खरगोन जिले में तेजी से पैर पसार रहा है कोरोना

 


 खरगोन 14 जुलाई (मनिष मडहार)संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन की दरकार।अनलॉक बाद कई राज्योँ में कोरोना संक्रमण फैलने की गति में आये उछाल ने शासन-प्रशासन सहित आम और खास को सकते में डाल दिया है। इस विकट परिस्थिति से पश्चिम निमाड़ का खरगोन जिला भी अछूता नहीं है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो यहां 30 कोरोना पॉजिटिव सामने आए हैं। तेजी से फैल रहे संक्रमण पर रोकथाम को लेकर स्थानीय प्रशासन को जल्द ही कोई निर्णय लेना पड़ेगा नहीं तो निकट भविष्य में हालात बेकाबू हो सकते हैं।कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए ज्यादातर राज्यों ने फिर से लॉकडाउन (Lockdown) के आदेश दिए हैं। अगर कोरोना की चेन को ​तोड़ना है तो जिला प्रशासन खरगोन को कम से कम 14 दिन के लिए लॉकडाउन लगाना ही होगा तभी कोरोना के बढ़ते हुये आकड़ो पर रोक लग सकती हैं । देश में इस समय कोरोना पीक पर है । जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या जिस तरह से बढ़ती दिख रही है उससे लग रहा है कि कोरोना के आंकड़ों में अभी कमी आने में काफी वक्त लग सकता है। जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित केसों की संख्या का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। हालात की गंभीरता को देखते हुए अब एक बार जिले में लॉकडाउन लागू करने की दरकार को महसूस किया जाने लगा है। शहर के कई बुद्धिजीवियों का मानना है कि अगर कम से कम 14 दिनों के लिए जिले में फिर से लॉकडाउन कर दिया जाए तो कुछ राहत मिल सकती है। जब शहर में 50 कोरोना संक्रमित मरीज थे, तब पूरा खरगोन बंद हो गया था, उस समय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन वर्तमान में जब रोगियों का आंकड़ा 400 के करीब पहुंच गया है। तो प्रशासन क्यों सुध नहीं ले रहा है, कोरोना की चैन तोडऩे के लिए लॉकडाउन की कारगर साबित हो सकता है।*


 


*जागरुक नागरिकों ने खरगोन सहित अंचल के गांवों में संक्रमितों की बढ़ती संख्या को लेकर चिन्ता जाहिर की है। शहर की हर गली-मोहल्ले में कोरोना संक्रमित रोगी सामने आ रहे हैं। अनलॉक में मिली छूट का लोग गलत फायदा उठा रहे हैं और लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना पूरी तरह से छोड़ दिया है. प्रशासन को कोरोना कंटेनमेंट इलाकों में लगातार नजर रखनी चाहिए। पूरे शहर मे लॉकडाउन लगा कर सख्ती से पालन कराना चाहिए।*


 


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