अपंजीकृत वाहनों से हो रहा परिवहन। खनिज विभाग मौन।
खनिज विभाग तोड रहा आरटीओ के नियम।
एक शासकीय विभाग द्वारा दूसरे शासकीय विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है सभी कार्य ऑनलाइन होने के बाद भी नियमों की परवाह विभागीय अधिकारियों द्वारा नहीं की जा रही जिसमें राजस्व को नुकसान तो पहुंच ही रहा है । जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश शासन खनिज विभाग के द्वारा पंजीकृत वाहनों के माध्यम से ही खनिज संपदा का परिवहन करना है लेकिन खरगोन में इनका पालन नहीं किया जा रहा है यहां पर कृषि कार्य में लगे हुए ट्रैक्टरों का रेत गिट्टी और मूरम लाने ले जाने में परिवहन में किया जा रहा है कृषि कार्य में उपयोग होने वाले इन ट्रैक्टरों का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है आरटीओ खरगोन ओर जिला प्रशासन द्वारा इन पर कठोर कार्यवाही किया जाना आवश्यक है ।
खरगोन : ( मनीष मड़ाहर ) खरगोन जिले का खनिज विभाग कुम्भकरणी नींद में सोया हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में रेत, गिटटी,और मूरम का अवैध परिवहन थमने का नाम ही नही ले रहा है। जिसको लेकर जिले के खनिज विभाग पर उंगलियां उठना लाजमी है। खनिज विभाग की लापरवाही के चलते क्षेत्र के कई स्थानों से रेत और मूरम का बैखोफ़ खनन कर अपंजीकृत वाहनो के माध्यम से परिवहन धड़ल्ले से कर रहे है। जिले में खनिज विभाग द्वारा किसी भी खनन माफिया पर कार्यवाही नही की गई जिसके चलते रेत के (टेक्टर ट्रॉली) बैखोफ़ होकर सड़को पर दौड़ रहे है। अधिकारी द्वारा दिखावे के लिए एक दो जगह कार्यवाही की जाती है। और फिर मामला लंबे समय के लिए हवा हवाई हो जाता है। रेत, गिट्टी, ओर मुरम का एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने और ले जाने के लिए जिन वाहनों का इस्तेमाल किया जाता है उन्हें खनिज विभाग में पंजीकृत करवाना आवश्यक होता है । खनिज विभाग और शासन के निर्देश है कि पंजीकृत वाहनों के माध्यम से ही खनिज संपदा का परिवहन किया जाये लेकिन खरगोन जिले में खनिज विभाग में मात्र 97 वाहन (76 ट्रेक्टर ट्राली ओर शेष डंपर ) रजिस्टर्ड है। खनिज संपदा के परिवहन में इन पंजीकृत वाहनों का ही उपयोग किया जाए लेकिन खनिज विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ से 1000 से ज्यादा ट्रेक्टर ओर डंपर में खुलेआम माल ढोया जा रहा है। खनिज विभाग से सांठगांठ होने के कारण इन वाहनों पर कार्यवाही नही होती इन अपंजीकृत वाहनों पर यातायात पुलिस और आरटीओ का ध्यान भी नही है ।
राजसात की कार्यवाही हो।
आरटीओ में कृषि कार्य के लिये पास इन ट्रेक्टरो में खुलेआम रेत,गिट्टी ओर मुरम का परिवहन कर व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है । खनिज विभाग की ओर से कोई ठोस कार्यवाही नही होने के कारण इनकी संख्या में बढ़ोतरी हो रही है वही शासन के राजस्व का नुकसान हो रहा है ।कृषि कार्य मे पासिंग ट्रेक्टरो को पकड़कर कठोर धाराओ में केस दर्ज कर राजसात किया जाना चाहिये । वही आरटीओ विभाग में दर्ज इन ट्रेक्टर का कृषि कार्य के बजाय व्यवसायिक उपयोग पाए जाने पर व्यवसायिक टैक्स वसूल किया जाना शासन हित मे होगा।
खनिज विभाग निष्क्रिय क्यो ?
नगर सहित आसपास के क्षेत्राें में बड़ी मात्रा में रेत का अवैध परिवहन और उत्खनन किया जा रहा है। माफिया बेखौफ होकर अवैध रूप से परिवहन और अवैध उत्खनन कर रहे हैं। पुलिस की कार्यवाही से खनिज विभाग सवालों के घेरे में नज़र आ रहा है आखिर खनिज विभाग क्यों नहीं अवैध डम्परों व भारी वाहनों पर प्रभावी कार्रवाई करता, या तो इनकी मिलीभगत है या किसी दबाव में इस कार्रवाई को अंजाम नहीं दे पाते। खनिज विभाग ने पिछले 4 माह में प्रदेश में अवैध परिवहन को लेकर 2101 केस बनाये हैं जबकि जिले में इस अवधि में मात्र 29 केस बने है ।
पुलिस चुस्त ओर खनिज विभाग सुस्त ।
नवागत पुलिस कप्तान की मुस्तैद कार्यप्रणाली ने अवैध रेत कारोबारियों की नींद उड़ा दी है। खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के चलते अरसे से रेतमाफ़ियाओं के हौसलें बुलंद हैं, लेकिन पुलिस कप्तान शैलेंद्रसिंह चौहान के जिले की बागडौर संभालते ही अवैध रेत,गिट्टी,ओर मुरम के कारोबार से जुड़े लोग सकते में है। पुलिस द्वारा जिले में कार्यवाही लागातार जारी है पिछले पखवाड़े में पुलिस ने 6 ट्रेक्टर ओर 2 डंपर पर कार्यवाही की जबकि खनिज विभाग खनिज माफियाओ की साठगांठ के कारण सुस्त है।
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