितेंद्र कर्मा व नरेंद्र यादव ने शामिल होकर श्रद्धांजलि दी। शहीद की बेटी ने मास्क पहनकर लांसनायक की प्रतिमा पर माला पहनाकर कोरोना काल में संक्रमण से बचने का संदेश दिया। यहां सरकारी स्तर पर कोई कार्यक्रम नहीं रखा गया। ऐसा पिछले 21 साल में पहली बार हुआ। समिति से जुड़े लोगों ने बताया तोनालिंग पोस्ट पर कब्जे के दौरान युद्ध में दुश्मनों से लड़ते हुए 26 मई 1999 को राजेंद्र यादव शहीद हुए।


पापा के नाम पर है गांव का स्कूल, पिता जैसी देशसेवा करना चाहती है मेघा यादव


मेघा कारगिल विजय दिवस से एक दिन पहले शनिवार शाम को शहीद स्मारक स्थल पहुंची थीं। उन्होंने शहीद पापा की प्रतिमा को साफ किया। रविवार को वह मां व समाज प्रतिनिधि व समिति सदस्यों के साथ फूलमाला लेकर पहुंची। इंदौर में बीए फाइनल कर रही मेघा के मन में भी पिता के जैसा देश सेवा का जज्बा है। वह भी सेना में जाना चाहती है। वह पापा के देशसेवा के किस्से सुनकर प्रेरित हुई। इसी जोश के चलते 2018 में ‘दैनिक भास्कर’ के साथ उन्होंने पिता के नाम पर गांव की स्कूलों के नामकरण की मुहिम में सक्रियता से आगे आई। शासन, प्रशासन व मुख्यमंत्री को पत्र लिखे। धरना भी दिया। आखिरकार शहीद के नाम पर गांव की तीन सरकारी स्कूलों का नामकरण हो गया ।


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