खरगोन जिले की महेश्वर जनपद की ग्राम पंचायत सुलगाव में वित्तीय अनियमितता की जांच


 


खरगोन 29 जुलाई (अमन वर्मा )।डूब क्षेत्र में निर्माण कार्यो में जारी कर दी लाखो की राशि जांच दल के अनियमितताओ संबंधी सवालों के जवाब पर पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक ने दिए ढुलमुल जवाब, जिले की महेश्वर जनपद पंचायत क्षेत्र की ग्राम सुलगांव में गत दो वित्तीय वर्षों से चल रही वित्तीय अनियमितताओं की लिखित शिकायत ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को 9 जुलाई को की थी। ग्रामीणों ने पंचायत के ज़िम्मेदार सचिव चंद्रपाल सिंह ठाकुर, रोजगार सहायक सुनीता खेड़े एवं सरपंच सकुबाई पर वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। जिसके चलते कलेक्टर गोपाल चन्द डाड ने जिला पंचायत सीईओ को शिकायत पर जांच करने हेतु निर्देशित किया। जिला पंचायत सीईओ द्वारा गठित जांच दल जिसमे आरईएस के ईई जे सी पवार, पीओ मनरेगा एस के रघुवंशी, एवं पंचायत निरीक्षक ओमप्रकाश जाट ने मंगलवार को सुलगांव स्थित पंचायत कार्यालय पहुच शिकायत संबंधी जांच की। जांच दल ने शिकायत में लिखे कई बिंदुओं को सही पाया। जांच के बाद दल ने गत दो वित्तीय वर्ष की कैश बुक, बिल वाउचर सहित भुगतान संबंधी कागजात जब्त कर आगामी जांच हेतु अपने साथ ले गए। 


 


ग्रामीणों ने शिकायत में लगाये थे कई आरोप-


कलेक्टर को की गई शिकायत में ग्रामीणों ने पंचायत में कई वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए थे। ग्रामवासी जनपद सदस्य ओमप्रकाश परिहार, विजय पाटीदार, शिवनारायण पाटीदार, मनोज पाटीदार, अनिल पाटीदार, महादेव पाटीदार, सुखदेव पाटीदार ने अपनी शिकायत में मनरेगा के जॉब कार्ड में अनियमितता, फर्जी तलाई में अनियमितता, फर्जी सीसी रोड जैसे कई बिंदुओं पर अनियमितता के आरोप लगाए थे। ग्रामीणों ने अपने शिकायती आवेदन में यह भी बताया था कि उक्त अनियमितताओ में लाखों रु का फर्जी भुगतान किया जा चुका है। जांच दल ने किया शिकायत के बिंदुओं की भौतिक जांच की-


मंगलवार को जांच दल के सुलगांव स्थित पंचायत कार्यालय पहुचने पर शिकायतकर्ता ग्रामीणों ने अपनी शिकायत संबंधी बात रखी। जिसके प्रतिउत्तर में जांच दल ने पंचायत के जिम्मेदार सचिव एवं रोजगार सहायक से जवाब मांगा। सचिव एवं रोजगार सहायक द्वारा शिकायत संबंधी प्रश्नों का ढुलमुल जवाब दिया गया। वही शिकायत के बिंदुओं की भौतिक जांच पर भारी अनियमितता भी पाई गयी। महेश्वर जल विद्युत परियोजना के के अंतर्गत गिट्टी खदान के गड्ढे को शासकीय तलाई बता कर प्रतिवर्ष राशि का भुगतान पाया गया चालू वित्तीय वर्ष में भी 2 लाख का भुगतान किया जा चुका है। मांगलिक भवन का सीसी रोड जिसकी अनुमानित लागत 7 लाख थी। निर्माण हुआ नही पर भुगतान पूरा हो चुका है यहां तक कि उपयंत्री राजेश राठौड़ द्वारा सीसी रोड का पूर्णता प्रमाणपत्र भी जारी हो चुका है। 


इनके अलावा मनरेगा के अंतर्गत जारी 285 जॉबकार्ड में से प्रतिवर्ष कुछ गिनेचुने जॉबकार्ड पर ही भुगतान किया जा रहा है। जिसमे एक जेसीबी का ऑपरेटर भी है। पेंशनधारी के नाम जारी जॉबकार्ड पर भी नियमित भुगतान पाया गया। जांच दल द्वारा भौतिक जांच के मौके मुआयने के समय पंचायत का कोई जिम्मेदार जांच दल के साथ मौजूद नही रहा। ग्रामीणों ने ही जांच दल को मौका मुआयना करवाया। 


 


बिना नियुक्ति पत्र के दो माह से काम कर रही रोजगर सहायक खेड़े


जांच दल द्वारा जांच संबंधी पूछताछ के दौरान रोजगार सहायक सुनीता खेड़े ने बताया कि उनकी नियुक्ति मई माह में की गई है। अभी तक जनपद सीईओ द्वारा नियुक्ति पत्र जारी नही किया गया है। अब सबसे विचारणीय बात यह बनती है कि बिना नियुक्ति पत्र के रोजगार सहायक पंचायत के मस्टर भर रही है एवं भुगतान भी हो रहा है। 


 


ग्रामीणों ने कुछ भुगतान पर भी जताई आशंका


ग्रामीणों ने अपनी शिकायत के आधार पर पंचायत द्वारा गत दो वित्तीय वर्ष में किये गए बड़े भुगतान पर आशंका जताई। ग्रामीणों ने बताया कि दिनेश पिता हरिराम पाटीदार को तकरीबन 15 लाख एवं वासुदेव पिता हरिराम पाटीदार को तकरीबन साढ़े 3 लाख का भुगतान फर्जी बिलो के माध्यम से किया गया है। वही भारत सिंह पिता कालू जो पंच है उन्हें भी 95 हजार का भुगतान किया गया है। इसके अलावा 7 से अधिक व्यक्तिगत खातों में कुल 45 लाख के भुगतान पर ग्रामीण शिकायतकर्ताओं ने आपत्ति दर्ज की। 


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क्या कहना है जांच अधिकारी का


एस के रघुवंशी (पीओ मनरेगा): ग्रामीणों की शिकायत पर जांच की है। कई बिंदुओं पर प्रथम दृष्टया अनियमिता दिखाई दे रही है। आगामी जांच हेतु कैश बुक एवं बिल बाउचर जब्त कर लिए गए है। जांच पूर्ण होने के बाद जिम्मेदारों पर उचित कार्यवाही की जाएगी।


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