कोरोना महामारी में भी सरकार की प्राथमिकता रही किसानों और गरीबों की मदद


सभी जरूरतमंदों के बैंक खातों में पहुंचे 6526 करोड़
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खरगोन 02 मई 2020/ प्रदेश में किसानों, श्रमिकों, बेसहारा लोगों, गरीबों बुजुर्गों और जरूरतमंदों की मदद करना सदैव मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की प्राथमिकता में रहा है। कोरोना महामारी से लड़ते हुए भी मुख्यमंत्री श्री चौहान अपनी यह प्राथमिकता नहीं भूले। पिछले लगभग डेढ़ माह में  राज्य सरकार द्वारा 6526 करोड़ रुपए की राशि प्रदेश के इन सभी जरूरतमंदों के खातों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से पहुंचाई गई है। मुख्यमंत्री ने इन सभी जरूरतमंदों की योजनाओं के क्रियान्वयन में पिछले एक साल से प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, राज्य का खजाना खाली है, जैसी कही जाने वाली बातों को निर्मूल साबित कर दिया है। साथ ही यह भी प्रमाणित कर दिया है कि किसान और गरीब सरकार की पहली प्राथमिकता हैं और उनकी मदद से कोई बाधा उन्हें रोक नही सकती। राज्य सरकार ने 15 लाख किसानों को फसल बीमा की 2990 करोड़ रुपए की राशि उनके खातों में ट्रांसफर की है। किसानों की फसल को भी समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की गई है। खरीदी शुरू होते ही शुरू के 15 दिन में 5 लाख 65 हजार किसानों से 28 लाख मेट्रिक टन से अधिक गेहूं खरीदा गया है। इसके लिए किसानों को अब तक लगभग 2 हजार करोड़ रुपए भुगतान भी कर दिया गया है।
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 लॉकडाउन में सरकार ने संनिर्माण कर्मकार मंडल में पंजीकृत 8 लाख 85 हजार मजदूरों के खाते में प्रारंभ 1-1 हजार रुपए और उसके बाद में फिर से 1-1 हजार रुपए की अतिरिक्त सहायता ऑनलाईन भेजी है। इस प्रकार निर्माण कार्यों से जुड़े संनिर्माण कर्मकार मंडल में इन सभी मजदूरों के खाते में 177 करोड़ 30 लाख रूपए की राशि ट्रांसफर कर दी गई है। कोरोना संक्रमण के इस दौर में राज्य के असंगठित क्षेत्र के मजदूर जो प्रदेश से बाहर अन्य राज्यों में कार्य करने के समय लॉकडाउन की घोषणा के बाद वहां पर फंस गए हैं। ऐसे सभी 20 हजार श्रमिकों के खाते में 1 हजार रुपए के मान से कुल 2 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। प्रदेश में अन्य 22 राज्यों के फंसे 7 हजार प्रवासी श्रमिकों को भी उनकी तत्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए 1 हजार रुपए के मान से सहायता राशि पहुंचाई गई है।
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 प्रदेश सरकार द्वारा महामारी की विपत्ति में बेसहारा, बुजुर्गों आदि को दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन की 562 करोड़ रुपए की राशि 46 लाख हितग्राहियों के खातों में भेजी गई है। इसमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन, विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन और निराश्रित पेंशन आदि का अगले 2 माह का भुगतान किया गया है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की शासकीय प्राथमिक शालाओं में अध्ययनरत 60 लाख 81 हजार बच्चों और माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत 26 लाख 68 हजार बच्चों के अभिभावकों के खाते में मध्यान्ह भोजन योजना के 117 करोड़ और योजना मे कार्यरत 2 लाख 10 हजार रसोइयों के खाते में 42 करोड़ 3 लाख 8 हजार रुपए ट्रांसफर किए है। इसी तरह विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं में 52 लाख छात्र-छात्राओं के खातों में 430 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान भी कर दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा निराश्रित गौ-वंश के लिए 599 गौ-शालाओं में गेहूं, चना, भूसा की आपूर्ति के लिए 29 करोड़ 85 लाख रूपए दिए गए हैं। सरकार की इस पहल से प्रदेश के 66 हजार गौ-वंश को गौ-शालाओं के माध्यम से पर्याप्त भूसा उपलब्ध हो सकेगा।
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  लॉकडाउन की अवधि में जिलों में आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा भी राशि उपलब्ध कराई गई है। प्रत्येक जिले को स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 2-2 करोड़ रुपए की राशि इस काम के लिए दी गई है। यह राशि राहत शिविरों और भोजन व्यवस्था आदि के लिए दी गई है। इसके अतिरिक्त लॉकडाउन में आम आदमी को किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं हो, इसके लिए प्रशासन को आकस्मिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक जिले को 1-1 करोड़ रुपए के हिसाब से कुल 156 करोड़ रूपए दिए गए हैं। कोरोना महामारी में लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवासी श्रमिकों, निराश्रितों और असहायों के लिए भोजन, आश्रय आदि की व्यवस्था के लिए 70 करोड़ रुपये जारी किए है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की सहरिया, बैगा एवं भारिया अति पिछड़ी जनजातियों के लोगों के बैंक खातों में भी दो माह की अग्रिम सहायता राशि समय पर पहुंचा दी गई हैं। राज्य सरकार हर गरीब व्यक्ति की मदद कर रही है।


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