6 लाख से अधिक व्यक्तियों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई त्रिकटू काढ़े ने


खरगोन 03 मई 2020/ हमारे देश की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में हर बीमारी का इलाज मौजूद है, लेकिन अफसोस है कि कई लोग आयुर्वेद को तरजीह न देते हुए अंग्रेजी दवाईयों को अपनाने लगे है। आपको बता दें कि आयुष विभाग ने कोरोना से लड़ने के लिए अपने सबसे महत्वपूर्ण आयुर्वेद का उपयोग 8 मार्च से ही प्रारंभ कर दिया था। जब हमारे खरगोन में इसकी दस्तक भी नहीं हुई थी। जिला आयुष अधिकारी डॉ. वासुदेव आसलकर ने बताया कि आयुर्वेद की अनेकों औषधियां ऐसी है, जो न सिर्फ रोग को जड़ से मिटाती है, बल्कि व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता में भी चमत्कारिक बढ़ावा करती है। इन सब बातों को ध्यान में रखकर 8 मार्च से आयुष विभाग द्वारा त्रिकटू काढ़ा चूर्ण, संशमनी वटी एवं होम्योपैथी औषधि आर्सेनिक एल्बम 30 का लगातार वितरण करता रहा है। 2 मई तक विभाग द्वारा जिले की 594 ग्राम पंचायतों में 43 दलों द्वारा निरंतर 6 लाख 37 हजार 689 व्यक्तियों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए त्रिकटू काढ़ा चूर्ण, संशमनी वटी एवं होम्योपैथी औषधि आर्सेनिक एल्बम 30 का वितरण किया गया है। शहरी क्षेत्र में त्रिकटू काढ़ा चूर्ण, संशमनी वटी 13265 व्यक्तियों को और 9556 व्यक्तियों को होम्योपैथी औषधि आर्सेनिक एल्बम 30 वितरित की गई। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में 4 लाख 21 हजार 743 व्यक्तियों को आयुर्वेद की औषधि और 1 लाख 92 हजार 125 व्यक्तियों को होम्योपैथी औषधि आर्सेनिक एल्बम 30 प्रदान की गई।


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