किसान की उपज वजन में आया 20 किलो का अंतर
खरगोन । कृषि उपज मंडी में किसान कमल भोलासिग द्वारा गेहूं की उपज बिक्री हेतु लाई गई थी। गेहूं की उपज मंडी नियमानुसार नीलाम में व्यापारी फर्म श्याम ट्रेडर्स कंपनी में बिकी। बिक्री पश्चात उपज का तौल मंडी में मंदिर के पास स्थित इलेक्ट्रॉनिक तौलकांटे से हुई जिसका वजन कृषक के अनुसार कम आ रहा था। शंका की स्थिति में किसान ने मंडी के अंदर ही कुछ दूरी पर स्थित दूसरे इलेक्ट्रॉनिक तौलकाँटे पर उपज से भरे वाहन का तौल कराया, इस तरह कृषक ने दोनों अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक तौलकांटे पर अपने वाहन का भरा-खाली वजन करवाकर तौलकंटे संचालक से पर्ची ले ली।
*दोनों इलेक्ट्रॉनिक तौलपर्ची में आया 20 किलो का अंतर*
दोनों तौलकंटे की पर्चियों में पृथक वजन देखकर कृषक के होश फाख्ता हो गए, क्योंकि वजन में पूरे 20 किलो का अंतर आ रहा था। मंदिर के पास स्थित इलेक्ट्रॉनिक तौलकंटे का वजन कम आने की शिकायत कृषक ने सीधे मंडी सचिव से की। किसान ने मंडी प्रशासन से शिकायत में यह कहा कि मेरे एक वाहन में यदि 20 किलो का अंतर आया तो दिनभर में सैकड़ों वाहन मंडी में आते हैं, उनके साथ भी यही होता होगा तो कितने क्विंटल अनाज की किसानों को सीधे चपत लगती होगी।
*आखिर कब से हो रहा है ये सब*
कृषक ने आगे बताया कि यदि मैं घर से तौलकर नहीं लाता तो मुझे भी पता नहीं चलता। किसान हाड़-तोड़ मेहनत कर उपज उत्पन्न करता है, दाने-दाने सहेजता है तब कहीं जाकर उपज एकत्रित कर पाता है। महंगे खाद-बीज-दवाई खरीदकर फसलों में डालना पड़ता है, उसके उपरांत भी वाजिब दाम नहीं मिल पाते, ऊपर से मण्डियों में इस तरह की लूट-खसोट होती है जो कि असहनीय है, सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए व तुलावटियों की बहाली होनी चाहिए जिससे किसानों का तौलकार्य पारदर्शिता पूर्वक हो सके।
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